अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर! साहूकार और बैंक के कर्ज में दबे हैं किसान, मदद की दरकार
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राज्य और केंद्र सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तो कई लोकलुभावन वादे किए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हजारीबाग में चैंबर ऑफ फार्मर ने बैठक कर अपना दर्द बयां किया है. किसानों का कहना है कि अब हालात ये हो गए हैं कि आत्महत्या को मजबूर हो जाएंगे, साहूकार और बैंक के लोन के तले इतना दब गए हैं कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. एक तरफ कोरोना ने किसानों की आर्थिक स्थिति खराब कर दी. वहीं हाल ही में आए चक्रवात तूफान यास ने फसलों को बर्बाद कर दिया है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन इन किसानों का अब तक कोई सुध लेने वाला नहीं है.