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MP Bandookbaaz Teacher: बंदूकबाज शिक्षक मुकेश दुबे की दहशत, 21 साल से नहीं पहुंचा स्कूल, नहीं हुई कोई कार्रवाई - जबलपुर शिक्षक के बीजेपी नेता से संबंध

मध्यप्रदेश में शिक्षा के हालात का एक नमूना जबलपुर जिले में देखने मिला. जहां जिले के पास स्थित भीटा गांव में मौजूद माध्यमिक स्कूल में एक शिक्षक 21 सालों से नहीं पहुंचा है, लेकिन आज तक उसके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई. यह शिक्षक खुद को बीजेपी विधायक का छोटा भाई बताता है.

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Published : Jul 10, 2023, 8:56 PM IST

Updated : Jul 11, 2023, 2:49 PM IST

बंदूकबाज टीचर की दहशत

जबलपुर। अजब एमपी में गजब शिक्षक हैं, जबलपुर के भीटा माध्यमिक स्कूल में तैनात एक शिक्षक मुकेश दुबे बीते 21 सालों से नहीं स्कूल नहीं पहुंचा. वह केवल 15 अगस्त 26 जनवरी को झंडा फहराने आता है. जबकि सैलरी और सम्मान उसको उतना ही मिलता है. बता दें मुकेश दुबे 2 दिन पहले शराब पीकर जबलपुर के धनवंतरी नगर इलाके में हवाई फायर करने की वजह से चर्चा में भी आया था. स्थानीय लोगों ने जब पुलिस को बुलाया तो मुकेश दुबे ने खुद को बीजेपी का विधायक और अजय विश्नोई का छोटा भाई बताया था. बीजेपी के नेताओं से संबंध की वजह से नौकरी, सरपंची और ठेकेदारी वह एक साथ करता है. मुकेश दुबे का दहशत इतनी है, आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बेहाल हैं स्कूल के हाल: भीटा गांव जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है. जबलपुर-दमोह रोड पर सड़क से लगभग 4 किलोमीटर भीतर प्रधानमंत्री रोड पर यह गांव है. गांव की आबादी लगभग 200 है. भीटा गांव में 2002 में एक स्कूल शुरू किया गया था. स्कूल में आसपास के कुछ दूसरे छोटे गांव के बच्चे पढ़ने आते थे. 22 साल बीत जाने पर स्कूल में अब 3 कमरे हैं. जिनमें से 2 कमरों में एक में माध्यमिक और एक में प्राथमिक शाला लगती है. स्कूल में कुल मिलाकर 17 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए 2 स्थाई शिक्षक हैं और 2 अतिथि शिक्षक हैं. स्कूल में मात्र 2 कमरे हैं. तीसरा कमरा स्टोर रूम बना हुआ है, क्योंकि 17 छात्रों में से हमें मौके पर मात्र 7 छात्र-छात्राएं ही मिले और एक महिला स्थाई शिक्षक और एक महिला संविदा शिक्षक सातवीं कक्षा के बच्चों को दूसरी क्लास की कविता पढ़ाते हुए नजर आई. स्कूल के बाहर मैदान में भैंस बंधी हुई थी.

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स्कूल के बाहर बंधी भैंस

बंदूकबाज शिक्षक मुकेश दुबे: स्कूल की एक शिक्षिका ने जानकारी दी कि "मुकेश दुबे इस स्कूल में 2002 से ही पदस्थ है. हमने जब यह जानना चाहा कि क्या वे रोज स्कूल आते हैं तो वह कुछ भी स्पष्ट बताने को तैयार नहीं हुई. स्कूल का एक बच्चा शहर में एक निजी स्कूल में पढ़ने जाता है. उससे जानकारी ली तो उसने बताया कि मुकेश दुबे केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही स्कूल आता है. वहीं कुछ ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर ईटीवी भारत को जानकारी दी कि मुकेश दुबे कभी स्कूल आता ही नहीं, लेकिन उस गांव में मुकेश दुबे की ऐसी दहशत है कि कोई भी उसके खिलाफ मीडिया में बोलने को तैयार नहीं है. एक शख्स ने बताया कि उन्होंने मुकेश दुबे के खिलाफ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत की थी, लेकिन कोई जांच नहीं हुई और शिकायत बंद कर दी गई.

