चाईबासा: जिला स्कूल के सभागार में 'मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' के अंतर्गत जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. यह आयोजन स्कूली, शिक्षा और साक्षरता विभाग, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा की ओर से किया गया. इस सम्मान समारोह में राज्य स्तर पर चयनित जिले के 22 विद्यालयों के प्राचार्य, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव और विद्यालय में कार्यरत बाल संसद के स्वच्छता मंत्री के रूप में अपना योगदान देने वाले स्कूली बच्चों को जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने मोमेंटो और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया. वहीं सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन सभागार, रांची में आयोजित सम्मान कार्यक्रम का सजीव प्रसारण देखा गया.
राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए चयनित
उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए यह पुरस्कार वितरण कार्यक्रम जिले में ही आयोजित किया गया है. उन्होंने बताया कि इस जिले के लिए यह गर्व की बात है कि पूर्व में भी राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए चयनित 10 विद्यालयों में 4 विद्यालय इस जिले से नामांकित किए गए थे. आज के समय में भी राज्य स्तर पर फाइव स्टार पाने वाले सर्वाधिक विद्यालयों की संख्या इसी जिले से है.
विद्यालयों को स्वच्छता सम्मान प्राप्त
उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए पूरे झारखंड में चयनित 129 विद्यालयों में से 22 विद्यालय इसी जिला के चयनित हुए हैं. पूरे झारखंड में संख्या के हिसाब से पुरस्कार पाने वाला यह दूसरा जिला है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से लगातार विद्यालयों में सफाई, पेयजल की आपूर्ति आदि के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है. इतनी संख्या में जिले के विद्यालयों को स्वच्छता सम्मान प्राप्त होना उसी का परिणाम है.
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सांसद और विधायक मद की राशि का प्रयोग
उपायुक्त ने बताया कि पूरे झारखंड में जिला के बेहतर प्रदर्शन करने के पीछे जिले की स्थानीय विधायक और सूूबे की महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी, क्षेत्र की सांसद गीता कोड़ा सहित जिले के सभी विधायकगण का महत्वपूर्ण योगदान है. जिसके लिए सभी धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने बताया कि सभी जनप्रतिनिधि की ओर से भी लगातार विद्यालयों में संसाधन की कमी, कमरे की कमी को दूर करने के साथ पेयजल और शौचालय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार पहल किया जाता रहा है. इस कार्य के लिए अपने सांसद और विधायक मद की राशि का प्रयोग कर जिला प्रशासन को विशेष सहयोग भी मिलता रहा है.
विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था
उपायुक्त ने बताया कि अभी भी जिला अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्रों, सुदूरवर्ती क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अवस्थित विद्यालयों में स्वच्छता को लेकर कई और कार्य किए जाने हैं. उनमें विशेष रूप से उक्त क्षेत्रों के जिन-जिन विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है. वहां पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करना शामिल है. उन्होंने बताया कि आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विद्यालयों को 1 लाख की राशि भी सम्मान के रूप में दी जाएगी.