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7 लोगों के नरसंहार के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात, दिया हर संभव मदद का आश्वासन

चाईबासा के बुरुगुलिकेरा गांव में 7 लोगों की नर्मम हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच एसआईटी को करने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने भी पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है.

Chief Minister Hemant Soren meets victim family in Chaibasa
मुख्यमंत्री ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात
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Published : Jan 23, 2020, 7:22 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 7:31 PM IST

चाईबासा: सिंहभूम की गुदड़ी प्रखंड क्षेत्र बुरुगुलिकेरा गांव में 7 लोगों का नरसंहार किया गया था. इस घटना के बाद राजनीतिक सरगरमी भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुरुगुलिकेरा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

देखें पूरी खबर

हेमंत सोरेन ने सरकार पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है. उन्होंने जिला उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा को पीड़ित परिवारों के सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है.

पीड़ित परिवारों ने मूख्यमंत्री के सामने इस घटना के पिछे पत्थलगड़ी समर्थकों का हाथ बताया, लेकिन मूख्यमंत्री अलग-अलग तरीके से परिजनों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे रहे. इस दौरान घटना का शिकार परिजनों ने मुख्यमंत्री के सामने सरकारी मुआवजा और न्याय की मांग की. पीड़ित परिवारों को उम्मीद थी कि सुबे के मुखिया आ रहे हैं, तो सरकारी मुआवजा और नौकरी की घोषणा की जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री पूरे बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते रहे. मौके पर मौजूद विधायक जोबा मांझी ने पीड़ितों को मुफ्त में सरकारी अनाज और विधवा पेंशन देने के लिए जिला उपायुक्त को निर्देश दिया.

इसे भी पढे़ं:- चाईबासा में हत्या मामले पर बोले पूर्व सीएम रघुवर दास- दोषियों को हो कड़ी सजा

जिस तरह से घटना घटी है और 7 लोगों की निर्मम हत्या की गई है, उससे पीड़ित परिवार के आंखों में उनकी तकलीफों को साफ देखा जा सकता है, लेकिन उनके तकलीफों को मुख्यमंत्री के सामने सही ढंग से रखने वाला कोई भी नहीं दिखा. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में आने के पीछे यह साफ जाहिर हो रहा था कि किसी भी तरह से पत्थलगड़ी की घटना को आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदल दिया जाए.

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत घटना स्थल पर आने से पहले मुख्यमंत्री ने 22 जनवरी को एसआईटी गठन कर सभी पहलुओं की जांच का आदेश दे दिया है.

पीड़ितों के परिजनों से बात करने पर यह भी बात सामने आई कि मारे गए सभी लोग सरकारी विकास कार्यों में सहयोग करते थे. यही कारण था कि पत्थलगड़ी समर्थकों का अपना एजेंडा निष्क्रिय हो गया था और ये सभी उनकी आंखों की किरकिरी बन गए थे.

चाईबासा: सिंहभूम की गुदड़ी प्रखंड क्षेत्र बुरुगुलिकेरा गांव में 7 लोगों का नरसंहार किया गया था. इस घटना के बाद राजनीतिक सरगरमी भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुरुगुलिकेरा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

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हेमंत सोरेन ने सरकार पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है. उन्होंने जिला उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा को पीड़ित परिवारों के सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है.

पीड़ित परिवारों ने मूख्यमंत्री के सामने इस घटना के पिछे पत्थलगड़ी समर्थकों का हाथ बताया, लेकिन मूख्यमंत्री अलग-अलग तरीके से परिजनों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे रहे. इस दौरान घटना का शिकार परिजनों ने मुख्यमंत्री के सामने सरकारी मुआवजा और न्याय की मांग की. पीड़ित परिवारों को उम्मीद थी कि सुबे के मुखिया आ रहे हैं, तो सरकारी मुआवजा और नौकरी की घोषणा की जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री पूरे बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते रहे. मौके पर मौजूद विधायक जोबा मांझी ने पीड़ितों को मुफ्त में सरकारी अनाज और विधवा पेंशन देने के लिए जिला उपायुक्त को निर्देश दिया.

इसे भी पढे़ं:- चाईबासा में हत्या मामले पर बोले पूर्व सीएम रघुवर दास- दोषियों को हो कड़ी सजा

जिस तरह से घटना घटी है और 7 लोगों की निर्मम हत्या की गई है, उससे पीड़ित परिवार के आंखों में उनकी तकलीफों को साफ देखा जा सकता है, लेकिन उनके तकलीफों को मुख्यमंत्री के सामने सही ढंग से रखने वाला कोई भी नहीं दिखा. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में आने के पीछे यह साफ जाहिर हो रहा था कि किसी भी तरह से पत्थलगड़ी की घटना को आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदल दिया जाए.

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत घटना स्थल पर आने से पहले मुख्यमंत्री ने 22 जनवरी को एसआईटी गठन कर सभी पहलुओं की जांच का आदेश दे दिया है.

पीड़ितों के परिजनों से बात करने पर यह भी बात सामने आई कि मारे गए सभी लोग सरकारी विकास कार्यों में सहयोग करते थे. यही कारण था कि पत्थलगड़ी समर्थकों का अपना एजेंडा निष्क्रिय हो गया था और ये सभी उनकी आंखों की किरकिरी बन गए थे.

Intro:बुरुगुलीकेरा गांव में मृतकों के आश्रितों से मिलकर मुख्यमंत्री ने दिया सांत्वना


चाईबासा। सिंहभूम की  गुदड़ी  प्रखंड क्षेत्र बुरुगुलिकेरा गांव 7 लोगों की नरसंहार के बाद आज घटना के शिकार पीड़ित परिजनों का ढांढस बांधने के मूख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गांव का दौरा किया।

उन्होंने सरकार के द्वारा हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया गया। मुख्यमंत्री के द्वारा जिला उपायुक्त अरवा राजकमल एवं पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा को परिवारों के सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया गया।

Body:इस दौरान पीड़ित मूख्यमंत्री के समक्ष पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा हत्याकांड अंजाम देने की बात कहते रहे। लेकिन मूख्यमंत्री अलग-अलग तरीके से परिजनों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे रहे। इस दौरान घटना के शिकार विधवाएं मुख्यमंत्री के समक्ष सरकारी मुआवजा व न्याय की आस में कातर दृष्टी लगाकर बैठी रहीं। उन्हें लग रहा था कि सुबे के मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो सरकारी मुआवजा व नौकरी की घोषणा की जाएगी। लेकिन मुख्यमंत्री पूरे बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारो को सांत्वना देते रहे । परन्तु उससे भी भद्दा मजाक देखने को टैब मिला जब क्षेत्र की विधायक जोबा मांझी ने पीड़ितों को मुफ्त में सरकारी अनाज व विधवा पेंशन देने के लिए जिला उपायुक्त को कहा।

जिस तरह से घटना घटी है और 7 लोगों की निर्मम हत्या की गई है उससे पीड़ित परिवार के आंखों में उनकी तकलीफों को साफ देखा जा सकता था। लेकिन उनके तकलीफों को मुख्यमंत्री के समक्ष सही ढंग से रखने वाला कोई भी नही दिखा।
मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में आने के पीछे यह साफ जाहिर हो रहा था कि किसी भी तरह से पत्थलगड़ी की घटना को आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदल दिया जाए।

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत घटना स्थल पर आने से पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा 22 जनवरी को एसआईटी गठन कर तमाम पहलुओं की जांच का आदेश दे दिया गया है।

पीड़ितों के परिजनों से बात करने पर यह भी बात सामने आई कि मारे गए सभी लोग सरकार के द्वारा चलाई जा रही विकास कार्यों में सभी सहयोग करते थे यही कारण था कि पत्थलगड़ी समर्थकों का अपना एजेंडा चित्र में निष्क्रिय हो गया था यही कारण है कि सभी उनकी आंखों की किरकिरी बन गए थे और योजनाबद्ध तरीके से बाहर से आए पत्थलगड़ी समर्थकों के द्वारा तोड़फोड़ की गई और सारा आरोप नवयुवकों के ऊपर जड़ते हुए उनके खिलाफ ग्रामीणों को उकसाया गया था।

मौके पर चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ, मनोहरपुर की विधायक जोबा मांझी, चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उड़ावं,खरसावां विधायक दशरथ गागरई, गढ़वा के विधायक मिथलेश ठाकुर एवं अन्य लोग मौजूद रहे।Conclusion:
Last Updated : Jan 23, 2020, 7:31 PM IST
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