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लॉकडाउन के कारण घरों में है सैलानी, पर्यटन स्थलों पर पसरा है सन्नाटा - Kelagagh water clean due to lockdown

सिमडेगा का केलाघाघ डैम परिसर में लोग जिंदगी के भागदौड़ से दूर कुछ पल का सुकून पाने आते थे लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां मायूसी सी छाई हुई है.

Silence on tourist spots due to lockdown in simdega
केलाघाघ डैम
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Published : May 14, 2020, 4:28 PM IST

सिमडेगा: पर्यटकों से गुलजार रहने वाले पर्यटन स्थलों पर लॉकडाउन के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना संकट के कारण जहां अधिकांश कार्य बंद पड़े हैं. लोगों की आवाजाही नहीं हो पा रही है वहीं पर्यटन के क्षेत्र में कोरोना संकट का व्यापक असर देखने को मिल रहा है.

देखें पूरी खबर

जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर छिंदा नदी के तट पर अवस्थित केलाघाघ डैम अपनी प्राकृतिक छटा और सुंदरता के कारण काफी प्रसिद्ध है. सिमडेगा के लोगों के दिलों में केलाघाघ अपनी एक खास जगह रखता है. हरे-भरे पेड़ पौधों से पटे इसके क्षेत्र लोगों को बरबस ही अपनी और आकर्षित करते हैं. साधारण दिनों में केलाघाघ डैम परिसर में सामान्यत: लोगों की भीड़ देखी जाती थी, जो लॉकडॉन के कारण नहीं हो पा रही है.

Silence on tourist spots due to lockdown in simdega
केलाघाघ डैम

ये भी देखें- कोडरमा में फिर मिले 2 कोरोना पॉजिटिव मरीज, 6 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सूरत से लौट थे

लोगों के अनुपस्थिति के कारण पर्यटन स्थलों पर मायूसी सी छाई हुई है. केलाघाघ डैम परिसर में इक्के-दुक्के लोग समय बिताने के ख्याल या फिर मछली मारने आते रहे हैं. हालांकि प्राकृतिक वादियों से भरे-पूरे केलाघाघ की पुरानी पहचान इस लॉकडाउन के कारण काफी हद तक वापस लौट आई है. पूरे दिन क्षेत्र में चिड़ियों की चहचहाहट और पक्षियों की मधुर ध्वनि सुनाई देने लगी है. इसके साथ ही केलाघाघ का पानी काफी हद तक स्वच्छ हो चुका है, जो आधुनिक युग में विकास के नाम पर गुम हो गई थी.

सिमडेगा: पर्यटकों से गुलजार रहने वाले पर्यटन स्थलों पर लॉकडाउन के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना संकट के कारण जहां अधिकांश कार्य बंद पड़े हैं. लोगों की आवाजाही नहीं हो पा रही है वहीं पर्यटन के क्षेत्र में कोरोना संकट का व्यापक असर देखने को मिल रहा है.

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जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर छिंदा नदी के तट पर अवस्थित केलाघाघ डैम अपनी प्राकृतिक छटा और सुंदरता के कारण काफी प्रसिद्ध है. सिमडेगा के लोगों के दिलों में केलाघाघ अपनी एक खास जगह रखता है. हरे-भरे पेड़ पौधों से पटे इसके क्षेत्र लोगों को बरबस ही अपनी और आकर्षित करते हैं. साधारण दिनों में केलाघाघ डैम परिसर में सामान्यत: लोगों की भीड़ देखी जाती थी, जो लॉकडॉन के कारण नहीं हो पा रही है.

Silence on tourist spots due to lockdown in simdega
केलाघाघ डैम

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लोगों के अनुपस्थिति के कारण पर्यटन स्थलों पर मायूसी सी छाई हुई है. केलाघाघ डैम परिसर में इक्के-दुक्के लोग समय बिताने के ख्याल या फिर मछली मारने आते रहे हैं. हालांकि प्राकृतिक वादियों से भरे-पूरे केलाघाघ की पुरानी पहचान इस लॉकडाउन के कारण काफी हद तक वापस लौट आई है. पूरे दिन क्षेत्र में चिड़ियों की चहचहाहट और पक्षियों की मधुर ध्वनि सुनाई देने लगी है. इसके साथ ही केलाघाघ का पानी काफी हद तक स्वच्छ हो चुका है, जो आधुनिक युग में विकास के नाम पर गुम हो गई थी.

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