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कुपोषण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन की नई पहल, बच्चों को खिलाया जाएगा न्यूट्रिमिक्स लड्डू - पश्चिम सिंहभूम में बच्चों को खिलाया जाएगा न्यूट्रिमिक्स लड्डू

पश्चिमी सिंहभूम में कुपोषण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन बच्चों के लिए न्यूट्रिमिक्स लड्डू बनवा रहा है. सर्वप्रथम न्यूट्रिमिक्स लड्डू सदर प्रखंड के 10 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के खिलाया जाएगा. न्यूट्रिमिक्स लड्डू का अन्यथा प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है इसके लिए भी जिला स्तर से पूरी प्रक्रिया की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी.

कुपोषण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन की नई पहल, बच्चों को खिलाया जाएगा न्यूट्रिमिक्स लड्डू
उप विकास आयुक्त
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Published : Mar 3, 2020, 11:02 PM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुपोषण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा बच्चों के लिए न्यूट्रिमिक्स लड्डू बनाया जा रहा है. सर्वप्रथम न्यूट्रिमिक्स लड्डू सदर प्रखंड के 10 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के खिलाया जाएगा. जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने सदर चाईबासा प्रखंड अंतर्गत 02 केंद्रों का निरीक्षण किया.

देखें पूरी खबर

इस दौरान उप विकास आयुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका और सहायिका से मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सामग्रियों के साथ-साथ अध्यनरत बच्चों और उनके बौद्धिक विकास से संबंधित बिंदुओं पर पूछताछ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.

शारीरीक और बौद्धिक विकास के लिए पोषक लड्डू वितरण

बता दें कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रयोग के तौर पर बच्चों के समग्र शारीरीक और बौद्धिक विकास के लिए पोषक लड्डू वितरण करने की योजना जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई है. इस पूरी प्रक्रिया के संचालन के लिए 08 नए लोगों की नियुक्ति की जा रही है जिनका काम लड्डू को लाना-ले जाना होगा, लड्डू को बनाना होगा और अकाउंट देखना होगा तथा पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी करनी होगी. इन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का सर्वे कर ऊंचाई, लंबाई और बाजू का नाप लिया गया है, जिस आधार पर बच्चों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाएगा. लड्डू खिलाने के पश्चात बच्चों के शारीरिक विकास की मॉनिटरिंग प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर और उस टीम की ओर से की जाएगी कि बच्चों में क्या परिवर्तन आ रहा है. न्यूट्रिमिक्स लड्डू का अन्यथा प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है इसके लिए भी जिला स्तर से पूरी प्रक्रिया की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी.

बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलवाने के लिए पहल

इस संबंध में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशन में जिला प्रशासन की ओर से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलवाने के लिए सदर प्रखंड अंतर्गत 10 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रयोग के रूप में पोषक लड्डू वितरण करने के लिए इन्हें चयनित किया गया है. उन्होंने बताया कि पोषक लड्डू वितरण से पूर्व केंद्रों की बारीकी से जांच करते हुए व्याप्त खामियों को दूर करने के उद्देश्य से प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, सह प्रभारी चिकित्सक कुपोषण उपचार केंद्र जगन्नाथ हेंब्रम के साथ निरीक्षण किया गया है.

डीडीसी की ओर से जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन की ओर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु आवश्यक सभी मूलभूत और आधारभूत सुविधा उपलब्ध करवाते हुए पोषक लड्डू का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा. पोषक लड्डू वितरण के 2 महीने बाद बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक विकास का मूल्यांकन किया जाएगा. उसके बाद इसे जिले के अंतर्गत अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित करने की योजना बनाई जाएगी. केंद्र की सहायिकाओं की ओर से किचेन गार्डन के निर्माण के लिए कृषि यंत्र की मांग की गई है, जिसे जल्द उपलब्ध करवा दिया जायेगा.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुपोषण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा बच्चों के लिए न्यूट्रिमिक्स लड्डू बनाया जा रहा है. सर्वप्रथम न्यूट्रिमिक्स लड्डू सदर प्रखंड के 10 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के खिलाया जाएगा. जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने सदर चाईबासा प्रखंड अंतर्गत 02 केंद्रों का निरीक्षण किया.

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इस दौरान उप विकास आयुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका और सहायिका से मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सामग्रियों के साथ-साथ अध्यनरत बच्चों और उनके बौद्धिक विकास से संबंधित बिंदुओं पर पूछताछ करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं.

शारीरीक और बौद्धिक विकास के लिए पोषक लड्डू वितरण

बता दें कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रयोग के तौर पर बच्चों के समग्र शारीरीक और बौद्धिक विकास के लिए पोषक लड्डू वितरण करने की योजना जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई है. इस पूरी प्रक्रिया के संचालन के लिए 08 नए लोगों की नियुक्ति की जा रही है जिनका काम लड्डू को लाना-ले जाना होगा, लड्डू को बनाना होगा और अकाउंट देखना होगा तथा पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी करनी होगी. इन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का सर्वे कर ऊंचाई, लंबाई और बाजू का नाप लिया गया है, जिस आधार पर बच्चों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाएगा. लड्डू खिलाने के पश्चात बच्चों के शारीरिक विकास की मॉनिटरिंग प्रत्येक सप्ताह जिला स्तर पर और उस टीम की ओर से की जाएगी कि बच्चों में क्या परिवर्तन आ रहा है. न्यूट्रिमिक्स लड्डू का अन्यथा प्रयोग तो नहीं किया जा रहा है इसके लिए भी जिला स्तर से पूरी प्रक्रिया की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी.

बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलवाने के लिए पहल

इस संबंध में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशन में जिला प्रशासन की ओर से बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलवाने के लिए सदर प्रखंड अंतर्गत 10 मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रयोग के रूप में पोषक लड्डू वितरण करने के लिए इन्हें चयनित किया गया है. उन्होंने बताया कि पोषक लड्डू वितरण से पूर्व केंद्रों की बारीकी से जांच करते हुए व्याप्त खामियों को दूर करने के उद्देश्य से प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, सह प्रभारी चिकित्सक कुपोषण उपचार केंद्र जगन्नाथ हेंब्रम के साथ निरीक्षण किया गया है.

डीडीसी की ओर से जानकारी दी गई कि जिला प्रशासन की ओर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु आवश्यक सभी मूलभूत और आधारभूत सुविधा उपलब्ध करवाते हुए पोषक लड्डू का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा. पोषक लड्डू वितरण के 2 महीने बाद बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक विकास का मूल्यांकन किया जाएगा. उसके बाद इसे जिले के अंतर्गत अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित करने की योजना बनाई जाएगी. केंद्र की सहायिकाओं की ओर से किचेन गार्डन के निर्माण के लिए कृषि यंत्र की मांग की गई है, जिसे जल्द उपलब्ध करवा दिया जायेगा.

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