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वन विभाग की टीम ने की छापेमारी, अवैध लकड़ी का बोटा लदा ट्रैक्टर जब्त

गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने सिमडेगा के जलडेगा क्षेत्र में डीएफओ के नेतृत्व में छापेमारी कर 18 बोटा लकड़ी जब्त (Tractor Loaded With Illegal Wooden Crate Seized) किया है. हालांकि लकड़ी तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए.

Tractor Loded With Illegal Wooden Crate Seized
Tractor Loded With Illegal Wooden Crate Seized
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Published : Dec 9, 2022, 1:52 PM IST

सिमडेगा: सिमडेगा के जंगलों से अवैध ढंग से पेड़ों की कटाई और लकड़ी तस्करी का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है. वन विभाग ने गुरुवार देर रात लकड़ी तस्करी के विरुद्ध छापेमारी कर 18 बोटा साल की लकड़ी जब्त किया (Tractor Loaded With Illegal Wooden Crate Seized) है. सिमडेगा के जंगलों को उजाड़ाने पर आतुर लकड़ी तस्कर हर बार वन विभाग को चकमा देने के लिए अलग-अलग स्थानों से पेड़ों की कटाई करते हैं. कभी-कभी इन लकड़ी तस्करों की सूचना वन विभाग तक पहुंच जाती है और वन विभाग छापेमारी कर लकड़ी को जब्त कर लेता है.

ये भी पढे़ं-सिमडेगा में एक ट्रक साल की लकड़ी जब्त, गुप्त सूचना पर प्रशासन ने की कार्रवाई

पंडरीपानी-जलडेगा मार्ग पर छापेमारी में मिली सफलताः दरअसल, बुधवार देर रात वन विभाग को जलडेगा क्षेत्र में लकड़ी तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी. जानकारी मिलते ही खुद डीएफओ अरविंद कुमार वन कर्मियों के साथ रात्रि करीब दो-तीन बजे पंडरीपानी-जलडेगा मार्ग पर सघन छापेमारी अभियान चलाया. इसी क्रम में बिझियाबांध के पास एक ट्रैक्टर और एक बाइक नजर आई. डीएफओ ने जब तस्करों को घेरना शुरू किया तो बाइक चालक ने ट्रैक्टर चालक को इशारा किया. इसके बाद दोनों वाहन छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए जंगल की तरफ भाग गए.

जब्त लकड़ियों का मूल्य 65 हजार आंका गयाः जिसके बाद वन विभाग की टीम ट्रैक्टर के नजदीक पंहुची. टीम ने देखा कि ट्रैक्टर पर साल के बड़े-बड़े बोटे लदे हैं. डीएफओ के निर्देश पर वन कर्मियों ने लकड़ी लोड ट्रैक्टर और बाइक को जब्त कर मुख्यालय वन कार्यालय परिसर ले (Tractor Loaded With Illegal Wooden Crate Seized)आए. गुरुवार की सुबह ट्रैक्टर पर लदी लकड़ियों की गिनती की गई. जिसमें बड़े साइज की 18 बोटा लकड़ी ट्रैक्टर में लोड पाया गया. जिसका मूल्य 65 हजार रुपए आंका गया है. वन विभाग मामले में अग्रेतर कार्रवाई करने में जुट गया है.

सिमडेगा के जंगलों में लकड़ी माफिया सक्रियः बता दें कि सिमडेगा के जंगलों के पेड़ों पर लकड़ी माफियाओं की नजर है. वन विभाग अक्सर छापेमारी कर तस्करी की लकड़ी जब्त करती है, लेकिन आज तक कोई भी तस्कर वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ा है. यह भी सोचने वाली बात है.

जंगलों को उजड़ने से बचाने की जरूरतः सिमडेगा के जंगल जिले के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ हैं. अगर इसी तरह जंगल कटते रहेंगे तो सिमडेगा का आर्थिक आधार स्तंभ हिल जाएगा. समय रहते इस दिशा में ठोस पहल की आवश्यकता है. नहीं तो जंगल पूरी तरह से उजड़ जाएगा और सभी हाथ मलते रह जाएंगे.

सिमडेगा: सिमडेगा के जंगलों से अवैध ढंग से पेड़ों की कटाई और लकड़ी तस्करी का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है. वन विभाग ने गुरुवार देर रात लकड़ी तस्करी के विरुद्ध छापेमारी कर 18 बोटा साल की लकड़ी जब्त किया (Tractor Loaded With Illegal Wooden Crate Seized) है. सिमडेगा के जंगलों को उजाड़ाने पर आतुर लकड़ी तस्कर हर बार वन विभाग को चकमा देने के लिए अलग-अलग स्थानों से पेड़ों की कटाई करते हैं. कभी-कभी इन लकड़ी तस्करों की सूचना वन विभाग तक पहुंच जाती है और वन विभाग छापेमारी कर लकड़ी को जब्त कर लेता है.

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पंडरीपानी-जलडेगा मार्ग पर छापेमारी में मिली सफलताः दरअसल, बुधवार देर रात वन विभाग को जलडेगा क्षेत्र में लकड़ी तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी. जानकारी मिलते ही खुद डीएफओ अरविंद कुमार वन कर्मियों के साथ रात्रि करीब दो-तीन बजे पंडरीपानी-जलडेगा मार्ग पर सघन छापेमारी अभियान चलाया. इसी क्रम में बिझियाबांध के पास एक ट्रैक्टर और एक बाइक नजर आई. डीएफओ ने जब तस्करों को घेरना शुरू किया तो बाइक चालक ने ट्रैक्टर चालक को इशारा किया. इसके बाद दोनों वाहन छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए जंगल की तरफ भाग गए.

जब्त लकड़ियों का मूल्य 65 हजार आंका गयाः जिसके बाद वन विभाग की टीम ट्रैक्टर के नजदीक पंहुची. टीम ने देखा कि ट्रैक्टर पर साल के बड़े-बड़े बोटे लदे हैं. डीएफओ के निर्देश पर वन कर्मियों ने लकड़ी लोड ट्रैक्टर और बाइक को जब्त कर मुख्यालय वन कार्यालय परिसर ले (Tractor Loaded With Illegal Wooden Crate Seized)आए. गुरुवार की सुबह ट्रैक्टर पर लदी लकड़ियों की गिनती की गई. जिसमें बड़े साइज की 18 बोटा लकड़ी ट्रैक्टर में लोड पाया गया. जिसका मूल्य 65 हजार रुपए आंका गया है. वन विभाग मामले में अग्रेतर कार्रवाई करने में जुट गया है.

सिमडेगा के जंगलों में लकड़ी माफिया सक्रियः बता दें कि सिमडेगा के जंगलों के पेड़ों पर लकड़ी माफियाओं की नजर है. वन विभाग अक्सर छापेमारी कर तस्करी की लकड़ी जब्त करती है, लेकिन आज तक कोई भी तस्कर वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ा है. यह भी सोचने वाली बात है.

जंगलों को उजड़ने से बचाने की जरूरतः सिमडेगा के जंगल जिले के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ हैं. अगर इसी तरह जंगल कटते रहेंगे तो सिमडेगा का आर्थिक आधार स्तंभ हिल जाएगा. समय रहते इस दिशा में ठोस पहल की आवश्यकता है. नहीं तो जंगल पूरी तरह से उजड़ जाएगा और सभी हाथ मलते रह जाएंगे.

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