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चाईबासा पुलिस को मिली सफलता, भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने किया सरेंडर

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Published : Dec 20, 2022, 1:09 PM IST

Updated : Dec 20, 2022, 5:09 PM IST

पश्चिमी सिंहभूम में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर ने कुलदीप गंझू ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है(CPI Maoist Kuldeep Ganjhu surrendered ). कुलदीप गंझू ने पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं जिससे नक्सलियों की कमर तोड़ने में मदद मिल सकती है.

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चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस के समक्ष भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने सरेंडर किया(CPI Maoist Kuldeep Ganjhu surrendered) है. एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने चाईबासा पुलिस केंद्र में कोल्हान डीआईजी, सीआरपीएफ डीआईजी, डीसी और एसपी की मौजूदगी में सरेंडर किया है. चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर ने इसकी पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: फिर बुलबुल को आशियाना बनाने की नक्सली बना रहे है योजना, पुलिस की है पैनी नजर


झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने को लेकर पश्चिमी सिंहभूम जिले में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर समेत अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन कोल्हान के जंगलों में चलाया जा रहा था. इसी क्रम में भाकपा माओवादी कुलदीप गंझू के द्वारा पुलिस जवानों से संपर्क कर आत्मसमर्पण की पहल की गई है. झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

'नई दिशा नई पहल' कार्यक्रम के तहत डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश में झारखंड पुलिस, कोबरा, केरिपु बल, झारखंड जगुआर और अन्य केन्द्रीय अर्ध सैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरुद्ध निरंतर सफलताएं भी मिल रही हैं, साथ ही झारखंड को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने के लिए भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए झारखंड सरकार की आत्म समर्पण और पुनर्वास निति के तहत झारखंड पुलिस लगातार कार्य कर रही है. जिसका परिणाम काफी सकरात्मक रहा है. अबतक भाकपा (माओ) सहित अन्य प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े ईनामी नक्सली कमांडरों से लेकर दस्ता सदस्य झारखंड पुलिस और केन्द्रीय अर्ध सैनिक बलों के समक्ष आत्म समर्पण कर रहे हैं. भाकपा (माओ) संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन और पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश के कारण कई नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो रहे है.

डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त करने, सुदूर गांव की जनता में सुरक्षा की भावना जगा और विकास कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देशन में हर एक जिले में जिला बल, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर की सहायता से नक्सलियों के विरुद्ध निरंतर अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा झारखंड सरकार की नक्सलियों के लिए आत्म समर्पण निति के फायदों को भी विभिन्न माध्यमों से नक्सलियों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

इस कड़ी में भाकपा (माओ) नक्सली संगठन के केन्द्रीय कमेटी सदस्य मिसिर बेसरा उर्फ सागरजी की टीम के सक्रिय और विश्वासपात्र सदस्य, मारक दस्ता का सदस्य कोल्हान-पोड़ाहाट के 'दुरुह सुदूर जंगल पहाड़ी क्षेत्रों के चप्पे-चप्पे के जानकार जो नक्सलियों के दृष्टीकोण से सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित क्षेत्र माने जाते हैं. 12 वर्षो से सक्रिय भाकपा (माओ) संगठन के एरिया कमांडर क्रियावादी कुलदीप उर्फ कुलदीप गंझू उर्फ टुईलू उम्र करीब 24-25 वर्ष ने चाईबासा पुलिस व प्रशासन के समक्ष आत्म समर्पण किया है.

आत्मसमर्पण करने वाले कुलदीप गंजू ने बताया कि भगवा माओवादी संगठन में बड़े नेताओं के द्वारा छोटे नेताओं का शोषण किया जाता था. इसके साथ ही संगठन में महिला नक्सलियों के साथ हुई दुर्व्यवहार और शोषण किया जाता था, जिन्हें देखकर उन्होंने मुख्यधारा से जोड़ने का फैसला लिया. एक सवाल के जवाब में उसने बताया कि नक्सलियों को मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों से प्रशिक्षकों के द्वारा ट्रेनिंग दी जाती थी. भाकपा (माओ) संगठन के एरिया कमांडर कुलदीप उर्फ टुईनु के विरुद्ध अलग-अलग थानों में लगभग आधा दर्जन मामले दर्ज हैं. वह काफी समय तक झारखंड-ओड़िशा के सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहा है और कई नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया. हाल की सबसे बड़ी घटना बहुचर्चित झीलरूआ कांड में भी संलिप्त रहा है, जिसमे कुलदीप एक्शन टीम में शामिल था.

