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निशाने पर चिराग का 'तीर', तीसरे नंबर पर खिसकी नीतीश की पार्टी

बिहार विधानसभा चुनाव की 243 सीटों पर मतगणना जारी है. रुझानों के मुताबिक, 133 सीटों पर एनडीए और 99 सीटों पर महागठबंधन को बढ़त मिली है. हालांकि, सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू राज्य में तीसरे नंबर पर है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका कारण चिराग पासवान हैं. उनकी पार्टी ने भाजपा के लिए 'वोट कटवा' की भूमिका निभाई है. समझें जेडीयू के पीछे रहने का गणित...

chirag paswan
चिराग पासवान जेडीयू
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Published : Nov 10, 2020, 5:54 PM IST

Updated : Nov 10, 2020, 6:07 PM IST

हैदराबाद : बिहार चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी रही है. वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को बेहद कम सीटें मिली हैं. खबर लिखे जाने तक, जदयू को भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से भी कम सीटें मिली हैं. इसके पीछे का कारण चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को माना जा रहा है. दरअसल, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ प्रचार किया था, जिसके कारण नतीजे प्रभावित हुए हैं.

चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में 'वोट कटवा' की भूमिका निभाई है. यही वजह है कि नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा और राजद के बाद बिहार चुनाव में तीसरे नंबर पर पहुंच गई है.

जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर प्रत्याशी
चिराग पासवान की लोजपा ने नीतीश कुमार की जेडीयू के हर प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगर जेडीयू को लोजपा प्रत्याशियों का सामना नहीं करना पड़ता तो नीतीश कुमार की जेडीयू बिहार चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती. मतदाताओं ने जेडीयू के विकल्प के रूप में लोजपा को वोट दिए. यही कारण रहा कि जेडीयू तीसरे नंबर पर है.

यह बी पढ़ें- रूझानों में एनडीए को बहुमत, चंद्रिका राय हारे, बाहुबली अनंत सिंह ने फिर दर्ज की जीत

भाजपा का 'प्लान बी' सफल
विशेषज्ञों ने बताया कि भाजपा ने चिराग पासवान को अपने प्लान बी के रूप में इस्तेमाल किया है. नीतीश के खिलाफ उतारकर भाजपा, जेडीयू को अपना जूनियर पार्टनर बनाने में कामयाब हो रही है. चुनावी नतीजों और जेडीयू की स्थिति के बीच भाजपा ने कहा कि राज्य में सीएम प्रत्याशी के पर शाम को बैठक में चर्चा की जाएगी.

हैदराबाद : बिहार चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी रही है. वहीं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को बेहद कम सीटें मिली हैं. खबर लिखे जाने तक, जदयू को भाजपा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से भी कम सीटें मिली हैं. इसके पीछे का कारण चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को माना जा रहा है. दरअसल, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ प्रचार किया था, जिसके कारण नतीजे प्रभावित हुए हैं.

चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में 'वोट कटवा' की भूमिका निभाई है. यही वजह है कि नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा और राजद के बाद बिहार चुनाव में तीसरे नंबर पर पहुंच गई है.

जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर प्रत्याशी
चिराग पासवान की लोजपा ने नीतीश कुमार की जेडीयू के हर प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगर जेडीयू को लोजपा प्रत्याशियों का सामना नहीं करना पड़ता तो नीतीश कुमार की जेडीयू बिहार चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती. मतदाताओं ने जेडीयू के विकल्प के रूप में लोजपा को वोट दिए. यही कारण रहा कि जेडीयू तीसरे नंबर पर है.

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भाजपा का 'प्लान बी' सफल
विशेषज्ञों ने बताया कि भाजपा ने चिराग पासवान को अपने प्लान बी के रूप में इस्तेमाल किया है. नीतीश के खिलाफ उतारकर भाजपा, जेडीयू को अपना जूनियर पार्टनर बनाने में कामयाब हो रही है. चुनावी नतीजों और जेडीयू की स्थिति के बीच भाजपा ने कहा कि राज्य में सीएम प्रत्याशी के पर शाम को बैठक में चर्चा की जाएगी.

Last Updated : Nov 10, 2020, 6:07 PM IST
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