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झारखंड के 31 स्थानों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में मिली पहचान, सौंदर्यीकरण में लगेंगे 2.15 करोड़

झारखंड के 31 पर्यटन स्थल को सरकार ने अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित किया है. सरकार पर्यटकों की दृष्टि में महत्वपूर्ण बनाने के लिए 2 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च करेगी, इससे जिले के कई बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा.

दर्जन पर्यटन स्थल होंगे विकसित
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Published : Jul 15, 2019, 1:42 PM IST

चाईबासा: झारखंड सरकार ने राज्य के 31 पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित किया है, जिसमें पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा, हिरनी फॉल शामिल हैं. वहीं पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन सारंडा के घने वनों के कारण विदेशों में लैंड ऑफ फॉरेस्ट के नाम से विख्यात है. जहां पश्चिम सिंहभूम प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन स्थल मुहैया करवाने की कवायद में जुट गई है.

देखें पूरी खबर

जिले के 700 पहाड़ियों से घिरे सारंडा की सुंदर पहाड़ियों की श्रृंखला देशभर में चर्चित है. पर्यटक प्रेमियों को जंगल एवं झरनों तक पहुंचने के लिए सरकार पर्यटकों की दृष्टि में महत्वपूर्ण बनाने में अहम भूमिका निभा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन आने वाले समय में जिले के पर्यटन से आय के श्रोत के साथ-साथ जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और उनके क्षेत्र के विकास की प्लानिंग कर रही है.

पर्यटन फंड से खर्च होंगे सवा दो करोड़
जिला प्रशासन पर्यटन फंड से लगभग 2 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च करने जा रही है. इन स्थानों का सौंदर्यीकरण कर उसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. जिससे स्थानीय बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा.

इन स्थानों पर पैसे होंगे खर्च
नोवामुंडी प्रखंड स्थित सारंडा का वन क्षेत्र, बंदगांव स्थित हिरनी फॉल, बंदगांव प्रखंड का नकटी डैम, बंदगांव प्रखंड स्थित कंसरा मंदिर, सोनुआ प्रखंड का पनसुआ डैम, टंकुरा मंदिर, बेनीसागर, मंझारी प्रखंड स्थित भागाबिल्ला घाटी, मंझारी प्रखंड का विदनी तालाब, तांतनगर प्रखंड का संगम और मनोहरपुर प्रखंड का समीज आश्रम आदि का जीर्णोद्धार और उनका सौंदर्यीकरण किया जाना शामिल है.

ये भी पढ़ें- कोयला लदे ट्रक में लगी भीषण आग, ड्राइवर और खलासी ने कूदकर बचाई जान

ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी होगा अपलोड
चाईबासा के पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम किया जा रहा है. सभी स्थलों पर पर्यटकों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा. ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आए. इसके साथ ही जिले के पर्यटन स्थलों का वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. वीडियोग्राफी के बाद टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उक्त वीडियो का ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड करने का कार्य करेगा. ताकि पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग के साथ ही उन्हें विश्व के पर्यटन मानचित्र पर भी उतारा जा सके.

चाईबासा: झारखंड सरकार ने राज्य के 31 पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित किया है, जिसमें पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा, हिरनी फॉल शामिल हैं. वहीं पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन सारंडा के घने वनों के कारण विदेशों में लैंड ऑफ फॉरेस्ट के नाम से विख्यात है. जहां पश्चिम सिंहभूम प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन स्थल मुहैया करवाने की कवायद में जुट गई है.

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जिले के 700 पहाड़ियों से घिरे सारंडा की सुंदर पहाड़ियों की श्रृंखला देशभर में चर्चित है. पर्यटक प्रेमियों को जंगल एवं झरनों तक पहुंचने के लिए सरकार पर्यटकों की दृष्टि में महत्वपूर्ण बनाने में अहम भूमिका निभा रही है. इसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन आने वाले समय में जिले के पर्यटन से आय के श्रोत के साथ-साथ जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और उनके क्षेत्र के विकास की प्लानिंग कर रही है.

पर्यटन फंड से खर्च होंगे सवा दो करोड़
जिला प्रशासन पर्यटन फंड से लगभग 2 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च करने जा रही है. इन स्थानों का सौंदर्यीकरण कर उसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा. जिससे स्थानीय बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा.

