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एनआईटी के छात्रों ने बनाया कोविड-19 सुरक्षा एप, होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की होगी मॉनिटरिंग - एनआईटी के छात्रों ने बनाया कोविड-19 सुरक्षा एप

सरायकेला के एनआईटी कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसा एप बनाया है, जिससे कोरोना वायरस के कारण या उसके लक्षण के कारण होम क्वॉरेंटाइन किये गए व्यक्ति के हर मूवमेंट की जानकारी जिला प्रशासन को देता रहेगा. अगर वो व्यक्ति बाहर किसी के संपर्क करता है तो तुरंत इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिल जाएगी.

एनआईटी के छात्र
एनआईटी के छात्र
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Published : Apr 11, 2020, 9:17 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 10:04 PM IST

सरायकेला: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सरायकेला जिले के एनआईटी कॉलेज के छात्रों ने सुरक्षा कोविड-19 नामक एक एप बनाया है. इसके माध्यम से होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी इस एप को प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है. एप को पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. इससे होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति के घर से निकलते ही इसकी सूचना तुरंत पुलिस को मिल जाएगी.

देखें पूरी खबर

एनआईटी के छात्रोंका कमाल

कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी दुनिया मे रिसर्च चल रही है, कई वैज्ञानिकों के कई तरह के सुझाव अपने देश के सरकारों को दे रहे है, लेकिन सरायकेला के एनआईटी कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसा एप बनाया है, जिससे कोरोना वायरस के कारण या उसके लक्षण के कारण होम क्वॉरेंटाइन किये गए व्यक्ति के हर मूवमेंट की जानकारी जिला प्रशासन को देता रहेगा. अगर वो व्यक्ति बाहर किसी के संपर्क करता है तो तुरंत इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिल जाएगी. जिससे इस संक्रमण को रोक जा सकता है, इस एप को छात्र वैभव श्री नागदेव, सूरज कुमार,अनिरुद्ध, सनदेव ,सूरज सुरेश और कुमार नमन ने बनाया है. वैभव ने बताया कि प्रशासन के पास होम क्वॉरेंटाइन में रखे गए सभी व्यक्तियों का व्हाट्सएप नंबर है, जिसे व्हाट्सएप नंबर से जोड़ दिया जाएगा. इसके साथ ही एक्टिव हो जाएगा और हर सूचना कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी. व्यक्ति के घर से निकलने के बात यह पता चल जाएगा कि वह किस इलाके में है. इसके बाद पुलिस उसे पकड़ सकेगी.

ये भी पढ़ें- ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन के दौरान ढील देने का कैबिनेट में रखेंगे प्रस्ताव: रामेश्वर उरांव

इस तरह तैयार हुआ ये सुरक्षा एप
लॉकडाउन शुरू होते समय एनआइटी के इन छह छात्रों ने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए ताकि क्वॉरंटाइन में लोग सुरक्षित रहें. इन छात्रों ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को इसको लेकर इमेल किया. अगले 20 मिनट में ही सकारात्मक जवाब दिया, इसके बाद शुरू हुई एप बनाने की तैयारी. एनआइटी के निदेशक डॉ. करुणेश कुमार शुक्ला और अन्य विभागों के डीन, प्रोफेसर की मदद से सात दिनों के अंदर इस कारगर एप को तैयार कर लिया गया.

क्या है इस एप की खासियत
इस एप में होम क्वॉरंटाइन ट्रैकिंग फैसिलिटी है जिसके तहत क्वॉरंटाइन किए गए व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसके तहत क्वॉरंटाइन किए गए व्यक्ति को हर दो घंटे पर अपनी सेल्फी लेकर इस एप में अपलोड करनी होगी. ऐसा नहीं होने या विलंब होने पर जिला प्रशासन की ओर से संबंधित व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया जाएगा. इसके अलावा अत्यावश्यक सेवाओं के लिए इस एप के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पास निर्गत किया जा सकेगा. आवश्यक वस्तुओं, दवाओं आदि की आपूर्ति के लिए भी इस एप की मदद ली जा सकेगी. बहरहाल इस एप्प को अब जिला प्रशासन जांच कर इसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद ही यह प्रयोग में लाया जायेगा , फिलहाल इन छात्रों विकट समय में इस एप्प को तैयार कर कोरोना के संक्रमण रोके जाने का एक बेहतरीन प्रयास ज़रूर किया है.

