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ग्रेटर नोएडा में मासूम बच्चे की आंख का गलत ऑपरेशन कर वसूली रकम, डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

-ग्रेटर नोएडा में डॉक्टर की लापरवाही का एक संगीन मामला आया सामने. -मासूम बच्चे की आंख का किया गलत ऑपरेशन.

ग्रेटर नोएडा में डॉक्टर की लापरवाही का एक संगीन मामला आया सामने
ग्रेटर नोएडा में डॉक्टर की लापरवाही का एक संगीन मामला आया सामने (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 14, 2024, 10:23 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेटर नोएडा में अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां पर डॉक्टर ने एक बच्चे का गलत ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन बाई आंख का होना था, लेकिन डॉक्टर ने दाई आंख का ऑपरेशन कर दिया और ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद बोल दिया कि ऑपरेशन हो गया है. हद तो तब हो गई जब घर वालों को पता चला कि बच्चे की आंख का ऑपरेशन हुआ ही नहीं. इसके बाद उनके द्वारा डॉक्टर से शिकायत की गई तो डॉक्टर ने उनके साथ बदतमीजी की. अब परिजन इस पूरे मामले में सीएमओ से शिकायत करते हुए जांच और डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

बाई आंख के बजाए दाई आंख का किया गया ऑपरेशनः यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा दो क्षेत्र के सेक्टर गामा वन का है. जहां एक निजी अस्पताल है. सेक्टर बीटा दो का निवासी अपने 7 वर्ष के बच्चे को लेकर अस्पताल में दिखाने पहुंचे, जहां पर उन्होंने बताया कि बच्चे की आंख में एलर्जी हो गई है. इसके बाद डॉक्टर ने बच्चे की आंख को देखा और बताया कि इसकी आंख में कुछ है, उसे ऑपरेशन करके निकलना पड़ेगा. अगले दिन परिवार के लोग बच्चे को लेकर अस्पताल गए और उसके बाद डॉक्टर बच्चे को ऑपरेशन थिएटर में लेकर चले गए, और कुछ देर बाद बच्चे को बाहर लेकर आ गए. उन्होंने उसकी आंख पर पट्टी भी कर दी और बताया कि बच्चे का ऑपरेशन हो गया है और उसकी आंख में प्लास्टिक कार्ड एक टुकड़ा निकाला है.

परीजनों को घर लोटने के बाद पता चला सच्चाई: बच्चे के पिता ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर से निकलने के बाद बच्चे को लेकर हम घर चले गए, लेकिन काफी देर बाद उन्होंने देखा कि बच्चे की बाई आंख में दिक्कत थी. लेकिन पट्टी उसकी दाई आंख पर बंधी है. इसके बाद वह उसको लेकर अस्पताल गए. जहां डॉक्टरों ने कहा कि पट्टी गलती से दूसरी आंख पर लगा दी गई है.

अन्य डॉक्टर से की गई गलत ऑपरेशन की पुष्टि: इसके बाद परिजन बच्चों को एक अन्य अस्पताल में लेकर गए जहां पर डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की आंख एकदम ठीक है और इसका कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है. दोबारा से परिजन फिर इकट्ठा होकर निजी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां पर हंगामा शुरू कर दिया. जिसकी सूचना पुलिस को दी गई, सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. इसके बाद डॉक्टर ने इस बात को कबूला और कहा कि उनसे गलती हुई है, और उनसे पट्टी गलत आँख पर लग गई है. हालांकि अन्य अस्पताल के डॉक्टर द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चे की आँख का ऑपरेशन हुआ ही नहीं है.

अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग. वहीं परिजनों ने बताया कि हमसे ऑपरेशन के नाम पर 45000 रुप/ ले लिए गए हैं. एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगने के चलते बच्चों को इंफेक्शन हो गया है और उस बच्चे के शरीर पर चकते बन गए हैं. फिलहाल इस घटना को लेकर परिजनों में काफी रोष है. वह इस मामले में सीएमओ से शिकायत कर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेटर नोएडा में अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां पर डॉक्टर ने एक बच्चे का गलत ऑपरेशन कर दिया. ऑपरेशन बाई आंख का होना था, लेकिन डॉक्टर ने दाई आंख का ऑपरेशन कर दिया और ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद बोल दिया कि ऑपरेशन हो गया है. हद तो तब हो गई जब घर वालों को पता चला कि बच्चे की आंख का ऑपरेशन हुआ ही नहीं. इसके बाद उनके द्वारा डॉक्टर से शिकायत की गई तो डॉक्टर ने उनके साथ बदतमीजी की. अब परिजन इस पूरे मामले में सीएमओ से शिकायत करते हुए जांच और डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.

बाई आंख के बजाए दाई आंख का किया गया ऑपरेशनः यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा दो क्षेत्र के सेक्टर गामा वन का है. जहां एक निजी अस्पताल है. सेक्टर बीटा दो का निवासी अपने 7 वर्ष के बच्चे को लेकर अस्पताल में दिखाने पहुंचे, जहां पर उन्होंने बताया कि बच्चे की आंख में एलर्जी हो गई है. इसके बाद डॉक्टर ने बच्चे की आंख को देखा और बताया कि इसकी आंख में कुछ है, उसे ऑपरेशन करके निकलना पड़ेगा. अगले दिन परिवार के लोग बच्चे को लेकर अस्पताल गए और उसके बाद डॉक्टर बच्चे को ऑपरेशन थिएटर में लेकर चले गए, और कुछ देर बाद बच्चे को बाहर लेकर आ गए. उन्होंने उसकी आंख पर पट्टी भी कर दी और बताया कि बच्चे का ऑपरेशन हो गया है और उसकी आंख में प्लास्टिक कार्ड एक टुकड़ा निकाला है.

परीजनों को घर लोटने के बाद पता चला सच्चाई: बच्चे के पिता ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर से निकलने के बाद बच्चे को लेकर हम घर चले गए, लेकिन काफी देर बाद उन्होंने देखा कि बच्चे की बाई आंख में दिक्कत थी. लेकिन पट्टी उसकी दाई आंख पर बंधी है. इसके बाद वह उसको लेकर अस्पताल गए. जहां डॉक्टरों ने कहा कि पट्टी गलती से दूसरी आंख पर लगा दी गई है.

अन्य डॉक्टर से की गई गलत ऑपरेशन की पुष्टि: इसके बाद परिजन बच्चों को एक अन्य अस्पताल में लेकर गए जहां पर डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की आंख एकदम ठीक है और इसका कोई ऑपरेशन नहीं हुआ है. दोबारा से परिजन फिर इकट्ठा होकर निजी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां पर हंगामा शुरू कर दिया. जिसकी सूचना पुलिस को दी गई, सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. इसके बाद डॉक्टर ने इस बात को कबूला और कहा कि उनसे गलती हुई है, और उनसे पट्टी गलत आँख पर लग गई है. हालांकि अन्य अस्पताल के डॉक्टर द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चे की आँख का ऑपरेशन हुआ ही नहीं है.

अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग. वहीं परिजनों ने बताया कि हमसे ऑपरेशन के नाम पर 45000 रुप/ ले लिए गए हैं. एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगने के चलते बच्चों को इंफेक्शन हो गया है और उस बच्चे के शरीर पर चकते बन गए हैं. फिलहाल इस घटना को लेकर परिजनों में काफी रोष है. वह इस मामले में सीएमओ से शिकायत कर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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