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ओडिशा में मिली सारंडा से तस्करी की गई लाखों की लकड़ी, वन विभाग की कार्यशैली पर उठा सवाल

पश्चिम सिंहभूम जिला के सारंडा क्षेत्र में लकड़ियों की तस्करी की चरम पर है. ओडिशा के बिसरा थाना क्षेत्र के झारबेड़ा में छापेमारी के दौरान लाखों रुपये की झारखंड की लकड़ी जब्त होने पर जिले के वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

Wood smuggling in Sarand
सारंडा में लकड़ी की तस्करी
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Published : Sep 10, 2021, 10:40 AM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला के सारंडा क्षेत्र में लकड़ियों की तस्करी की चरम पर है. अवैध लकड़ियों की ओडिशा के रास्ते खरीद और बिक्री का काम धड़ल्ले से हो रहा है. लकड़ियों के इस अवैध कारोबार का खुलासा तब हुआ जब ओडिशा के बिसरा थाना क्षेत्र के झारबेड़ा में छापेमारी के दौरान लाखों रुपये की लकड़ी बरामद की गई. सभी लकड़ियां झारखंड से तस्करी कर ओडिशा पहुंचाई गई थी.

ये भी पढ़ें- अपराधियों ने बागबेड़ा में गांजा माफिया पर अंधाधुंध बरसाईं गोलियां, नोकझोंक के बाद खेला गया 'खूनी खेल

गुप्त सूचना पर कार्रवाई

दरअसल राउरकेला डीएफओ यशवंत सेठी को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड के सारंडा से कीमती लकड़ियों की तस्करी कर ओडिशा के बिसरा थाना क्षेत्र के झारबेड़ा महतो टोली में जमा किया जा रहा है. इस सूचना पर की गई छापेमारी में लाखों रुपये की अवैध लकड़ी जब्त की गई. ओडिशा में अवैध लकड़ियों से फर्नीचर बनाने का काम चल रहा था. डीएफओ की छापेमारी में जब्त की गई लकड़ी की कीमत 15 से 20 लाख रुपये बताई जा रही है.

एक लकड़ी तस्कर गिरफ्तार

राउरकेला वन विभाग की कार्रवाई में एक लकड़ी तस्कर सदाशिव महतो भी गिरफ्तार किया गया है. जबकि कुछ लोग अब भी फरार बताए जा रहे हैं.

ध्वस्त किए गए आरा मिल
बता दें कि राउरकेला डीएफओ यशवंत सेठी ने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है. वे देर रात सूचना मिलने के बाद इस मामले पर नजर बनाये हुए थे. जैसे ही लकड़ी की तस्करी के मामले का सत्यापन हुआ, वैसे ही राउरकेला वन विभाग ने झारबेड़ा गांव के छह घरों में छापेमारी की और अवैध आरा मिल को ध्वस्त कर दिया.

पश्चिम सिंहभूम वन विभाग पर उठे सवाल

ओडिशा में झारखंड की लाखों की लकड़ी मिलने पर पश्चिम सिंहभूम वन विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. विभाग पर लकड़ी तस्करी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला के सारंडा क्षेत्र में लकड़ियों की तस्करी की चरम पर है. अवैध लकड़ियों की ओडिशा के रास्ते खरीद और बिक्री का काम धड़ल्ले से हो रहा है. लकड़ियों के इस अवैध कारोबार का खुलासा तब हुआ जब ओडिशा के बिसरा थाना क्षेत्र के झारबेड़ा में छापेमारी के दौरान लाखों रुपये की लकड़ी बरामद की गई. सभी लकड़ियां झारखंड से तस्करी कर ओडिशा पहुंचाई गई थी.

ये भी पढ़ें- अपराधियों ने बागबेड़ा में गांजा माफिया पर अंधाधुंध बरसाईं गोलियां, नोकझोंक के बाद खेला गया 'खूनी खेल

गुप्त सूचना पर कार्रवाई

दरअसल राउरकेला डीएफओ यशवंत सेठी को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड के सारंडा से कीमती लकड़ियों की तस्करी कर ओडिशा के बिसरा थाना क्षेत्र के झारबेड़ा महतो टोली में जमा किया जा रहा है. इस सूचना पर की गई छापेमारी में लाखों रुपये की अवैध लकड़ी जब्त की गई. ओडिशा में अवैध लकड़ियों से फर्नीचर बनाने का काम चल रहा था. डीएफओ की छापेमारी में जब्त की गई लकड़ी की कीमत 15 से 20 लाख रुपये बताई जा रही है.

एक लकड़ी तस्कर गिरफ्तार

राउरकेला वन विभाग की कार्रवाई में एक लकड़ी तस्कर सदाशिव महतो भी गिरफ्तार किया गया है. जबकि कुछ लोग अब भी फरार बताए जा रहे हैं.

ध्वस्त किए गए आरा मिल
बता दें कि राउरकेला डीएफओ यशवंत सेठी ने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है. वे देर रात सूचना मिलने के बाद इस मामले पर नजर बनाये हुए थे. जैसे ही लकड़ी की तस्करी के मामले का सत्यापन हुआ, वैसे ही राउरकेला वन विभाग ने झारबेड़ा गांव के छह घरों में छापेमारी की और अवैध आरा मिल को ध्वस्त कर दिया.

पश्चिम सिंहभूम वन विभाग पर उठे सवाल

ओडिशा में झारखंड की लाखों की लकड़ी मिलने पर पश्चिम सिंहभूम वन विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. विभाग पर लकड़ी तस्करी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है.

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