सरायकेला: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए सरायकेला जिले के एनआईटी कॉलेज के छात्रों ने सुरक्षा कोविड-19 नामक एक एप बनाया है. इसके माध्यम से होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी इस एप को प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है. एप को पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. इससे होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति के घर से निकलते ही इसकी सूचना तुरंत पुलिस को मिल जाएगी.

देखें पूरी खबर

एनआईटी के छात्रोंका कमाल

कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरी दुनिया मे रिसर्च चल रही है, कई वैज्ञानिकों के कई तरह के सुझाव अपने देश के सरकारों को दे रहे है, लेकिन सरायकेला के एनआईटी कॉलेज के इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसा एप बनाया है, जिससे कोरोना वायरस के कारण या उसके लक्षण के कारण होम क्वॉरेंटाइन किये गए व्यक्ति के हर मूवमेंट की जानकारी जिला प्रशासन को देता रहेगा. अगर वो व्यक्ति बाहर किसी के संपर्क करता है तो तुरंत इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिल जाएगी. जिससे इस संक्रमण को रोक जा सकता है, इस एप को छात्र वैभव श्री नागदेव, सूरज कुमार,अनिरुद्ध, सनदेव ,सूरज सुरेश और कुमार नमन ने बनाया है. वैभव ने बताया कि प्रशासन के पास होम क्वॉरेंटाइन में रखे गए सभी व्यक्तियों का व्हाट्सएप नंबर है, जिसे व्हाट्सएप नंबर से जोड़ दिया जाएगा. इसके साथ ही एक्टिव हो जाएगा और हर सूचना कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी. व्यक्ति के घर से निकलने के बात यह पता चल जाएगा कि वह किस इलाके में है. इसके बाद पुलिस उसे पकड़ सकेगी.

ये भी पढ़ें- ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन के दौरान ढील देने का कैबिनेट में रखेंगे प्रस्ताव: रामेश्वर उरांव

इस तरह तैयार हुआ ये सुरक्षा एप
लॉकडाउन शुरू होते समय एनआइटी के इन छह छात्रों ने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए ताकि क्वॉरंटाइन में लोग सुरक्षित रहें. इन छात्रों ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को इसको लेकर इमेल किया. अगले 20 मिनट में ही सकारात्मक जवाब दिया, इसके बाद शुरू हुई एप बनाने की तैयारी. एनआइटी के निदेशक डॉ. करुणेश कुमार शुक्ला और अन्य विभागों के डीन, प्रोफेसर की मदद से सात दिनों के अंदर इस कारगर एप को तैयार कर लिया गया.

क्या है इस एप की खासियत
इस एप में होम क्वॉरंटाइन ट्रैकिंग फैसिलिटी है जिसके तहत क्वॉरंटाइन किए गए व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसके तहत क्वॉरंटाइन किए गए व्यक्ति को हर दो घंटे पर अपनी सेल्फी लेकर इस एप में अपलोड करनी होगी. ऐसा नहीं होने या विलंब होने पर जिला प्रशासन की ओर से संबंधित व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया जाएगा. इसके अलावा अत्यावश्यक सेवाओं के लिए इस एप के माध्यम से स्थानीय स्तर पर पास निर्गत किया जा सकेगा. आवश्यक वस्तुओं, दवाओं आदि की आपूर्ति के लिए भी इस एप की मदद ली जा सकेगी. बहरहाल इस एप्प को अब जिला प्रशासन जांच कर इसकी गुणवत्ता की रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद ही यह प्रयोग में लाया जायेगा , फिलहाल इन छात्रों विकट समय में इस एप्प को तैयार कर कोरोना के संक्रमण रोके जाने का एक बेहतरीन प्रयास ज़रूर किया है.

Last Updated : Apr 11, 2020, 10:04 PM IST

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