इन स्थानों पर पैसे होंगे खर्च
नोवामुंडी प्रखंड स्थित सारंडा का वन क्षेत्र, बंदगांव स्थित हिरनी फॉल, बंदगांव प्रखंड का नकटी डैम, बंदगांव प्रखंड स्थित कंसरा मंदिर, सोनुआ प्रखंड का पनसुआ डैम, टंकुरा मंदिर, बेनीसागर, मंझारी प्रखंड स्थित भागाबिल्ला घाटी, मंझारी प्रखंड का विदनी तालाब, तांतनगर प्रखंड का संगम और मनोहरपुर प्रखंड का समीज आश्रम आदि का जीर्णोद्धार और उनका सौंदर्यीकरण किया जाना शामिल है.

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ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी होगा अपलोड
चाईबासा के पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम किया जा रहा है. सभी स्थलों पर पर्यटकों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा. ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आए. इसके साथ ही जिले के पर्यटन स्थलों का वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी. वीडियोग्राफी के बाद टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उक्त वीडियो का ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड करने का कार्य करेगा. ताकि पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग के साथ ही उन्हें विश्व के पर्यटन मानचित्र पर भी उतारा जा सके.

Intro:चाईबासा। झारखंड राज्य सरकार राज्य के 31 पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय महत्व का पर्यटन स्थल घोषित किया है जिसमें पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा, हिरनी फॉल जलप्रपात शामिल हैं। वहीं पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन सारंडा के घने वनों के कारण विदेशों में लैंड ऑफ फॉरेस्ट के नाम से विख्यात पश्चिम सिंहभूम जिले को प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन स्थल मुहैया करवाने की कवायद में जुट गई है।


Body:प्रकृति के प्रेमी पर्यटकों के लिए जिले के 700 पहाड़ियों से घिरे सारंडा की सुंदर पहाड़ियों की श्रृंखला, जंगल एवं झरनों तक पहुंचने, चारों ओर फैली प्राकृतिक दृश्य वाले इलाके और स्थानों को पर्यटकों की दृष्टि में महत्वपूर्ण बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। जिसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन आने वाले समय में जिले के पर्यटन से आय के श्रोत के साथ साथ जिले के पर्यटन स्थलों को विकसित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और उनके क्षेत्र के विकास की प्लानिंग कर रही है। पर्यटन फंड से खर्च होंगे सवा दो करोड़- जिला प्रशासन पर्यटन फंड से लगभग 2 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च करने जा रही है। इन स्थानों का सौंदर्यीकरण कर उसे पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जाएगा जिससे स्थानीय बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा। इन स्थानों पर पैसे होंगे खर्च- जिसमें नोवामुंडी प्रखंड स्थित सारंडा का वन क्षेत्र, बंदगांव स्थित हिरनी फॉल, बंदगांव प्रखंड का नकटी डैम, बंदगांव प्रखंड स्थित कंसरा मंदिर, सोनुआ प्रखंड का पनसुआ डैम, टंकुरा मंदिर, बेनीसागर, मंझारी प्रखंड स्थित भागाबिल्ला घाटी, मंझारी प्रखंड का विदनी तालाब, तांतनगर प्रखंड का संगम और मनोहरपुर प्रखंड का समीज आश्रम आदि का जीर्णोद्धार और उनका सौंदर्यीकरण किया जाना शामिल है। ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी होगा अपलोड - जिले भर के पर्यटन स्थलों को विकसित करने का काम किया जा रहा है सभी स्थलों पर पर्यटकों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा। ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आए। इसके साथ ही जिले के पर्यटन स्थलों का वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। वीडियोग्राफी के बाद टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उक्त वीडियो का ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग साइट यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड करने का कार्य करेगा। ताकि पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग के साथ ही उन्हें विश्व के पर्यटन मानचित्र पर भी उतारा जा सके।


Conclusion:पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सवा दो करोड़ होंगे खर्च- डीडीसी आदित्य रंजन ने बताया कि हम लोग पर्यटन में काफी प्रयास कर रहे हैं कि पर्यटक आए और पर्यटन को बढ़ावा मिले स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। डिस्ट्रिक्ट टूरिज्म प्लैनिंग कमिटी की बैठक में हम लोगों ने एक करोड़ के आसपास योजनाएं ली है। जिसमें हिरनी फॉल, नकटी डैम, पनसुआ डैम में कुछ जीर्णोद्धार एवं नव निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही 79 लाख रुपए का खर्च कर मनोहरपुर प्रखंड स्थित समीज आश्रम स्थित हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आने जाने के लिए रास्ता एवं व्यूप्वाइंट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा कई योजनाएं भी पारित हुई है जिनका क्रियान्वयन होना बाकी है। कुल मिलाकर पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर लगभग सवा दो करोड़ रुपए खर्च की जाएगी।
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