खुद को बताया भाजपा विधायक का भाई: मुकेश दुबे बीते दिनों धनवंतरी नगर चौराहे पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से हवाई फायर करते हुए पकड़ा गया था. उस समय मुकेश दुबे शराब के नशे में था और जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने खुद को भारतीय जनता पार्टी के पाटन के विधायक अजय विश्नोई का भाई बताया था. कहा गया कि इसीलिए पुलिस ने सरेआम बंदूकबाजी करने के बाद भी मुकेश दुबे को केवल हिदायत देकर छोड़ दिया.

शिक्षक रहते हुए ठेकेदारी और सरपंची: मुकेश दुबे कभी स्कूल नहीं आता, लेकिन इस दौरान उसने अपने परिवार के सदस्य को सरपंच का चुनाव जितवा लिया और खुद सड़क निर्माण के काम में परिवार की ही एक फर्म के जरिए ठेकेदारी करता है. लोगों ने बताया कि बीजेपी के नेताओं से उसके अच्छे संबंध है. इसकी वजह से लगातार 21 सालों से एक ही स्कूल में पदस्थ रहने के बाद स्कूल ना आने पर भी उसे कोई नुकसान नहीं हुआ. जब से बीजेपी की सरकार मध्य प्रदेश में है, तब से वह कभी कभार ही स्कूल आया है.

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जबलपुर का माध्यमिक स्कूल

यहां पढ़ें...

कोई शिकायत नहीं: इस मामले में जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से जानकारी मांगी कि आखिर शराब पीकर सरेआम गोली चलाने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की तो "जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह पुलिस का काम है. इसके बाद जब यह पूछा गया कि यह शिक्षक बीते 21 सालों से स्कूल ही नहीं पहुंचा, तब उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है. जिस स्कूल में वह काम करता है, वह दूरदराज में है, ऐसे में उनकी जानकारी में यह नहीं है कि मुकेश दुबे स्कूल जाता ही नहीं है. जबलपुर में सात हजार से ज्यादा शिक्षक हैं और सब पर निगाह रख पाना कठिन है. जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का कहना है कि यदि लोग शिकायत करते हैं तो दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है. बीते दिनों उन्होंने 5 शिक्षकों को सस्पेंड भी किया था."

बंदूकबाज टीचर की दहशत

जबलपुर। अजब एमपी में गजब शिक्षक हैं, जबलपुर के भीटा माध्यमिक स्कूल में तैनात एक शिक्षक मुकेश दुबे बीते 21 सालों से नहीं स्कूल नहीं पहुंचा. वह केवल 15 अगस्त 26 जनवरी को झंडा फहराने आता है. जबकि सैलरी और सम्मान उसको उतना ही मिलता है. बता दें मुकेश दुबे 2 दिन पहले शराब पीकर जबलपुर के धनवंतरी नगर इलाके में हवाई फायर करने की वजह से चर्चा में भी आया था. स्थानीय लोगों ने जब पुलिस को बुलाया तो मुकेश दुबे ने खुद को बीजेपी का विधायक और अजय विश्नोई का छोटा भाई बताया था. बीजेपी के नेताओं से संबंध की वजह से नौकरी, सरपंची और ठेकेदारी वह एक साथ करता है. मुकेश दुबे का दहशत इतनी है, आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बेहाल हैं स्कूल के हाल: भीटा गांव जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है. जबलपुर-दमोह रोड पर सड़क से लगभग 4 किलोमीटर भीतर प्रधानमंत्री रोड पर यह गांव है. गांव की आबादी लगभग 200 है. भीटा गांव में 2002 में एक स्कूल शुरू किया गया था. स्कूल में आसपास के कुछ दूसरे छोटे गांव के बच्चे पढ़ने आते थे. 22 साल बीत जाने पर स्कूल में अब 3 कमरे हैं. जिनमें से 2 कमरों में एक में माध्यमिक और एक में प्राथमिक शाला लगती है. स्कूल में कुल मिलाकर 17 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए 2 स्थाई शिक्षक हैं और 2 अतिथि शिक्षक हैं. स्कूल में मात्र 2 कमरे हैं. तीसरा कमरा स्टोर रूम बना हुआ है, क्योंकि 17 छात्रों में से हमें मौके पर मात्र 7 छात्र-छात्राएं ही मिले और एक महिला स्थाई शिक्षक और एक महिला संविदा शिक्षक सातवीं कक्षा के बच्चों को दूसरी क्लास की कविता पढ़ाते हुए नजर आई. स्कूल के बाहर मैदान में भैंस बंधी हुई थी.

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स्कूल के बाहर बंधी भैंस

बंदूकबाज शिक्षक मुकेश दुबे: स्कूल की एक शिक्षिका ने जानकारी दी कि "मुकेश दुबे इस स्कूल में 2002 से ही पदस्थ है. हमने जब यह जानना चाहा कि क्या वे रोज स्कूल आते हैं तो वह कुछ भी स्पष्ट बताने को तैयार नहीं हुई. स्कूल का एक बच्चा शहर में एक निजी स्कूल में पढ़ने जाता है. उससे जानकारी ली तो उसने बताया कि मुकेश दुबे केवल 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही स्कूल आता है. वहीं कुछ ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर ईटीवी भारत को जानकारी दी कि मुकेश दुबे कभी स्कूल आता ही नहीं, लेकिन उस गांव में मुकेश दुबे की ऐसी दहशत है कि कोई भी उसके खिलाफ मीडिया में बोलने को तैयार नहीं है. एक शख्स ने बताया कि उन्होंने मुकेश दुबे के खिलाफ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत की थी, लेकिन कोई जांच नहीं हुई और शिकायत बंद कर दी गई.

खुद को बताया भाजपा विधायक का भाई: मुकेश दुबे बीते दिनों धनवंतरी नगर चौराहे पर अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से हवाई फायर करते हुए पकड़ा गया था. उस समय मुकेश दुबे शराब के नशे में था और जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने खुद को भारतीय जनता पार्टी के पाटन के विधायक अजय विश्नोई का भाई बताया था. कहा गया कि इसीलिए पुलिस ने सरेआम बंदूकबाजी करने के बाद भी मुकेश दुबे को केवल हिदायत देकर छोड़ दिया.

शिक्षक रहते हुए ठेकेदारी और सरपंची: मुकेश दुबे कभी स्कूल नहीं आता, लेकिन इस दौरान उसने अपने परिवार के सदस्य को सरपंच का चुनाव जितवा लिया और खुद सड़क निर्माण के काम में परिवार की ही एक फर्म के जरिए ठेकेदारी करता है. लोगों ने बताया कि बीजेपी के नेताओं से उसके अच्छे संबंध है. इसकी वजह से लगातार 21 सालों से एक ही स्कूल में पदस्थ रहने के बाद स्कूल ना आने पर भी उसे कोई नुकसान नहीं हुआ. जब से बीजेपी की सरकार मध्य प्रदेश में है, तब से वह कभी कभार ही स्कूल आया है.

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जबलपुर का माध्यमिक स्कूल

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कोई शिकायत नहीं: इस मामले में जबलपुर के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से जानकारी मांगी कि आखिर शराब पीकर सरेआम गोली चलाने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की तो "जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह पुलिस का काम है. इसके बाद जब यह पूछा गया कि यह शिक्षक बीते 21 सालों से स्कूल ही नहीं पहुंचा, तब उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है. जिस स्कूल में वह काम करता है, वह दूरदराज में है, ऐसे में उनकी जानकारी में यह नहीं है कि मुकेश दुबे स्कूल जाता ही नहीं है. जबलपुर में सात हजार से ज्यादा शिक्षक हैं और सब पर निगाह रख पाना कठिन है. जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी का कहना है कि यदि लोग शिकायत करते हैं तो दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाती है. बीते दिनों उन्होंने 5 शिक्षकों को सस्पेंड भी किया था."

Last Updated : Jul 11, 2023, 2:49 PM IST
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