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चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस के समक्ष भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने सरेंडर किया(CPI Maoist Kuldeep Ganjhu surrendered) है. एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने चाईबासा पुलिस केंद्र में कोल्हान डीआईजी, सीआरपीएफ डीआईजी, डीसी और एसपी की मौजूदगी में सरेंडर किया है. चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर ने इसकी पुष्टि की है.

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झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने को लेकर पश्चिमी सिंहभूम जिले में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर समेत अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन कोल्हान के जंगलों में चलाया जा रहा था. इसी क्रम में भाकपा माओवादी कुलदीप गंझू के द्वारा पुलिस जवानों से संपर्क कर आत्मसमर्पण की पहल की गई है. झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है.

'नई दिशा नई पहल' कार्यक्रम के तहत डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देश में झारखंड पुलिस, कोबरा, केरिपु बल, झारखंड जगुआर और अन्य केन्द्रीय अर्ध सैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरुद्ध निरंतर सफलताएं भी मिल रही हैं, साथ ही झारखंड को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने के लिए भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए झारखंड सरकार की आत्म समर्पण और पुनर्वास निति के तहत झारखंड पुलिस लगातार कार्य कर रही है. जिसका परिणाम काफी सकरात्मक रहा है. अबतक भाकपा (माओ) सहित अन्य प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े ईनामी नक्सली कमांडरों से लेकर दस्ता सदस्य झारखंड पुलिस और केन्द्रीय अर्ध सैनिक बलों के समक्ष आत्म समर्पण कर रहे हैं. भाकपा (माओ) संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन और पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश के कारण कई नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो रहे है.

डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त करने, सुदूर गांव की जनता में सुरक्षा की भावना जगा और विकास कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के निर्देशन में हर एक जिले में जिला बल, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर की सहायता से नक्सलियों के विरुद्ध निरंतर अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा झारखंड सरकार की नक्सलियों के लिए आत्म समर्पण निति के फायदों को भी विभिन्न माध्यमों से नक्सलियों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

इस कड़ी में भाकपा (माओ) नक्सली संगठन के केन्द्रीय कमेटी सदस्य मिसिर बेसरा उर्फ सागरजी की टीम के सक्रिय और विश्वासपात्र सदस्य, मारक दस्ता का सदस्य कोल्हान-पोड़ाहाट के 'दुरुह सुदूर जंगल पहाड़ी क्षेत्रों के चप्पे-चप्पे के जानकार जो नक्सलियों के दृष्टीकोण से सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित क्षेत्र माने जाते हैं. 12 वर्षो से सक्रिय भाकपा (माओ) संगठन के एरिया कमांडर क्रियावादी कुलदीप उर्फ कुलदीप गंझू उर्फ टुईलू उम्र करीब 24-25 वर्ष ने चाईबासा पुलिस व प्रशासन के समक्ष आत्म समर्पण किया है.

आत्मसमर्पण करने वाले कुलदीप गंजू ने बताया कि भगवा माओवादी संगठन में बड़े नेताओं के द्वारा छोटे नेताओं का शोषण किया जाता था. इसके साथ ही संगठन में महिला नक्सलियों के साथ हुई दुर्व्यवहार और शोषण किया जाता था, जिन्हें देखकर उन्होंने मुख्यधारा से जोड़ने का फैसला लिया. एक सवाल के जवाब में उसने बताया कि नक्सलियों को मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों से प्रशिक्षकों के द्वारा ट्रेनिंग दी जाती थी. भाकपा (माओ) संगठन के एरिया कमांडर कुलदीप उर्फ टुईनु के विरुद्ध अलग-अलग थानों में लगभग आधा दर्जन मामले दर्ज हैं. वह काफी समय तक झारखंड-ओड़िशा के सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहा है और कई नक्सल घटनाओं को अंजाम दिया. हाल की सबसे बड़ी घटना बहुचर्चित झीलरूआ कांड में भी संलिप्त रहा है, जिसमे कुलदीप एक्शन टीम में शामिल था.

Last Updated : Dec 20, 2022, 5:09 PM IST
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