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महाराष्ट्र समेत तीन राज्यों में मानव तस्करी के मामले सबसे अधिक : एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में मानव तस्करी के कुल 1,714 मामले दर्ज किए गए. जिसमें महाराष्ट्र (184), तेलंगाना (184) और आंध्र प्रदेश (171) शीर्ष पर हैं.

मानव तस्करी के मामले
मानव तस्करी के मामले
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Published : Sep 16, 2021, 5:44 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मानव तस्करी (Human Trafficking) से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके बावजूद महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में 2020 में मानव तस्करी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में महाराष्ट्र और तेलंगाना में मानव तस्करी के 184-184 मामले दर्ज किए, जबकि आंध्र प्रदेश में 171 मामले दर्ज किए गए.

देशभर में पिछले साल मानव तस्करी के कुल 1,714 मामले दर्ज किए गए. हालांकि, यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों से बहुत कम है. पिछले दो वर्षों में क्रमश: 2208 और 2278 मामले दर्ज किए गए थे.

2020 में, आंध्र प्रदेश में मानव तस्करी के 171, केरल में 166 और असम में 124 मामले सामने आए हैं.

एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्कर अक्सर नई नौकरी का लालच, बेहतर जीवन आदि के झूठे वादे करके लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं. एनसीआरबी ने कहा है कि इस तरह के वादे लोगों को उचित लग सकते हैं, लेकिन कई पुरुष, महिलाएं और बच्चे इसका आसान शिकार बन जाते हैं.

हालांकि, 2020 में तस्करी के शिकार लोगों की संख्या दर्ज मामलों की तुलना में बहुत अधिक है. पिछले साल मानव तस्करों द्वारा कुल 4,709 पीड़ितों की तस्करी की गई थी, जिसमें राजस्थान (818 केस), ओडिशा (741 केस) और महाराष्ट्र (512 केस) टॉप पर थे.

महानगरों में दुष्कर्म-हत्या के मामले

एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2020 में 19 महानगरों में से, दुष्कर्म के करीब 40 प्रतिशत मामले और हत्या के तकरीबन 25 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली में सामने आए. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने और लॉकडाउन लगे होने के बावजूद हत्या के 1,849 और बलात्कार के 2,533 मामले दर्ज किए गए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 शहरों को महानगर के तौर पर वर्गीकृत किया है, जिनमें अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत आते हैं.

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2020 में हत्या के 461 मामले, बेंगलूरू में 179 मामले, चेन्नई में 15 मामले, मुंबई में 148 मामले, सूरत में 116 मामले और कोलकाता में 61 मामले आए. पिछले साल हत्या के कुल 1,849 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में दर्ज किए मामलों (2,017) से 8.3 प्रतिशत कम हैं.

इसके मुताबिक, महानगरों में दर्ज किए गए 'गैर इरादतन हत्या' के 192 मामलों में से 57 मामले अकेले दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद लखनऊ में 28 और बेंगलूरू में 10 मामले दर्ज किए गए.

भारत में 2020 में महानगरों में दुष्कर्म के कुल 2,533 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक 967 मामले (38 प्रतिशत) दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद जयपुर में 409 मामले (16 प्रतिशत), मुंबई में 322 (12 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए. बेंगलुरू में दुष्कर्म के 108, चेन्नई में 31 और कोलकाता में 11 मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, इन 2,533 मामलों में से दुष्कर्म की 2,448 पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की थीं. पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए जो 2019 के मुकाबले 21.1 प्रतिशत कम हैं.

यह भी पढ़ें-

  1. बच्चों के खिलाफ अपराध कम हुए, अवज्ञा के मामले तेजी से बढ़े : एनसीआरबी
  2. 2020 में हर दिन रेप के 77 मामले, राजस्थान, यूपी और एमपी में सबसे ज्यादा मामले : रिपोर्ट

महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा अत्याचार' के तहत दर्ज किए गए. ये मामले 30.2 प्रतिशत थे. इसके बाद 'महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला' करने के 19.7 प्रतिशत, 'महिलाओं के अपहरण' के 19 प्रतिशत मामले और दुष्कर्म के 7.2 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मानव तस्करी (Human Trafficking) से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके बावजूद महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में 2020 में मानव तस्करी के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में महाराष्ट्र और तेलंगाना में मानव तस्करी के 184-184 मामले दर्ज किए, जबकि आंध्र प्रदेश में 171 मामले दर्ज किए गए.

देशभर में पिछले साल मानव तस्करी के कुल 1,714 मामले दर्ज किए गए. हालांकि, यह आंकड़ा पिछले दो वर्षों से बहुत कम है. पिछले दो वर्षों में क्रमश: 2208 और 2278 मामले दर्ज किए गए थे.

2020 में, आंध्र प्रदेश में मानव तस्करी के 171, केरल में 166 और असम में 124 मामले सामने आए हैं.

एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तस्कर अक्सर नई नौकरी का लालच, बेहतर जीवन आदि के झूठे वादे करके लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं. एनसीआरबी ने कहा है कि इस तरह के वादे लोगों को उचित लग सकते हैं, लेकिन कई पुरुष, महिलाएं और बच्चे इसका आसान शिकार बन जाते हैं.

हालांकि, 2020 में तस्करी के शिकार लोगों की संख्या दर्ज मामलों की तुलना में बहुत अधिक है. पिछले साल मानव तस्करों द्वारा कुल 4,709 पीड़ितों की तस्करी की गई थी, जिसमें राजस्थान (818 केस), ओडिशा (741 केस) और महाराष्ट्र (512 केस) टॉप पर थे.

महानगरों में दुष्कर्म-हत्या के मामले

एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2020 में 19 महानगरों में से, दुष्कर्म के करीब 40 प्रतिशत मामले और हत्या के तकरीबन 25 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली में सामने आए. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने और लॉकडाउन लगे होने के बावजूद हत्या के 1,849 और बलात्कार के 2,533 मामले दर्ज किए गए.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 शहरों को महानगर के तौर पर वर्गीकृत किया है, जिनमें अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत आते हैं.

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2020 में हत्या के 461 मामले, बेंगलूरू में 179 मामले, चेन्नई में 15 मामले, मुंबई में 148 मामले, सूरत में 116 मामले और कोलकाता में 61 मामले आए. पिछले साल हत्या के कुल 1,849 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में दर्ज किए मामलों (2,017) से 8.3 प्रतिशत कम हैं.

इसके मुताबिक, महानगरों में दर्ज किए गए 'गैर इरादतन हत्या' के 192 मामलों में से 57 मामले अकेले दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद लखनऊ में 28 और बेंगलूरू में 10 मामले दर्ज किए गए.

भारत में 2020 में महानगरों में दुष्कर्म के कुल 2,533 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक 967 मामले (38 प्रतिशत) दिल्ली में दर्ज किए गए. इसके बाद जयपुर में 409 मामले (16 प्रतिशत), मुंबई में 322 (12 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए. बेंगलुरू में दुष्कर्म के 108, चेन्नई में 31 और कोलकाता में 11 मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी के अनुसार, इन 2,533 मामलों में से दुष्कर्म की 2,448 पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की थीं. पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए जो 2019 के मुकाबले 21.1 प्रतिशत कम हैं.

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महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामले 'पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा अत्याचार' के तहत दर्ज किए गए. ये मामले 30.2 प्रतिशत थे. इसके बाद 'महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला' करने के 19.7 प्रतिशत, 'महिलाओं के अपहरण' के 19 प्रतिशत मामले और दुष्कर्म के 7.2 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.

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