सिमडेगा: जिले में कोरोना के बढ़ते मामले ने जहां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है, वहीं कुछ सरकारी कर्मी और आमलोगों की लापरवाही महामारी के खतरे को दावत दे रही है. सिमडेगा में 29 जांच शिविर लगाया गया. इस दौरान सरकारी कार्यालय कर्मियों और आम लोगों की कोरोना जांच की गई.
4 हजार 8 सौ 59 लोगों की कोरोना जांच
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सिमडेगा जिला प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. वहीं इस महामारी की रोकथाम के लिए जिले भर में जांच अभियान चलाया जा रहे हैं. ताकि इसके चेन को समय रहते तोड़ा जा सके. इस क्रम में अभियान चलाकर 4 हजार 8 सौ 59 लोगों की कोरोना जांच की गई. इसके अलावा बिना मास्क पहने बस, कार, ऑटो, बाइक सहित पैदल चलते लोगों से 500 रुपये जुर्माना लिया गया. साथ ही हिदायत भी दी गई कि सभी महामारी के प्रति सजग और सतर्क रहें. जिससे इसके संक्रमण से बचाव हो सके. जिले में फिलहाल 42 एक्टिव केस हैं.
उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां
हालांकि सदर प्रखंड भवन में शिक्षकों और आंगनबाड़ी सहियाओं के लिए कोरोना जांच कैंप लगाए गए थे. लेकिन कोरोना जांच के लिए आये शिक्षकों को देखकर लग ही नहीं रहा था कि ये सभी कोरोना महामारी को लेकर चिंतित भी हैं. एक जगह झुंड बनाकर बात करने में इतने मशगूल हो गये कि उन्हें महामारी का ध्यान ही नहीं रहा. जिनके कंधों पर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चेन को तोड़ने की बड़ी जिम्मेदारी है, यदि वे लोग ही इतने लापरवाह होंगे तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले कुछ हफ्तों में सिमडेगा की स्थिति कितनी भयावह हो सकती है.