नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई है. शुक्रवार सुबह 8 बजे से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) स्टेज-3 के तहत 11 बिंदुओं की कार्ययोजना लागू की जाएगी. इसके साथ ही दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूलों को अगले आदेश तक ऑनलाइन क्लासेस चलाने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर लिखा है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में अगले आदेश तक सभी प्रायमरी स्कूलों को ऑनलाइन शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है. यानी की पांचवी कक्षा तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे. विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेस दी जाएगी, जिससे स्कूल जाने के लिए बच्चों को घर से बाहर न निकालना पड़े और उन पर प्रदूषण का उनकी सेहत पर बुरा असर न पड़े. प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के स्टेज-III के तहत 11-बिंदु कार्ययोजना लागू करने का निर्णय लिया है. यह योजना 15 नवम्बर 2024 से सुबह 8 बजे से पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रभावी होगी.
बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 424 तक पहुंच गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है. जो सामान्य जनसंख्या के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है. विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए खतरनाक है. एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर लगातार बिगड़ता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना, वाहनों से उत्सर्जन, और मौसम की खराब परिस्थितियां हैं, जो प्रदूषकों को जमीन के करीब फंसा देती हैं.
ग्रैप के स्टेज-III के तहत वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे. इनमें निर्माण और विध्वंस कार्यों को बंद करना, प्रदूषणकारी वाहनों की जांच को बढ़ाना और कोयला व बायोमास का उपयोग करने वाली गैर-आवश्यक उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. इसके अतिरिक्त, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) वायु गुणवत्ता निगरानी टीमों को और तैनात करेगी और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन नहीं करने वाले उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
11-बिंदु कार्ययोजना का उद्देश्य दिल्लीवासियों को हानिकारक वायु प्रदूषकों से बचाना है. खासकर आगामी सर्दियों में जब वायु गुणवत्ता और खराब होने की संभावना रहती है, क्योंकि इस मौसम में हीटिंग की बढ़ी हुई आवश्यकता और अन्य मौसमी कारक प्रदूषण को और बढ़ा सकते हैं. एक आपातकालीन उपायों का सेट है जिसे सीएक्यूएम ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पेश किया. प्रत्येक स्टेज प्रदूषण की बढ़ती गंभीरता के आधार पर लागू होता है. स्टेज-III की घोषणा के साथ दिल्ली गंभीर प्रदूषण के लंबे समय तक संघर्ष कर रही है और वायु गुणवत्ता भविष्य में भी ‘खतरनाक’ श्रेणी में बनी रह सकती है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लगातार इस स्तर के प्रदूषण के संपर्क में आने से श्वसन समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं.
MCD स्कूल 15 नवंबर तक बंद
सीएमक्यूएम द्वारा GRAP-3 लागू करने का आदेश मिलने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी ) को अपने सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है. खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्ली नगर निगम के सभी स्कूल 15 नवंबर, 2024 तक बंद रहेंगे. अगले आदेश तक इन कक्षाओं के छात्रों के लिए ऑनलाइन मोड में कक्षाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
जानिए- ग्रैप-3 के बारे में
GRAP-3 दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को बताने वाला मानक है जिसे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान कहा जाता है. दिल्ली और एनसीआर में बिगड़ते वायु प्रदूषण से पार पाने के लिए इसे तैयार किया गया था. GRAP 3 तब सक्रिय होता है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ स्तर तक पहुंच जाता है. सीएक्यूएम द्वारा इसे लागू करने पर दिल्ली एनसीआर में कई तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लग जाता है.
4 फेज में होता है GRAP
- ग्रैप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.
- ग्रैप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है. हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रेप-3 लगाया जाता है. AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है.
ग्रैप 3 में रहती हैं कौन-कौन सी पाबंदियां?
- BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल फोर व्हीलर गाड़ियों पर बैन.
- दिल्ली में हल्के कमर्शियल गाड़ियों, डीजल ट्रकों की एंट्री पर रोक.
- गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक.
- होटल-रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी.
- सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल की छूट.
- अस्वीकृत स्टैंडर्ड लिस्ट में शामिल फ्यूल पर चलने वाले इंडस्ट्रियल ऑपरेशन पर पाबंदी.
- धूल को दबाने के लिए सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा.
प्रदूषण बढ़ने की वजह?
- दिल्ली के आसपास के राज्यों यानी पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने को भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है.
- इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. दीपावली के समय हुई आतिशबाजी और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को भी प्रदूषण का बड़ा कारण माना जाता है.
- दिल्ली में 30% प्रदूषण पराली जलाने से हुआ है.
- 50% प्रदूषण दिल्ली-NCR के शहरों का है.
दिल्ली में ठंड का अहसास
- पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली-NCR में न्यूनतम तापमान 14 -18°C के बीच है.
- अधिकतम तापमान 30-33 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है.
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