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कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के आश्रितों को मिले मुआवजा व स्थाई नौकरीः झारखंड मजदूर संघर्ष

झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरू शाखा के महासचिव आफताब आलम ने खदान प्रबंधक से मांग की है कि संक्रमण से निधन हुए कर्मियों के आश्रितों को मुआवजा और स्थाई नौकरी दी जाए.

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कोरोना संक्रमण से निधन हुए कर्मियों के आश्रितों दें मुआवजा व स्थाई नौकरीः झारखंड मजदूर संघर्ष
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Published : May 25, 2021, 6:55 AM IST

चाईबासा: झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरू शाखा के महासचिव आफताब आलम ने सेल खदान के मुख्य महाप्रबंधक को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि सेल खदान क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, उनके आश्रितों को मुआवजा और किसी एक सदस्य को स्थाई नौकरी दी जाए.

यह भी पढ़ेंःचाईबासा: कोरोना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान, घर-घर हो रही स्वास्थ्य जांच

महासचिव आफताब आलम ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी पीड़ादायक है. संक्रमण की दूसरी लहर में दोगुनी रफ्तार से लोग संक्रमित होते चले गए, जिसके दुष्परिणाम से खदान भी अछूता नहीं रहा. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में खदान के चार कर्मचारियों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है. इन कर्मचारियों के आश्रितों को सामने भरण पोषण की समस्या खड़ी है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि महामारी की चपेट में आकर जिन कर्मियों की मौत हुई है, उनके परिजनों को एकमुश्त 50 लाख मुआवजा दिया जाए.

दिया जाए प्रोत्साहन भत्ता

उन्होंने कहा कि खदान के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों, लैब टेक्नीशियन, सफाई कर्मी 24 घंटे ड्यूटी करते रहे. इन कर्मचारियों को उचित प्रोत्साहन भत्ता देकर मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में अधिकतर संस्था बंद हैं या फिर अपने आधे से भी कम कार्य बल के साथ किसी तरह उत्पादन कर देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में लगा है. वहीं, सेल की सभी इकाइयों में कार्यरत कर्मी अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है और अनवरत सेवा देते आ रहे हैं.

चाईबासा: झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की मेघाहातुबुरू शाखा के महासचिव आफताब आलम ने सेल खदान के मुख्य महाप्रबंधक को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि सेल खदान क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है, उनके आश्रितों को मुआवजा और किसी एक सदस्य को स्थाई नौकरी दी जाए.

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महासचिव आफताब आलम ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी पीड़ादायक है. संक्रमण की दूसरी लहर में दोगुनी रफ्तार से लोग संक्रमित होते चले गए, जिसके दुष्परिणाम से खदान भी अछूता नहीं रहा. उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में खदान के चार कर्मचारियों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है. इन कर्मचारियों के आश्रितों को सामने भरण पोषण की समस्या खड़ी है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि महामारी की चपेट में आकर जिन कर्मियों की मौत हुई है, उनके परिजनों को एकमुश्त 50 लाख मुआवजा दिया जाए.

दिया जाए प्रोत्साहन भत्ता

उन्होंने कहा कि खदान के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों, लैब टेक्नीशियन, सफाई कर्मी 24 घंटे ड्यूटी करते रहे. इन कर्मचारियों को उचित प्रोत्साहन भत्ता देकर मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में अधिकतर संस्था बंद हैं या फिर अपने आधे से भी कम कार्य बल के साथ किसी तरह उत्पादन कर देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में लगा है. वहीं, सेल की सभी इकाइयों में कार्यरत कर्मी अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है और अनवरत सेवा देते आ रहे हैं.

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