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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (26 नवंबर) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 107वें संस्करण को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं. आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ परिवारों द्वारा विदेश में शादी समारोह करने के चलन पर सवाल उठाए और ऐसे आयोजन देश में ही करने का आग्रह किया.
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आज 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं।
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आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूर हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।
मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।… pic.twitter.com/EbvYCqooNW
">आज 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं।
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आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूर हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।
मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।… pic.twitter.com/EbvYCqooNWआज 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं।
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आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था, लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूर हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं।
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मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं. पीएम मोदी ने कहा था कि 26 नवंबर को आज का ये दिन, एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. 1949, आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था. उन्होंने कहा कि मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और हम सब मिलकर के नागरिकों के कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए विकसित भारत के संकल्प को जरूर पूरा करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि समय, परिस्थिति, देश की आवश्यकता को देखते हुए अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग समय पर संशोधन किए. लेकिन ये भी दुर्भाग्य रहा कि संविधान का पहला संशोधन, Freedom of Speech और Freedom of Expression के अधिकारों में कटौती करने के लिए हुआ था. वहीं संविधान के 44 वें संशोधन के माध्यम से, Emergency के दौरान की गई गलतियों को सुधारा गया था.
यह भी बहुत प्रेरक है कि संविधान सभा के कुछ सदस्य मनोनीत किए गए थे, जिनमें से 15 महिलाएं थी. ऐसी ही एक सदस्य हंसा मेहता जी ने महिलाओं के अधिकार और न्याय की आवाज बुलंद की थी. उस दौर में भारत उन कुछ देशों में था, जहां महिलाओं को संविधान से Voting का अधिकार दिया.
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26 नवंबर को आज का ये दिन, एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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1949, आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था।
मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और हम सब मिलकर के नागरिकों के कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए विकसित भारत… pic.twitter.com/W8Nw8kcqRK
">26 नवंबर को आज का ये दिन, एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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1949, आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था।
मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और हम सब मिलकर के नागरिकों के कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए विकसित भारत… pic.twitter.com/W8Nw8kcqRK26 नवंबर को आज का ये दिन, एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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1949, आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था।
मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और हम सब मिलकर के नागरिकों के कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए विकसित भारत… pic.twitter.com/W8Nw8kcqRK
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है. मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए, अब भारत की संसद ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को पास किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है. इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया. Vocal For Local का ये अभियान पूरे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है. Vocal For Local अभियान रोजगार की गारंटी है. उन्होंने कहा कि ये लगातार दूसरा साल है जब दीपावली के अवसर में cash देकर कुछ सामान खरीदने का प्रचलन धीरे-धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. यानी, अब लोग ज्यादा से ज्यादा Digital Payment कर रहे हैं। ये भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है.
प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू हुआ. यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क, आकाशवाणी समाचार वेबसाइट, न्यूज ऑन एयर मोबाइल ऐप और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप पर प्रसारित किया जाता है. इसे आकाशवाणी समाचार, डीडी न्यूज, पीएमओ और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के यूट्यूब चैनलों पर भी लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा. आकाशवाणी समाचार हिंदी प्रसारण के तुरंत बाद क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित करेगा.
मासिक रेडियो कार्यक्रम के अपने 106वें एपिसोड में, प्रधान मंत्री ने दिवाली से पहले प्रसारित होने वाले शो में 'स्थानीय के लिए मुखर' अभियान पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी त्योहारों के दौरान हमारी प्राथमिकता 'वोकल फॉर लोकल' होनी चाहिए. पीएम मोदी ने हजारों अमृत कलश यात्राओं के दिल्ली पहुंचने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि मिट्टी को एक विशाल भारत कलश में रखा जाएगा और इस पवित्र मिट्टी से दिल्ली में 'अमृत वाटिका' बनाई जाएगी.
इससे पहले इसी साल अप्रैल में पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ने अपना 100वां एपिसोड पूरा किया था, जिसे पूरे देश में लाइव प्रसारित किया गया था. 30 अप्रैल को इसका वैश्विक प्रसारण भी हुआ. इस कार्यक्रम का न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सीधा प्रसारण किया गया. मासिक कार्यक्रम महिलाओं, युवाओं और किसानों जैसे कई सामाजिक समूहों को संबोधित करने वाले सरकार के नागरिक-आउटरीच कार्यक्रम का एक प्रमुख स्तंभ बन गया है और इसने सामुदायिक कार्रवाई को प्रेरित किया है.
प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए दुनिया की ऐसी हस्तियों को ढूंढा, जिन्होंने अपने क्षेत्र में खास योगदान दिया, लेकिन उनके योगदान के बारे में पता नहीं चल पाया. आज समाज में ऐसे लोगों को लोग जानते हैं और ना सिर्फ जानते हैं बल्कि लोग उनकी प्रेरणा से आगे भी बढ़ रहे हैं.
इसके अलावा पीएम मोदी ने मन की बात में जलवायु परिवर्तन, कृषि, कला, संस्कृति और स्वास्थ्य जैसे तमाम विषयों को शामिल किया और हर बार अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में समाज के सामने कुछ नये विषय पेश किये ताकि समाज को उसके बारे में जानकारी मिल सके. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश को एक सूत्र में बांधना और सबको साथ लेकर विकास करना है.
22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, मन की बात फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली सहित 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है. मन की बात का प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक प्रसारण केन्द्रों से किया जाता है.