भोपाल। देशभर में कोरोना को लेकर नई एडवाइजरी जारी कर दी गई है. स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर लगातार प्रदेशों में मॉक ड्रिल भी करवा रहा है. साथ ही तमाम अस्पतालों का निरीक्षण भी मंत्री से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना की अगली संभावित लहर के खतरे के बीच वैक्सीनेशन ही इसका बचाव है. कोरोना की पिछली लहरों में वैक्सीन ने ही लोगों को बचाया. लेकिन मध्यप्रदेश में अगर जल्द ही कोरोना की चौथी लहर आती है और लोगों को प्रिकॉशन या बूस्टर डोज लगवाना पड़ता है तो हालात चिंताजनक हैं. (Corona Vaccine)
एमपी में 13 करोड़ से ज्यादा डोज लगे : दरअसल, मध्य प्रदेश में 13 करोड़ 35 लाख से अधिक वैक्सीनेशन हो चुका है. इसमें से 10 करोड़ से ज्यादा को कोविशील्ड और लगभग दो करोड़ 31 लाख को कोवैक्सीन लगाई गई है. जबकि प्रिकॉशन या बूस्टर डोज भी लगभग एक करोड़ 36 लाख से अधिक लोगों को लग चुका है. लेकिन अब अगर जिन 10 करोड़ से अधिक लोगों कोविशील्ड का पहला और दूसरा डोज लगा है और वह इसी का बूस्टर डोज लगवाना चाहते हैं तो उनके लिए चिंतित होने वाली स्थिति है. स्वास्थ्य विभाग के पास कोविशील्ड वैक्सीन ही खत्म हो गई है.
इन कारणों से Omicron कोविड लहर में मृत्यु दर कम थी, जानिए Booster Dose की भूमिका
15 दिसंबर को स्टॉक खत्म : कोविशील्ड का स्टॉक 15 दिसंबर 2022 को खत्म हो गया. स्वास्थ्य विभाग के वैक्सीनेशन प्रभारी संतोष शुक्ला के अनुसार मुफ्त वैक्सीनेशन बंद होने के बाद से जो वैक्सीन स्टॉक मे रखी हुई थी, उसकी एक्सपायरी डेट 15 दिसंबर 2022 थी. ऐसे में इसके बाद से विभाग के पास कोविशील्ड वैक्सीन नहीं है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लेटर लिखकर नई वैक्सीन मांगी गई है. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 5 लाख नए डोज केंद्र से मांगे हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 6 करोड़ 7 लाख से अधिक लोगों को पहला डोज, जबकि 5 करोड़ 92 लाख से अधिक लोगों को दूसरा डोज लग चुका है. वहीं 1 करोड़ 36 लाख से अधिक लोगों को प्रिकॉशन डोज लगा है. जिसमें से 10 करोड़ 45 लाख को कोविशील्ड और 2 करोड़ 31 लाख को कोवैक्सीन लगी है.