ETV Bharat / state

सरायकेलाः मिसाल बना झारखंड का यह सरकारी स्कूल, कोरोना काल में भी बाधित नहीं हुई पढ़ाई

कोरोना के कहर के कारण स्कूल-कॉलेज में ऑनलाइन क्लास ही हो रहे हैं. सरायकेला के उत्क्रमित उच्च विद्यालय ने नया उदाहरण पेश किया है. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रिंसिपल संध्या प्रधान ने संक्रमण काल में आधुनिक और वैकल्पिक तरीके अपनाकर छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होने दी. इतना ही नहीं इस दौरान सोशल डिस्टेसिंग का भी ख्याल रखा गया.

author img

By

Published : Jul 12, 2020, 10:56 AM IST

School set a new example
डिजाइन इमेज

सरायकेला: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण स्कूल और कॉलेज मार्च महीने से ही बंद हैं. इस दौरान ऑनलाइन क्लास और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाई जारी है. सरायकेला के उत्क्रमित उच्च विद्यालय की प्रिंसिपल संध्या प्रधान के अथक प्रयास से स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था कर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए बच्चों को तालीम दी जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

नई किताबें मिलने के बाद शुरू की गई पढ़ाई

स्कूल की प्राचार्य ने लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई प्रयास किए. प्राचार्य ने बेहतरीन प्रयास से इस स्कूल में बने अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. इसके अलावा जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले फोन नहीं थे, उन्हें स्कूल के कंप्यूटर लैब में बुलाकर पढ़ाई जारी रखा. लॉकडाउन खत्म होते ही शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों को नए सत्र के लिए किताबें उपलब्ध करा दी गई. जिसके बाद प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल बुलाकर उन्हें किताबें उपलब्ध कराई. इसके बाद अगल-अलग दिन बुलाकर टास्क दिया और घर पर उसे बनाने के बाद अगले दिन फिर से स्कूल आकर कॉपी जमा करने को कहा. ऐसा करने से पिछले कई दिनों से छात्रों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है और छात्र पढ़ाई के दौरान उत्पन्न समस्याओं को भी स्कूल में आ रही शिक्षिकाओं के माध्यम से दूर कर रहे हैं.

नई किताबें देख बच्चों में जगी पढ़ने की रुचि

लॉकडाउन खत्म होते ही बच्चों को नई किताबें उपलब्ध कराई गई. जिसके बाद 3 महीने से घर पर बैठे स्कूली बच्चों में फिर से पढ़ने की ललक जगी. इनमें से ज्यादातर वैसे बच्चे शामिल हैं जो बिना स्मार्ट फोन और इंटरनेट के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर नहीं पढ़ पा रहे थे.

ये भी पढ़ें- चुनौतियों के बाद भी बढ़ती गई RU की 'चमक', जानिए रांची विश्वविद्यालय के 60 साल का सुहाना सफर

नौवीं और दसवीं के छात्रों का परिणाम बेहतर

लॉकडाउन से पहले ही स्कूल में स्थापित किए गए बेहतरीन शैक्षणिक माहौल का नतीजा है कि इस वर्ष भी स्कूल के नौवीं और दसवीं के छात्रों ने बेहतरीन परिणाम हासिल किया है. नौवीं कक्षा में जहां 113 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी जिनमें से 97 छात्र सफल रहे, वहीं मैट्रिक की परीक्षा में 67 प्रतिशत छात्रों ने सफलता पाई. वहीं सफल परीक्षार्थियों ने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय स्कूल की प्रिंसिपल और स्कूल के बेहतरीन माहौल को दिया.

लॉकडाउन में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने से बाधित हुई पढ़ाई

लॉकडाउन के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद हो गए. ऐसे में सरकार और स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने का निर्णय लिया. लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं रहने के कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई.

सरायकेला: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण स्कूल और कॉलेज मार्च महीने से ही बंद हैं. इस दौरान ऑनलाइन क्लास और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पढ़ाई जारी है. सरायकेला के उत्क्रमित उच्च विद्यालय की प्रिंसिपल संध्या प्रधान के अथक प्रयास से स्कूल में वैकल्पिक व्यवस्था कर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए बच्चों को तालीम दी जा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी

नई किताबें मिलने के बाद शुरू की गई पढ़ाई

स्कूल की प्राचार्य ने लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई को लेकर कई प्रयास किए. प्राचार्य ने बेहतरीन प्रयास से इस स्कूल में बने अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. इसके अलावा जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले फोन नहीं थे, उन्हें स्कूल के कंप्यूटर लैब में बुलाकर पढ़ाई जारी रखा. लॉकडाउन खत्म होते ही शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों को नए सत्र के लिए किताबें उपलब्ध करा दी गई. जिसके बाद प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल बुलाकर उन्हें किताबें उपलब्ध कराई. इसके बाद अगल-अलग दिन बुलाकर टास्क दिया और घर पर उसे बनाने के बाद अगले दिन फिर से स्कूल आकर कॉपी जमा करने को कहा. ऐसा करने से पिछले कई दिनों से छात्रों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है और छात्र पढ़ाई के दौरान उत्पन्न समस्याओं को भी स्कूल में आ रही शिक्षिकाओं के माध्यम से दूर कर रहे हैं.

नई किताबें देख बच्चों में जगी पढ़ने की रुचि

लॉकडाउन खत्म होते ही बच्चों को नई किताबें उपलब्ध कराई गई. जिसके बाद 3 महीने से घर पर बैठे स्कूली बच्चों में फिर से पढ़ने की ललक जगी. इनमें से ज्यादातर वैसे बच्चे शामिल हैं जो बिना स्मार्ट फोन और इंटरनेट के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर नहीं पढ़ पा रहे थे.

ये भी पढ़ें- चुनौतियों के बाद भी बढ़ती गई RU की 'चमक', जानिए रांची विश्वविद्यालय के 60 साल का सुहाना सफर

नौवीं और दसवीं के छात्रों का परिणाम बेहतर

लॉकडाउन से पहले ही स्कूल में स्थापित किए गए बेहतरीन शैक्षणिक माहौल का नतीजा है कि इस वर्ष भी स्कूल के नौवीं और दसवीं के छात्रों ने बेहतरीन परिणाम हासिल किया है. नौवीं कक्षा में जहां 113 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी जिनमें से 97 छात्र सफल रहे, वहीं मैट्रिक की परीक्षा में 67 प्रतिशत छात्रों ने सफलता पाई. वहीं सफल परीक्षार्थियों ने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय स्कूल की प्रिंसिपल और स्कूल के बेहतरीन माहौल को दिया.

लॉकडाउन में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने से बाधित हुई पढ़ाई

लॉकडाउन के दौरान स्कूल और कॉलेज बंद हो गए. ऐसे में सरकार और स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने का निर्णय लिया. लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं रहने के कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.