सरायकेला: लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट की मार झेल रहे ग्रामीण और प्रवासी मजदूरों को अब इससे उबरने का समय आ चुका है. राज्य सरकार की ओर से गांव में मनरेगा अंतर्गत विकास योजनाओं को शुरू किया जा चुका है, वहीं शहरी क्षेत्र में भी प्रवासी मजदूरों को उनके स्किल के अनुसार काम मिलने लगे हैं.
सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत कुल 21 पंचायतों में से 19 पंचायत में वर्तमान में 455 विकास योजनाओं को शुरू किया गया है, जिससे 4049 प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है, इस विकट परिस्थिति में बेरोजगारी से जूझ रहे प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिलने से उनके चेहरे खिल उठे हैं.
कोरोना संकट के दौरान दूसरे राज्य में फंसे स्थानीय मजदूरों को वापस लाने के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने की रणनीति पर झारखंड सरकार ने कई योजनाएं चला रखी है. इसके तहत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास महत्वाकांक्षी योजनाओं पर सरायकेला जिले में भी कार्य चल रहा है. जिले में वर्तमान में 1068 नई योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिसमें से 677 योजनाओं पर कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है. इन योजनाओं के तहत काम होना है.
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सरायकेला जिले में झारखंड सरकार के निर्देश पर नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास महत्वकांक्षी योजना के तहत जिले में बागवानी के लिए 179 योजना नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत नाला पुनर्जीवन के लिए 87 योजना, इसी के तहत 702 संबंधित योजना और शहीद फोटो हो खेल विकास योजना के तहत 55 नई योजनाओं की स्वीकृति दी गई है. वहीं, बागवानी के लिए 314, सोख्ता गड्ढा निर्माण योजना के तहत 214 योजना के कार्य प्रगति पर हैं.
झारखंड सरकार ने बिरसा हरित ग्राम नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास महत्वकांक्षी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ कर दिया है, इसका मुख्य उद्देश्य है कि प्रवासी मजदूरों को अब राज्य में ही काम मिले और उन्हें बाहरी राज्यों पर रोजगार के लिए निर्भर न रहना पड़े.