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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के समर्थन में आए हसन मुश्रीफ, बोले- अजीत पवार ने जो कहा वह सच है

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री हसन मुश्रीफ ने अजित पवार के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने शरद पवार, अमित शाह, गौतम अडानी के बीच हुई बैठक का खुलासा किया है.

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री हसन मुश्रीफ
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री हसन मुश्रीफ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2024, 7:42 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुलासा किया है कि 5 साल पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनसीपी के बीच बातचीत के लिए शरद पवार, अमित शाह, गौतम अडानी और प्रफुल्ल पटेल के बीच बैठक हुई थी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस बयान के बाद राज्य में हलचल मच गई है.

अजित पवार के बयान पर राज्य के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रीफ ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि अजित पवार ने जो कहा वह सच है. मुश्रीफ ने कहा कि बारामती के लोग उनके साथ मजबूती से खड़े हैं.

बता दें कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद हुए सियासी ड्रामे को लेकर भी बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी पांच साल पहले बीजेपी और अविभाजित शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच राजनीतिक बातचीत का हिस्सा थे.

वह उन चर्चाओं का जिक्र कर रहे थे जो भाजपा से हाथ मिलाने और 2019 में देवेंद्र फडणवीस को सीएम और खुद को डिप्टी सीएम बनाकर अल्पकालिक सरकार बनाने से ठीक पहले हुई थीं.

'एनसीपी के बाहरी समर्थन के बाद बनाई थी सरकार'
जब उनसे एनसीपी और बीजेपी के बीच वैचारिक असंगति और इसके बावजूद उनके बीजेपी के साथ जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि एनसीपी द्वारा बाहरी समर्थन की घोषणा के बाद 2014 में बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, अजीत ने कहा, "जब 2014 के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए, तो एनसीपी प्रवक्ता प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की कि हम बीजेपी को बाहर से समर्थन देंगे. हम वही करते हैं जो हमारे वरिष्ठ हमें करने को कहते हैं."

'एक व्यापारी के घर पर हुई थी मीटिंग'
उन्होंने कहा कि बाद में एनसीपी ने घोषणा की कि यह समर्थन स्थायी नहीं था, बल्कि केवल सरकार बनाने के लिए था, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा और शिवसेना फिर से एक साथ आ गए. उन्होंने सुबह-सुबह शपथ ग्रहण से पहले फडणवीस के साथ हुई 'बैठक' का भी जिक्र किया और बताया कि पांच साल हो गए हैं, सबको पता है कि बैठक कहां हुई थी, यह दिल्ली में एक व्यापारी के घर पर हुई थी, सबको पता है.

बैठक में अमित शाह थे, गौतम अडानी भी वहां थे, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडणवीस और पवार साहब भी वहीं थे... सभी वहां थे... सब कुछ तय हो गया था. उन्होंने आगे कहा, "इसका दोष मुझ पर आया है, और मैंने इसे स्वीकार कर लिया है. मैंने दोष स्वीकार किया और दूसरों को सुरक्षित किया."

'कोई नहीं पड़ सकता शरद पवार का मन'
यह पूछे जाने पर कि पवार सीनियर ने बाद में हिचकिचाहट क्यों दिखाई और भाजपा के साथ क्यों नहीं गए, अजित ने कहा कि उन्हें इसका कारण नहीं पता. पवार साहब एक ऐसे नेता हैं, जिनका मन दुनिया में कोई नहीं पढ़ सकता. हमारी चाची (शरद पवार की पत्नी प्रतिभा) या हमारी सुप्रिया (सुले) भी नहीं.

एनसीपी के विभाजन के बारे में पूछे जाने पर अजित ने कहा कि विभाजन का कोई सवाल ही नहीं है, जिसके पास बहुमत है, वह पार्टी को नियंत्रित करता है. यह पूछे जाने पर कि क्या पवार परिवार फिर से एक साथ आ सकता है, उन्होंने कहा, "मैंने अभी इसके बारे में नहीं सोचा है. अभी मेरा ध्यान चुनावों और महायुति को 175 सीटें जीतने पर है."

यह भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे के आरोप के बीच अधिकारियों ने की CM शिंदे के बैग की जांच, अजित पवार-आठवले की भी हुई चेकिंग

मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुलासा किया है कि 5 साल पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनसीपी के बीच बातचीत के लिए शरद पवार, अमित शाह, गौतम अडानी और प्रफुल्ल पटेल के बीच बैठक हुई थी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस बयान के बाद राज्य में हलचल मच गई है.

अजित पवार के बयान पर राज्य के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर हसन मुश्रीफ ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि अजित पवार ने जो कहा वह सच है. मुश्रीफ ने कहा कि बारामती के लोग उनके साथ मजबूती से खड़े हैं.

बता दें कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद हुए सियासी ड्रामे को लेकर भी बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी पांच साल पहले बीजेपी और अविभाजित शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच राजनीतिक बातचीत का हिस्सा थे.

वह उन चर्चाओं का जिक्र कर रहे थे जो भाजपा से हाथ मिलाने और 2019 में देवेंद्र फडणवीस को सीएम और खुद को डिप्टी सीएम बनाकर अल्पकालिक सरकार बनाने से ठीक पहले हुई थीं.

'एनसीपी के बाहरी समर्थन के बाद बनाई थी सरकार'
जब उनसे एनसीपी और बीजेपी के बीच वैचारिक असंगति और इसके बावजूद उनके बीजेपी के साथ जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि एनसीपी द्वारा बाहरी समर्थन की घोषणा के बाद 2014 में बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, अजीत ने कहा, "जब 2014 के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए, तो एनसीपी प्रवक्ता प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की कि हम बीजेपी को बाहर से समर्थन देंगे. हम वही करते हैं जो हमारे वरिष्ठ हमें करने को कहते हैं."

'एक व्यापारी के घर पर हुई थी मीटिंग'
उन्होंने कहा कि बाद में एनसीपी ने घोषणा की कि यह समर्थन स्थायी नहीं था, बल्कि केवल सरकार बनाने के लिए था, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा और शिवसेना फिर से एक साथ आ गए. उन्होंने सुबह-सुबह शपथ ग्रहण से पहले फडणवीस के साथ हुई 'बैठक' का भी जिक्र किया और बताया कि पांच साल हो गए हैं, सबको पता है कि बैठक कहां हुई थी, यह दिल्ली में एक व्यापारी के घर पर हुई थी, सबको पता है.

बैठक में अमित शाह थे, गौतम अडानी भी वहां थे, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडणवीस और पवार साहब भी वहीं थे... सभी वहां थे... सब कुछ तय हो गया था. उन्होंने आगे कहा, "इसका दोष मुझ पर आया है, और मैंने इसे स्वीकार कर लिया है. मैंने दोष स्वीकार किया और दूसरों को सुरक्षित किया."

'कोई नहीं पड़ सकता शरद पवार का मन'
यह पूछे जाने पर कि पवार सीनियर ने बाद में हिचकिचाहट क्यों दिखाई और भाजपा के साथ क्यों नहीं गए, अजित ने कहा कि उन्हें इसका कारण नहीं पता. पवार साहब एक ऐसे नेता हैं, जिनका मन दुनिया में कोई नहीं पढ़ सकता. हमारी चाची (शरद पवार की पत्नी प्रतिभा) या हमारी सुप्रिया (सुले) भी नहीं.

एनसीपी के विभाजन के बारे में पूछे जाने पर अजित ने कहा कि विभाजन का कोई सवाल ही नहीं है, जिसके पास बहुमत है, वह पार्टी को नियंत्रित करता है. यह पूछे जाने पर कि क्या पवार परिवार फिर से एक साथ आ सकता है, उन्होंने कहा, "मैंने अभी इसके बारे में नहीं सोचा है. अभी मेरा ध्यान चुनावों और महायुति को 175 सीटें जीतने पर है."

यह भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे के आरोप के बीच अधिकारियों ने की CM शिंदे के बैग की जांच, अजित पवार-आठवले की भी हुई चेकिंग

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