सरायकेला: केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान सुधार कानून को लेकर कहा कि किसानों की आय दोगुनी, फसल की पैदावार बढ़ाने और क्वालिटी प्रोडक्शन में यह कानून मील का पत्थर साबित होगा. भारत की अर्थव्यवस्था सीधे किसान और गांव से जुड़ा है. किसान आत्मनिर्भर और सशक्त होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी. किसान होंगे आत्मनिर्भर तो देश भी आत्मनिर्भर होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इस कानून के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत की इकोनॉमी 2 ट्रिलियन से 5 ट्रिलियन करने के लिए भारत के हर नागरिक और किसानों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.
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केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि ट्राइबल एरिया के विकास के लिए जो राशि की जरूरत होती है, वह राशि केंद्रीय जनजाति मंत्रालय राज्यों को उपलब्ध कराता है लेकिन केंद्र में जनजाति मामलों के मंत्री के हैसियत से कह सकते हैं कि झारखंड सरकार केंद्र से पैसा ले नहीं पा रही है, दूसरे मंत्रालयों में भी कमोवेश यही स्थिति है. झारखंड को पूर्व में उपलब्ध कराए गए पैसों का राज्य सरकार ना तो हिसाब नहीं दे रही है और ना ही समय पर विकास योजनाओं से संबंधित नया प्रोजेक्ट भेज रही है. नई योजना के लिए राज्य सरकार को राशि देंगे लेकिन राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि राज्य के लोगों के लिए उस राशि का व्यय करके जनता की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करें. मुंडा ने कहा कि इसका मॉनिटरिंग मंत्रालय करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारी नए प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. राज्य के विकास के लिए मेरे साथ-साथ सभी मंत्रालयों से हर तरह से सहयोग करेंगे.
विपक्ष फैला रहा है भ्रम
अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश के किसान इस बिल से खुश हैं. केंद्र सरकार किसानों के हित में सोचने वाले दल की सरकार है लेकिन इस कानून को लेकर कांग्रेस समेत कुछ दल भ्रम फैला रही है. जबकि कानून बनाए जाने से पूर्व किसानों से कांग्रेस शासित राज्यों से भी सलाह लिया गया था. कांग्रेस अपने लगभग 50 साल के कार्यकाल में किसानों को ठगने का कार्य किया है.