सरायकेला: जिले में लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल को ग्रामीण क्षेत्रों में कंपनी खोले जाने के मामले में और आदेश पारित किए जाने से संबंधित गड़बड़ी पाई गई थी. वहीं, सरकारी आदेश के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जिले के एडीसी, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार के खिलाफ जिले के उपायुक्त ने विभागीय कार्रवाई और अनुशंसा की है. इसके साथ ही एडीसी कार्यालय के सहायक पंकज कुमार आदित्य देव को भी डीसी डीसी ए. दोड्डे ने निलंबित कर दिया है.
मामले को लेकर सरायकेला उपायुक्त अंजनेयुल दोड्डे ने एडीसी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और निलंबन के लिए कार्य विभाग को पत्र लिखा है. इसके साथ ही उपायुक्त ने प्रपत्र “क” गठित कर एडीसी को सेवा से बर्खास्त करने की भी सिफारिश की है. बता दें कि लॉकडाउन 2 में शहरी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्र में आवश्यक सेवाओं से जुड़े कंपनियों को खोलने की अनुमति देने के लिए उपायुक्त ने जिले के एडीसी सुबोध कुमार और कार्यालय दंडाधिकारी पूनम कछप को नोडल पदाधिकारी प्रति नियुक्त किया था. इस बीच 20 अप्रैल से औद्योगिक कंपनियों को सरकार के तय शर्तों का अनुपालन करते हुए लॉकडाउन में प्रोडक्शन शुरू किए जाने की छूट दी गई थी, कई कंपनियों ने आवेदन दिया और इस मामले में नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त एडीसी सुबोध कुमार ने लापरवाही बरती.
ये भी पढ़ें- झारखंड: कोरोना मरीजों की संख्या हुई 115, तीन की मौत, देश भर में अबतक 1389 की गई जान
बता दें कि एडीसी ने सहायक नोडल पदाधिकारी पूनम कछप के बिना ही मनमाने ढंग से उद्योगों को अनुमति प्रदान की. वहीं, इस प्रक्रिया में एडीसी कार्यालय में कार्यरत सहायक पंकज कुमार आदित्य देव की भी संलिप्तता पाई गई है. जिसके बाद डीसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सहायक को निलंबित किया और एडीसी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को पत्र भी लिख दिया है. वहीं, एडीसी पर उद्योगों को शुरू किए जाने के एवज में मोटी रकम मांगे जाने के मामले पर उपायुक्त ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की रिश्वत मांगे जाने संबंधित मामले सामने नहीं आए हैं ,जबकि लापरवाही बरतने के एवज में यह कार्रवाई की गई है.