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चाईबासाः सड़क निर्माण कार्य की जांच करने गए जेई को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, पुलिस ने कराया मामला शांत - चाईबासा में सड़क का निर्माण कार्य

चाईबासा में जेई ग्रामीण विकास विभाग की ओर से किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण पहुंचे. इस दौरान जेई को ग्रामीणों ने घंटों बंधक बनाए रखा. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.

villagers hostage je in chaibasa
जेई को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
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Published : Oct 9, 2020, 1:16 PM IST

चाईबासा: जिले के मनोहरपुर प्रखंड के तरतरा गांव में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सड़क निर्माण किए जा रहे सड़क की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के सवाल उठाने पर जांच करने पहुंचे जेई को ग्रामीणों ने घंटों बंधक बनाए रखा. सड़क का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगा दी. इस दौरान निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार नंदलाल और ग्रामीणों के बीच गर्मागर्म बहस के बीच हाथापाई भी हुई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया.

निर्माणाधीन सड़क पर विवाद
प्रखंड के तरतरा गांव में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से निर्माणाधीन सड़क पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को मौके पर विवाद बढ़ने पर ग्रामीणों ने संवेदक नंदलाल गुप्ता, उनके बेटे नीलेश गुप्ता और भतीजा विष्णु गुप्ता की पिटाई कर दी. साथ ही मौके पर जेई को बंधक बनाए रखा. इसके बाद मनोहरपुर पुलिस ने मौके पर आकर मामले की पूछताछ की और जेई को ग्रामीणों के बीच से निकाल कर साथ ले गए. मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. विगत बुधवार को भी ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए कार्यस्थल पर काम पर रोक लगा दी थी. इधर घटना के बाद जेई ने कहा कि मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गई है. आगे उनके निर्देश के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

विभागीय आदेश का हवाला
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को ग्रामीणों द्वारा काम रोके जाने के बाद गुरुवार को विभागीय आदेश का हवाला देते हुए संवेदक ने दोबारा सड़क पर काम शुरू कर दिया. वहीं ग्रामीणों को दिए गए वादे के तहत गुरुवार को विभाग के जेई दुर्गा सोरेन भी सड़क की जांच करने कार्यस्थल पर पहुंचे. मौके पर ग्रामीणों ने उन्हें सड़क निर्माण में बरती जा रही अनियमितता के बारे में शिकायत की. साथ ही उनसे काम गुणवत्तायुक्त कराने की मांग करने लगे. जेई ने मौके से कुछ दूर पर खड़े संवेदक नंदलाल को बुलवाया. यहां पर नंदलाल और उनके पुत्र ने ग्रामीणों से कहा कि अगर ग्रामीण काम पर रोक लगाना चाहते हैं तो इसे लिखकर दें. बातचीत के दौरान विवाद काफी बढ़ गया और माहौल तनावपूर्ण हो गया.

इसे भी पढ़ें- रांची में सात वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या, आरोपी रिश्तेदार की पिटाई कर पुलिस को सौंपा

मारपीट की नौबत
विवाद बढ़ने के बाद ग्रामीणों ने गुप्ता उसके पुत्र और भतीजे की पिटाई कर दी. कुछ एक लोगों द्वारा बीच बचाव कर रोका गया. उसके बाद नंदलाल मौके से निकल गए. जबकि मौके से निकल कर कुछ दूर जाने के बाद लोगों ने जेई सोरेन को रोक लिया. मामले की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी प्रदीप मिंज और अन्य अधिकारी सदलबल के साथ मौके पर पहुंचे. मौके पर उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुन ग्रामीणों को कानून हाथ में न लेने की सख्त हिदायत दी. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक नंदलाल ने सबसे पहले एक ग्रामीण का कॉलर पकड़ा. उसके बाद ही मारपीट की नौबत आई. जबकि नंदलाल गुप्ता के पुत्र नीलेश गुप्ता ने ग्रामीणों पर आरोप लगाया कि उन्होंने सबसे पहले हाथ उठाया.

जेई को नहीं पता सड़क की लागत
मौके पर जेई से योजना की प्राक्कलित राशि और प्राक्कलन के बारे में पत्रकारों ने जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में कागजात देखने के बाद ही सही जानकारी दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि सड़क की अनुमानित प्राक्कलित राशि लगभग एक करोड़ रुपये है. वहीं योजना स्थल पर कार्य से संबंधित बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जबकि ग्रामीणों के आरोप की माने तो सड़क के एक कलवर्ट में बिछाए गए ह्यूम पाइप को लगाने में भी अनियमितता बरती गई है. साथ ही सड़क निर्माण में भी प्राक्कलन के मानकों को ताक पर रख काम करने की बात ग्रामीणों ने जेई से कही. सड़क पर गांव के अंदर बनाई गई संवेदक नंदलाल गुप्ता द्वारा पीसीसी सड़क निर्माण के दौरान भी ग्रामीणों ने अनिमितता का आरोप लगाते हुए निर्माण कार्य रोक दिया था. जेई दुर्गा सोरेन ने बताया कि घटना को लेकर वरीय पदाधिकारी को लिखित सूचना दी जाएगी.

चाईबासा: जिले के मनोहरपुर प्रखंड के तरतरा गांव में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सड़क निर्माण किए जा रहे सड़क की गुणवत्ता पर ग्रामीणों के सवाल उठाने पर जांच करने पहुंचे जेई को ग्रामीणों ने घंटों बंधक बनाए रखा. सड़क का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार को निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगा दी. इस दौरान निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार नंदलाल और ग्रामीणों के बीच गर्मागर्म बहस के बीच हाथापाई भी हुई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया.

निर्माणाधीन सड़क पर विवाद
प्रखंड के तरतरा गांव में ग्रामीण विकास विभाग की ओर से निर्माणाधीन सड़क पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में गुरुवार को मौके पर विवाद बढ़ने पर ग्रामीणों ने संवेदक नंदलाल गुप्ता, उनके बेटे नीलेश गुप्ता और भतीजा विष्णु गुप्ता की पिटाई कर दी. साथ ही मौके पर जेई को बंधक बनाए रखा. इसके बाद मनोहरपुर पुलिस ने मौके पर आकर मामले की पूछताछ की और जेई को ग्रामीणों के बीच से निकाल कर साथ ले गए. मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है. विगत बुधवार को भी ग्रामीणों ने सड़क निर्माण में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए कार्यस्थल पर काम पर रोक लगा दी थी. इधर घटना के बाद जेई ने कहा कि मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गई है. आगे उनके निर्देश के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

विभागीय आदेश का हवाला
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को ग्रामीणों द्वारा काम रोके जाने के बाद गुरुवार को विभागीय आदेश का हवाला देते हुए संवेदक ने दोबारा सड़क पर काम शुरू कर दिया. वहीं ग्रामीणों को दिए गए वादे के तहत गुरुवार को विभाग के जेई दुर्गा सोरेन भी सड़क की जांच करने कार्यस्थल पर पहुंचे. मौके पर ग्रामीणों ने उन्हें सड़क निर्माण में बरती जा रही अनियमितता के बारे में शिकायत की. साथ ही उनसे काम गुणवत्तायुक्त कराने की मांग करने लगे. जेई ने मौके से कुछ दूर पर खड़े संवेदक नंदलाल को बुलवाया. यहां पर नंदलाल और उनके पुत्र ने ग्रामीणों से कहा कि अगर ग्रामीण काम पर रोक लगाना चाहते हैं तो इसे लिखकर दें. बातचीत के दौरान विवाद काफी बढ़ गया और माहौल तनावपूर्ण हो गया.

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मारपीट की नौबत
विवाद बढ़ने के बाद ग्रामीणों ने गुप्ता उसके पुत्र और भतीजे की पिटाई कर दी. कुछ एक लोगों द्वारा बीच बचाव कर रोका गया. उसके बाद नंदलाल मौके से निकल गए. जबकि मौके से निकल कर कुछ दूर जाने के बाद लोगों ने जेई सोरेन को रोक लिया. मामले की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी प्रदीप मिंज और अन्य अधिकारी सदलबल के साथ मौके पर पहुंचे. मौके पर उन्होंने दोनों पक्षों की बात सुन ग्रामीणों को कानून हाथ में न लेने की सख्त हिदायत दी. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक नंदलाल ने सबसे पहले एक ग्रामीण का कॉलर पकड़ा. उसके बाद ही मारपीट की नौबत आई. जबकि नंदलाल गुप्ता के पुत्र नीलेश गुप्ता ने ग्रामीणों पर आरोप लगाया कि उन्होंने सबसे पहले हाथ उठाया.

जेई को नहीं पता सड़क की लागत
मौके पर जेई से योजना की प्राक्कलित राशि और प्राक्कलन के बारे में पत्रकारों ने जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में कागजात देखने के बाद ही सही जानकारी दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि सड़क की अनुमानित प्राक्कलित राशि लगभग एक करोड़ रुपये है. वहीं योजना स्थल पर कार्य से संबंधित बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. जबकि ग्रामीणों के आरोप की माने तो सड़क के एक कलवर्ट में बिछाए गए ह्यूम पाइप को लगाने में भी अनियमितता बरती गई है. साथ ही सड़क निर्माण में भी प्राक्कलन के मानकों को ताक पर रख काम करने की बात ग्रामीणों ने जेई से कही. सड़क पर गांव के अंदर बनाई गई संवेदक नंदलाल गुप्ता द्वारा पीसीसी सड़क निर्माण के दौरान भी ग्रामीणों ने अनिमितता का आरोप लगाते हुए निर्माण कार्य रोक दिया था. जेई दुर्गा सोरेन ने बताया कि घटना को लेकर वरीय पदाधिकारी को लिखित सूचना दी जाएगी.

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