कासरगोड (केरल) : केरल में नेशनल हाइवे के निर्माण के दौरान मिले अजगर के अंडों को बचाने के लिए काम को न केवल रोक दिया गया बल्कि उसकी 54 दिन की निगरानी और देखभाल किए जाने के बाद 24 अजगर के बच्चे अंडों से निकलकर बाहर आ गए. इन्हें वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया. बताया जाता है कि उरालंगल श्रम अनुबंध सहकारी समिति (यूएससीसी) के द्वारा नेशनल हाइवे विस्तार का काम कर रही थी. इसी दौरान समिति के एक कर्मचारी ने अजगर और उसके अंडों को एक मिट्टी के छेद में देखा. इसके बाद अंडों की सुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र में काम को बंद कर दिया गया.
इसी क्रम में जानकारी मिलने पर वन विभाग अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया. जांच में उन्होंने पाया कि अजगर के अंडे हैं और यदि उसे वहां से हटाया जाता है तो अंडों को नुकसान हो सकता है. फलस्वरूप काम को बंद करने का फैसला किया गया.
इसके साथ ही कासररोड के डीएफओ दिनेश कुमार को कानूनी मुद्दों को जानकारी दी गई कि यदि अजगर के अंडे खराब हो गए तो कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि अजगरों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक में शामिल किया गया है.
इसीक्रम में वन विभाग ने सांपों का बचाव करने में पारंगत अदुक्कथबयाल को बुलाया. इसके बाद रोजाना अजगर के अंडों की निगरानी का काम शुरू हो गया. वहीं जब अदुक्कथबयाल ने अंडे में दरार देखी तो उन्होंने सभी अंडों को अपने घर में स्थानांतरित कर दिया. यहां पर अंडों को एक गत्ते के बक्से में रखा गया था. 54 दिन की गहन देखभाल के बाद 24 अंडे फूटने के साथ उनमें से अजगर के बच्चे बाहर आ गए. इन्हें वन विभाग ने सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया.
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