विदिशा। भोपाल सर्किल में आने वाले पुरातत्व विभाग के तकरीबन 600 दैनिक वेतन भोगियों की नौकरी पर संकट गहराने लगा है. कर्मचारियों का आरोप है कि पुरातत्व विभाग में निजीकरण व्यवस्था दाखिल हो गई है, जिससे अब मजदूरों की नौकरी खतरे में आ गई है.
कर्मचारियों ने यह भी बताया कि कई लोग सालों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम कर रहे हैं. इसमें विदिशा, ग्यारसपुर, सांची, भोजपुर, भीमबेटका जैसे स्पॉट भी शामिल हैं. यहां बड़ी संख्या में दैनिक वेतन भोगी काम कर रहे हैं. पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने शासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि अचानक विभाग में ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है, जिस कारण धीरे-धीरे मजदूरों को निकाला जाने लगा है, ऐसे में अब मजदूर कहां जाएंगे.
परेशान मजदूरों ने कलेक्टर को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए उन्हें ज्ञापन सौंपा, साथ ही मजदूरों के हित में फैसला लेने की मांग भी की. विदिशा ही नहीं, भोपाल सर्किल में आने वाले तमाम पुरातत्व विभाग के स्पॉट पर बड़ी संख्या में दैनिक वेतन भोगी काम कर रहे हैं. यहां कई कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्हें करीब एक वर्ष से वेतन नहीं मिला है.