चाईबासा: सिंहभूम की गुदड़ी प्रखंड क्षेत्र बुरुगुलिकेरा गांव में 7 लोगों का नरसंहार किया गया था. इस घटना के बाद राजनीतिक सरगरमी भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुरुगुलिकेरा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की.
हेमंत सोरेन ने सरकार पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया है. उन्होंने जिला उपायुक्त अरवा राजकमल और पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा को पीड़ित परिवारों के सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया है.
पीड़ित परिवारों ने मूख्यमंत्री के सामने इस घटना के पिछे पत्थलगड़ी समर्थकों का हाथ बताया, लेकिन मूख्यमंत्री अलग-अलग तरीके से परिजनों का ध्यान भटकाने की कोशिश में लगे रहे. इस दौरान घटना का शिकार परिजनों ने मुख्यमंत्री के सामने सरकारी मुआवजा और न्याय की मांग की. पीड़ित परिवारों को उम्मीद थी कि सुबे के मुखिया आ रहे हैं, तो सरकारी मुआवजा और नौकरी की घोषणा की जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री पूरे बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते रहे. मौके पर मौजूद विधायक जोबा मांझी ने पीड़ितों को मुफ्त में सरकारी अनाज और विधवा पेंशन देने के लिए जिला उपायुक्त को निर्देश दिया.
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जिस तरह से घटना घटी है और 7 लोगों की निर्मम हत्या की गई है, उससे पीड़ित परिवार के आंखों में उनकी तकलीफों को साफ देखा जा सकता है, लेकिन उनके तकलीफों को मुख्यमंत्री के सामने सही ढंग से रखने वाला कोई भी नहीं दिखा. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम में आने के पीछे यह साफ जाहिर हो रहा था कि किसी भी तरह से पत्थलगड़ी की घटना को आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदल दिया जाए.
बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत घटना स्थल पर आने से पहले मुख्यमंत्री ने 22 जनवरी को एसआईटी गठन कर सभी पहलुओं की जांच का आदेश दे दिया है.
पीड़ितों के परिजनों से बात करने पर यह भी बात सामने आई कि मारे गए सभी लोग सरकारी विकास कार्यों में सहयोग करते थे. यही कारण था कि पत्थलगड़ी समर्थकों का अपना एजेंडा निष्क्रिय हो गया था और ये सभी उनकी आंखों की किरकिरी बन गए थे.