सिमडेगा: कलियुग में मरीजों के लिए भगवान सामान डॉक्टरों को स्वयं ही इलाज की जरूरत है. मामला सिमडेगा सदर अस्पताल का है, जहां गुरुवार रात नशे में धुत डॉक्टर कार्तिक भगत हंगामा करते और भटकते नजर आए. सदर अस्पताल में दंत चिकित्सक के नाम से प्रसिद्ध ये डॉक्टर साहब इस कदर नशे में डूबे थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब खुद का पैंट तक गीला कर दिया.
हालांकि, डॉक्टर कार्तिक भगत के लिए यह कोई नई बात नहीं है. लोगों के अनुसार वह दिन में भी ड्यूटी के समय नशे में होते हैं. गुरुवार की पूरी रात वे नशेड़ियों की तरह अस्पताल परिसर में भटकते रहे. पहले तो मरीजों के साथ आए लोगों ने नशेड़ी समझकर डॉक्टर को नजरअंदाज किया, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि यह व्यक्ति स्वयं डॉक्टर है. वे लोग सदर अस्पताल के प्रबंधन पर सवाल उठाते नजर आए.
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कागजों में बड़े-बड़े दावे व उपलब्धियां गिनाने वाली जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मरीज और उनकी तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है. यही कारण है कि सदर अस्पताल में अधिकांश मरीज खराब स्थिति बताकर रेफर कर दिए जाते हैं. नशे में धुत डॉक्टर कार्तिक भगत से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने 9 से 3 बजे की ड्यूटी बताकर स्वयं को सही ठहराने लगे और कहने लगे कुछ भी कर लीजिए उन्हें किसी का डर नहीं. इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. एसके सिन्हा ने कहा कि पहले भी ऐसी शिकायतें डॉ. कार्तिक भगत को लेकर मिल चुकी है. वे दोबारा संबंधित कार्यालय से पत्राचार कर कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे.