भाषा को लेकर सीएम का बड़ा बयान, जानिए निशाने पर क्यों है छत्तीसगढ़ और गुजरात - रांची न्यूज
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐलान कर दिया है कि जिन्हें झारखंड में रहना है उन्हें झारखंड की भाषा सीखनी होगी आदिवासी भाषा सीखनी होगी. अपने भाषण में हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ और गुजरात की जिस भाषा का जिक्र किया है इसमें भाषा कम सियासत की जिक्र ज्यादा की गई है. वजह साफ है कि छत्तीसगढ़ से रघुवर दास आते हैं और गुजरात से कौन आता है इसे पूरा देश जानता है. आखिर हेमंत सोरेन को इस बात का डर क्यों लग रहा है अधिकारी को कौन सी भाषा सिखा देगा जो झारखंड के विकास में बाधक होगा या फिर गुजरात वाली कौन सी भाषा अधिकारी सीख जाएंगे कि झारखंड के विकास को रोक देंगे. जिसमें आदिवासियों की भाषा सीखनी जरूरी है. हम यह नहीं कहते कि लोग भाषा सीखे तो निश्चित तौर पर उस से जुड़ाव ज्यादा होगा क्योंकि स्थानीय भाषा से लगाव मातृभूमि के लगाव के बराबर होता है. हेमंत सोरेन निश्चित तौर पर यह करें इसकी सराहना भी खूब होगी और इसे सीखने के लिए अधिकारियों में ललक भी. लेकिन छत्तीसगढ़ गुजरात का जो हेमंत सोरेन कर रहे हैं अधिकारी कितना सीखे हैं अधिकारियों को कितना दिया गया है. इसका भी कोई पैमाना हो तो मुख्यमंत्री निकाल लें. क्योंकि डर इस बात का है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड की सियासत में और लोगों से जुड़ने में दिक्कत कर सकती है राजनीतिक समीक्षक इस बात को साफ-साफ समझ भी रहे हैं उसकी वजह क्या है और किस वजह से जनता के सामने रखा जा रहा है सियासत है सब जानती है और जनता तो बिल्कुल सब कुछ जानती है पब्लिक है सब जानती है.