Video: जहां कभी माओवादी लगाते थे जन अदालत, अब वहां चलता है स्कूल, सीआरपीएफ के जवान बच्चों को दे रहे शिक्षा

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पलामू: जो स्थान कभी माओवाद और लाल आतंक का गढ़ माना जाता था, जहां सिर्फ भय और आतंक का बोलबाला था, वहां अब बदलाव शुरू हो गया है. जहां कभी प्रतिबंधित नक्सली संगठन और माओवादी जन अदालत लगाते थे, वहां अब स्कूल लगता है. हम बात कर रहे हैं बूढ़ा पहाड़ की. जिस जगह पर बैठकर माओवादी इलाके के लोग को अपना फरमान सुनाते थे. सुरक्षा बलों ने वहां एक चलंत स्कूल खोला है. दो दर्जन से अधिक बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए 1600 मीटर ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर आते हैं. पढ़ने वाले बच्चों में वे बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें माओवादियों ने बाल दस्ते में शामिल करने का फरमान जारी किया था. आदेश के बाद बच्चे लापता हो गए थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने इन बच्चों को माओवादियों के कब्जे से छुड़ा लिया. अब बच्चे वापस आ गए हैं और पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल को यूनिफाइड कमांड बनाया गया है, जहां छत्तीसगढ़ और झारखंड के बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में सीआरपीएफ के जवान शिक्षा दे रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों द्वारा खोले गए इस स्कूल का ईटीवी भारत ने जायजा लिया है.

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