ETV Bharat / bharat

राज्यसभा में आरक्षण : विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिल लाने की मांग की

etvbharat
राज्यसभा
author img

By

Published : Feb 10, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:19 PM IST

16:50 February 10

भूपेंद्र यादव

राज्यसभा में संबोधन के दौरान भूपेंद्र यादव

भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सरकार के लिए एक संवेदनशील विषय है. संविधान के अनुच्छेद 15-16 में जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से गरीब वर्ग हैं, उनके आरक्षण पर किसी प्रकार का कोई निर्देश इसमें नहीं है, वह आरक्षण सुरक्षित है. सरकार ने इस विषय को प्रतिबद्धिता के साथ रखा है.

16:20 February 10

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान

राज्यसभा में संबोधन के दौरान राम विलास पासवान

पासवान ने कहा कि आरक्षण के संबंध में जो भी कानून हैं, उसके संविधान के नामी सूची में डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण को खत्म नहीं करेगी, यह सदन को विश्वास दिलाना चाहते हैं. न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण हो, उसके लिए उच्च न्यायिक सेवा, भारतीय न्यायिक सेवा के अंतर्गत होना चाहिए. 

16:20 February 10

गुलाम नबी आजाद

राज्यसभा में संबोधन के दौरान गुलाम नबी आजाद

विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने आरक्षण पर चर्चा के दौरान कहा कि यह गंभीर मामला है, देश की एक चौथाई आबादी के भविष्य और उनकी जिंदगी से जुड़ा है. उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरंत कैबिनेट बैठक कर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पुनर्विचार के लिए भेजे. अगर यह संभव नहीं है तो सरकार सदन में बिल लाए और इसे फैसले को बदले.

16:16 February 10

थावर चंद गहलोत

राज्यसभा में संबोधन के दौरान थावर चंद गहलोत

सदन के नेता थावर चंद गहलोत ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सरकार उच्चस्तरीय विचार कर रही है. इस मामले में न भारत सरकार को कभी पक्षकार बनाया गया, न ही सरकार से कोई शपथ पत्र मांगा गया. उक्त मामला उत्तराखंड सरकार के द्वारा 5 सितंबर 2012 को लिए गए निर्णय के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसमें पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं करने का निर्णय लिया गया था. उस दौरान कांग्रेस की सरकार थी.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है. इस विषय पर उच्च स्तरीय विचार के बाद भारत सरकार समुचित कदम उठाएगी. 
 

15:48 February 10

राज्यसभा में आरक्षण पर चर्चा

नई दिल्ली : प्रोन्नति में आरक्षण का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में आरक्षण को लेकर चर्चा जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण बनाए रखने के प्रयास करेगी.

क्या है कोर्ट का फैसला
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए सरकारें बाध्य नहीं हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण किसी का मूल अधिकार नहीं हो सकता है.

रविवार को दिल्ली में इस मसले पर कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए पासवान ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. पासवान ने मांग की है कि सरकार कोर्ट के फैसले को पलटकर आरक्षण की व्यवस्था पहले की तरह ही बरकरार रखे.

16:50 February 10

भूपेंद्र यादव

राज्यसभा में संबोधन के दौरान भूपेंद्र यादव

भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सरकार के लिए एक संवेदनशील विषय है. संविधान के अनुच्छेद 15-16 में जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से गरीब वर्ग हैं, उनके आरक्षण पर किसी प्रकार का कोई निर्देश इसमें नहीं है, वह आरक्षण सुरक्षित है. सरकार ने इस विषय को प्रतिबद्धिता के साथ रखा है.

16:20 February 10

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान

राज्यसभा में संबोधन के दौरान राम विलास पासवान

पासवान ने कहा कि आरक्षण के संबंध में जो भी कानून हैं, उसके संविधान के नामी सूची में डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षण को खत्म नहीं करेगी, यह सदन को विश्वास दिलाना चाहते हैं. न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण हो, उसके लिए उच्च न्यायिक सेवा, भारतीय न्यायिक सेवा के अंतर्गत होना चाहिए. 

16:20 February 10

गुलाम नबी आजाद

राज्यसभा में संबोधन के दौरान गुलाम नबी आजाद

विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने आरक्षण पर चर्चा के दौरान कहा कि यह गंभीर मामला है, देश की एक चौथाई आबादी के भविष्य और उनकी जिंदगी से जुड़ा है. उन्होंने मांग की है कि सरकार तुरंत कैबिनेट बैठक कर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पुनर्विचार के लिए भेजे. अगर यह संभव नहीं है तो सरकार सदन में बिल लाए और इसे फैसले को बदले.

16:16 February 10

थावर चंद गहलोत

राज्यसभा में संबोधन के दौरान थावर चंद गहलोत

सदन के नेता थावर चंद गहलोत ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सरकार उच्चस्तरीय विचार कर रही है. इस मामले में न भारत सरकार को कभी पक्षकार बनाया गया, न ही सरकार से कोई शपथ पत्र मांगा गया. उक्त मामला उत्तराखंड सरकार के द्वारा 5 सितंबर 2012 को लिए गए निर्णय के कारण उत्पन्न हुआ है, जिसमें पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं करने का निर्णय लिया गया था. उस दौरान कांग्रेस की सरकार थी.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है. इस विषय पर उच्च स्तरीय विचार के बाद भारत सरकार समुचित कदम उठाएगी. 
 

15:48 February 10

राज्यसभा में आरक्षण पर चर्चा

नई दिल्ली : प्रोन्नति में आरक्षण का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में आरक्षण को लेकर चर्चा जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार पदोन्नति में आरक्षण बनाए रखने के प्रयास करेगी.

क्या है कोर्ट का फैसला
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण देने के लिए सरकारें बाध्य नहीं हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण किसी का मूल अधिकार नहीं हो सकता है.

रविवार को दिल्ली में इस मसले पर कोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए पासवान ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. पासवान ने मांग की है कि सरकार कोर्ट के फैसले को पलटकर आरक्षण की व्यवस्था पहले की तरह ही बरकरार रखे.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 9:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.