बस्तर : कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने सभी चीजों को प्रभावित किया है. इस बीच कोरोना की तीसरी लहर की वजह से देश के कई राज्यों की तरह बस्तर में भी सभी स्कूल बंद हैं. वहीं बस्तर के आईजी सुंदर राज पी ने दावा किया है कि, स्कूल बंद होने से नक्सलियों ने बच्चों को टारगेट करना शुरू कर दिया है. कोरोना काल में स्कूली बच्चे (Children joining Naxalite organization after school closure) नक्सली संगठन में शामिल हो रहे हैं.
नक्सली संगठन में शामिल हो रहे बच्चे
बस्तर आईजी ने कहा कि बस्तर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पिछले दो साल से स्कूल-आश्रमों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद स्कूल-आश्रम के बच्चों को बहला-फुसलाकर नक्सली अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं. इसकी हमें सूचना मिली है. हालांकि इन 2 वर्षों में नक्सलियों ने कितने छात्र-छात्राओं को अपने संगठन में शामिल किया है. इसका आंकड़ा स्पष्ट नहीं हो पाया है. लगातार बस्तर पुलिस स्कूल-आश्रमों में लौटे अन्य छात्र-छात्राओं से बातचीत करके उनसे उनकी जानकारी ले रही है. ताकि इस विषय पर कार्रवाई की जा सके.
विकास विरोधी हैं नक्सली-आईजी
आईजी ने कहा कि नक्सली विकास विरोधी और जनविरोधी हैं. इस कोरोनाकाल में उनका असली चेहरा सबके सामने आया है. यही वजह है कि उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं को भी नहीं छोड़ा है. बस्तर पुलिस इन छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए रणनीति तैयार कर रही है. लगातार इस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जल्द से जल्द वापस मुख्यधारा में लाने का काम किया जाएगा.
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