न्यायपालिका में 50 फीसद महिलाएं हों, चीफ जस्टिस रमना भी कर चुके हैं वकालत : एनसीपी सांसद - parliament news
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भारत में न्यायिक नियुक्तियों को लेकर एनसीपी सांसद वंदना चव्हाण ने आज राज्य सभा में अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि संसद से नेशनल ज्यूडिशियल अप्वाइंटमेंट एक्ट बनाए जाने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट से निरस्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि न्यायिक नियुक्तियों पर चर्चा जरूरी है. चीफ जस्टिस एनवी रमना के कथन का जिक्र करते हुए वंदना ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका में लैंगिक असमानता दूर करने की सख्त जरूरत है. वंदना ने कहा कि चीफ जस्टिस ने इस बात की वकालत की है कि न्यायपालिका में 50 फीसद पद पर महिलाओं की नियुक्ति होनी चाहिए. वंदना ने कहा कि अदालतों में न्याय की देवी न्यायाधीशों की कुर्सी के पीछे खड़ी जरूर होती है, लेकिन दुर्भाग्य है कि वह कुर्सी पर बैठ नहीं सकती. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में सरकार के पास प्रचंड बहुमत है, ऐसे में सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.