रांची: झारखंड का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू होने वाला है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 2024 में विधानसभा चुनाव जीत कर दोबारा सत्ता पाने वाली सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3 मार्च को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर बजट पेश करेंगे. ऐसे में झारखंड का आम बजट कैसा हो, इसपर सरकार में शामिल और सहयोगी दलों ने अपनी-अपनी राय दी है.
कांग्रेस ने जहां पहले आम बजट में ही अपनी सात गारंटी में से एक जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रावधान करने की मांग की है तो सीपीआई माले नेताओं का कहना है कि इस वर्ष राज्य बजट में हर जिले में MSME इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए बजटीय प्रावधान की मांग की है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र से वादों को पूरा करने की दिशा में शुरुआत हो, यही उनकी इच्छा है.
जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रावधान होः शिल्पी नेहा तिर्की
झारखंड कांग्रेस ने बजट को लेकर अपने विचार सार्वजनिक कर दिये हैं. पार्टी की इच्छा है कि राज्य में जब वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में पेश किया जाए तो उसमें जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रावधान किया जाए.
राज्य की कृषि मंत्री और मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने बताया कि न सिर्फ जातीय जनगणना के लिए बजट में वित्तीय व्यवस्था हो बल्कि ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की तरह अनुसूचित जाति एडवाइजरी काउंसिल (SCAC) का गठन हो. इसके साथ ही सिंचाई पर ध्यान देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए.
झामुमो की चुनावी घोषणापत्र से गाइड होते दिखेगा बजट
झारखंड में इस वर्ष का बजट कैसा होना चाहिए? इस सवाल के जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि झामुमो की इच्छा है कि इस बार के बजट में हमारे चुनावी घोषणा पत्र की झलक दिखे. बजट जनता की भावनाओं के अनुरूप हो और हमारे चुनावी वादे पूरे होते दिखे, यही पार्टी भी चाहती है.
रोजगार सृजन करने वाला हो बजट, जिलों में इंडस्ट्रीय हब बनाने की योजना की हो शुरुआत-माले
INDIA ब्लॉक की साझेदार और वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन दे रही पार्टी सीपीआई माले के सेंट्रल कमेटी के सदस्य शुभेंदु सेन ने कहा कि सीपीआई माले की इच्छा है कि वर्तमान सरकार का पहला बजट रोजगारोन्मुखी हो. शुभेंदु सेन ने कहा कि राज्य में पर्यटन विकास की संभावना तलाशती बजट दिखनी चाहिए.
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