ग्वालियर। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और इसी कड़ी में ग्वालियर में रविवार को अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा बयान दिया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि संत रविदास की स्मृति में सागर में सरकार सौ करोड़ की लागत से जो मंदिर बनाने जा रही है उस मंदिर में पूरे प्रदेश के लोगों का योगदान हो इसलिए हर गांव में शिला पूजन करके इस मंदिर के लिए पहुंचाई जाएगी. शिवराज सिंह ने इस अभियान के जरिए बीजेपी से दूर हो रहे दलित समाज के वोटर्स को एक बार फिर अपने पाले में लाने का भावनात्मक दांव खेला है.
राम मंदिर की तर्ज पर शिलापूजन: मुख्यमंत्री ने यह घोषणा ग्वालियर के मेला मैदान में आयोजित विशाल अंबेडकर महाकुम्भ में मौजूद विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए की. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ बाबा साहब की जनस्थली पर आने वाले लोगों की सुविधा के लिए भव्य और सुविधायुक्त धर्मशाला स्थापित करने जा रही है वहीं सागर में संत रविदास का एक मंदिर स्थापित करने जा रही है. इसका निर्माण तो सरकार सौ करोड़ रुपये खर्च करके करेगी, लेकिन मैं चाहता हूं कि इसमें हर व्यक्ति की हिस्सेदारी हो, हर गांव मे शिलापूजन हो और वहां से वह शिला ले जाकर सागर में बनने वाले संत जी के मंदिर में लगाई जाए और राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य को इस काम को संभालने के लिए कहा.
दलित वोटरों को साधने में जुटे सीएम: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्मृति में भी एक स्थान ग्वालियर में चयन किया जाएगा और यहां पर भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का भव्य तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति समाज की प्रमुख उप जातियों के अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाएंगे. जैसे कोरी कल्याण बोर्ड, जाटव कल्याण बोर्ड, इनके अध्यक्ष और सदस्य भी बनाएंगे. अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. इनकी जिम्मेदारी समाज के बीच दौरा करना और समस्याएं जानने का होगा.
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मुख्यमंत्री ने यह घोषणा ग्वालियर के मेला मैदान में आयोजित विशाल अंबेडकर महाकुंभ में मौजूद विशाल जन समुदाय को संबोधित करते हुए की. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ बाबा साहब की जनस्थली पर आने वाले लोगों की सुविधा के लिए भव्य और सुविधा युक्त धर्मशाला स्थापित करने जा रही है. वहीं सागर में संत रविदास का एक मंदिर स्थापित करने जा रही है. इसका निर्माण तो सरकार सौ करोड़ रुपये खर्च करके करेगी. व्यापार मेला परिसर में आयोजित अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के जरिए ग्वालियर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के लगभग 61 करोड़ 43 लाख रुपए की लागत के बालक एवं बालिका छात्रावास भवनों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. केंद्रीय मंत्री ज्योतारिदित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और दूसरे सीनियर लीडर भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
ग्वालियर चंबल में भाजपा की नजर: मध्यप्रदेश में कहीं बीजेपी ने अंबेडकर महासभा का आयोजन किया और इसके लिए ग्वालियर को चुना. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ग्वालियर चंबल अंचल में दलित वोटों को साधने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है क्योंकि साल 2018 के दलित आंदोलन के बाद यह दलित वोट बीजेपी के खिलाफ हो गया और नतीजा यह रहा कि साल 2018 में शिवराज सरकार को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। वाली चंबल अंचल में कुल 34 सीट है और इन 34 सीटों पर 20 से 25% दलित वोट अहम भूमिका में रहता है। दलित वोटों को साधने के लिए ग्वालियर चंबल अंचल में इस अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन किया गया और दलित वोटों को साधने का प्रयास किया। अंबेडकर महाकुंभ में बीजेपी ने दावा किया था कि इस कार्यक्रम में एक लाख से अधिक दलित वर्ग शामिल होगा लेकिन हालात यह रहे कि 20 से 25 हजार की संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आये। नोट - यह नेटवर्क स्पेशल स्टोरी है।