सरायकेलाः जिले के प्रमुख खरकई नदी पर लगभग 500 करोड़ की लागत से खरकई बराज बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है, इससे अब पूरे जिले समेत आस-पास के 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होगी. इस महत्वकांक्षी परियोजना का कार्य लगभग पूरा हो गया है, जबकि परियोजना से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी अब अंतिम पड़ाव पर हैं.
बराज बनने से किसानों को बड़ा फायदा मिलने वाला है. खेतों की सिंचाई से लेकर घरों तक पाइप लाइन से जलापूर्ति किए जाने की भी योजना इसमें शामिल है. वहीं पंप हाउस का भी निर्माण परियोजना के तहत करवाया जायेगा. इधर परियोजना पूरा होने के साथ यह एक पर्यटन स्थल के रूप में भी धीरे-धीरे विकसित किया जा रहा है.
भरपूर मात्रा में उपलब्ध होगा पानी
महत्वकांक्षी खरकाई बराज योजना से दो नहर प्रस्तावित है जिससे सिंचाई और पेयजल आपूर्ति भरपूर मात्रा में होगी. इस परियोजना से निकलने वाले एक नहर से सीतारामपुर जलाशय को पानी की आपूर्ति की जाएगी. जिससे भरपूर मात्रा में एक बड़े आबादी को पाइप लाइन के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी.
ये भी पढ़ें- देवघर: सावन की दूसरी सोमवारी पर बाबा मंदिर में बदला-बदला सा नजारा, लोगों से ऑनलाइन दर्शन की अपील
8 पंप हाउस का निर्माण है प्रस्तावित
खेतों की सिंचाई से लेकर घरों तक पाइप लाइन से जलापूर्ति किए जाने के लिए खरकई बराज में आठ पंप हाउस का निर्माण कराया जाएगा. इस बराज में कुल 15 गेट लगे हैं, जिससे नदी के पानी का संचय बेहतरीन तरीके से किया जा रहा है. वहीं नदी में पानी कम रहने पर बराज के माध्यम से नदी के जल स्तर को बरकरार रखा जाएगा. इस परियोजना की सबसे बड़ी बात यह है कि परियोजना से 29.83 किलोमीटर तक सिंचाई का पानी जाएगा. परियोजना में भूमि अधिग्रहण भी अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन अधिग्रहित भूमि पर पक्का निर्माण नहीं हो सकेगा. इसके एवज में भूमि मालिकों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है.
पर्यटन को भी मिल रहा बढ़ावा
खरकई बराज परियोजना का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. परियोजना के पूर्ण होने से यह एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है. परियोजना में एक आइलैंड प्रस्तावित है जो पर्यटन के दृष्टिकोण से काफी रमणीय स्थान होगा. हालांकि यह कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराया जाएगा. जलापूर्ति और पर्यटन के उद्देश्य से यह योजना निश्चित तौर पर भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी.