भोपाल। मध्यप्रदेश के आईएएस नियाज खान को जानते हैं, आप नहीं जानते तो जान लीजिए. ये वो शख्स हैं, जो खान होकर ब्राह्मणों पर किताब लिख चुके हैं. किताब महीने भर बाद पाठकों के हाथों में होगी, चर्चा अभी से है. सिर्फ इसलिए नहीं कि इस किताब के बहाने खान की निगाह से ब्राह्मणों को देखा जाएगा. इसलिए भी नियाज खान ने शोध के साथ इस किताब में ऐसे कई तथ्य जुटाएं हैं. जो बताते हैं कि ब्राह्मणों की बुद्धिमता इतनी है कि अगर देश के शीर्षस्थ पदों पर ये बैंठे तो देश को सही दिशा दे सकते है. ईटीवी भारत से बातचीत में आईएएस नियाज खान ने बताया कि कैसे ब्राह्मणों के जरिए ही देश सुपर पॉवर बन सकता है. ब्राह्मणों के समृद्ध इतिहास को ब्राह्मणों तक पहुंचा रहे खान की असल मंशा क्या है.
ब्राह्मणों पर किताब लिखने वाला एक खान है. सिर्फ इतनी लाइन ही आपकी दिलचस्पी को बढ़ा देने के लिए काफी है. किसी किताब को विवादित हो जाने का इसे पर्याप्त मटेरियल कहा जा सकता है. तो मध्यप्रदेश के एक आईएएस नियाज खान 'द ग्रेट ब्राह्मण' किताब लिखने के साथ चर्चा में तो आ ही गए हैं. माना जा रहा है कि जब महीने भर बाद उनकी किताब लॉन्च होगी तो मुमकिन है कि उसके कुछ अंशों के सथ विवादों में भी आ जाएं. इस किताब में विवाद का काफी मसाला है. फिलहाल ईटीवी भारत से खास बातचीत में नियाज खान का ये दावा कि ब्राह्मणों पर किए गए रिसर्च के बाद उन्होंने ये जाना कि अगर ब्राह्मणों को महत्वपूर्ण जगहों पर मौका दिया जाए तो ब्राह्मण देश के सुपर पावर बन सकते हैं.
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नियाज खान पंंडितों पर मेहरबान क्यों: ब्राह्मणों को ही विषय बनाए जाने की कोई खास वजह. पंडित फोकस में क्यों. मध्यप्रदेश के वरिष्ठ आईएएस नियाज खान जवाब में कहते हैं लेखक तो सभी धर्मों का होता है. इसके पहले मुस्लिमों के विषय तलाक तलाक तलाक पर हमने लिखा. इसके पहले हिंदू बाबाओं पर लिख चुके हैं, 'अनटोल्ड सीक्रेट ऑफ माय आश्रम'. राइटर तो सबका होता है. मुझे लगा कि ब्राह्मण बहुत अच्छा सब्जेक्ट है, इस पर काम करना चाहिए. तीन हजार साल का ब्राह्मणों का समृद्ध इतिहास है. इसलिए लिख दी ये किताब ब्राह्मण द ग्रेट.
भागवत से नहीं चाणक्य से प्रेरित है किताब: इत्तेफाक की बात है कि जब आईएएस नियाज खान ब्राम्हणों की किताब को लेकर माहौल बना रहे हैं, उसी दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान चर्चा में है कि पंडितों ने जातियां बनाई. नियाज खान कहते हैं मोहन भागवत के विचारों का मैं बहुत सम्मान करता हूं वे सम्मानीय हैं. लेकिन मेरी किताब से उनके बयान का कोई संबंध नहीं है. मैं तो डेढ़ साल से किताब लिख रहा हूं. ये विवाद अभी शुरु हुआ. मेरी किताब में तीन हजार साल का इतिहास है. मेरी ये किताब चाणक्य से प्रेरित है. जिन्होंने राष्ट्र को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई. कितने बड़े ज्ञानी थे, चाणक्य कितनी प्रतिभा थी उनमें. नियाज जोड़ते हैं, मैं ये मानता हूं कि ब्राह्मणों को हर पद पर नहीं बैठाया जा सकता, लेकिन अगर उन्हें मौका दिया जाए तो देश को सुपर पॉवर बनाया जा सकता है. देश की तरक्की में सौहार्द में उनका महत्वपूर्ण कान्ट्रीब्यूशन हो सकता है.
ब्राह्मण देश का की संपदा हैं: नियाज खान कहते हैं मैं सोशल रिफार्मर तो नहीं हूं लेकिन ये कह सकता हूं. राष्ट्र निर्माण में ब्राह्मण ब्रेन की बहुत जरुरत है. जो आईक्यू लेवल है वो उच्च स्तर का है. ब्राह्मण देश की महान संपदा हैं. नियाज कहते हैं मेरी किताब इस मायने में जरुर माध्यम बनेगी कि ब्राह्मण उसके जरिए अपने इतिहास में झांक सकेंगे. ये उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी और दुनिया को ये बताएगी भी कि ब्राह्मण कैसे अपनी समृद्ध संस्कृति धर्म भाषा विचार के साथ खुद को अलग बनाए और बचाए रखा.