VIDEO: पूरा नहीं हो रहा पथराई आंखों को आसरे का इंतजार
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2016 में लोहरदगा में वृद्धा आश्रम का निर्माण कराया गया था. आज इस बात को 5 साल हो चुके हैं. भवन बना और अब खंडहर में भी तब्दील होने लगा है. इस भवन को संचालित करने को लेकर स्वयंसेवी संगठनों की ओर से पहले भी दो बार प्रस्ताव मांगा गया. सारी प्रक्रिया भी हुई, परंतु यह शुरू नहीं हो पाया. कहीं ना कहीं मामला अधिकारियों के बीच फंसकर रह गया. फिर एक बार वृद्धा आश्रम को संचालित करने को लेकर प्रक्रिया अपनाई जा रही है. इसमें भी लंबा वक्त लग रहा है. लोहरदगा में वृद्धा आश्रम संचालित करने को लेकर सामान की खरीदारी भी की गई है. दुर्भाग्य से जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ तो वृद्धा आश्रम के सभी सामान, बेड, तकिया, गद्दा को कुडू प्रखंड के चिरी के कोविड सेंटर में उपयोग के लिए ले जाया गया. अभी भी वहीं पर सारा सामान है. वृद्धा आश्रम का भवन जर्जर अवस्था की सीमा को पार करने लगा है. फर्स में दरारें आ रही है. खिड़की दरवाजे टूट रहे हैं. वॉशरूम टूटा पड़ा हुआ है. वायरिंग का ढंग से पता नहीं है. कुल मिलाकर वृद्धा अवस्था की तरह वृद्धा आश्रम भी अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ चला है. यह सब कुछ प्रशासनिक उदासीनता की वजह से हो रहा है. भवन की देखरेख करने वाले केयरटेकर को भी पिछले कई वर्षों से मानदेय तक नहीं दिया गया. लोहरदगा में वृद्धा आश्रम उपयोग से पहले ही खंडहर में तब्दील होने लगा है.