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सरायकेला में यूरिया की किल्लत, कालाबाजारी कर रहे दुकानदार

प्रदेश में यूरिया की किल्लत हो गई है. अब सरायकेला जिले में खाद की कमी का मामला सामने आया है. नतीजतन जहां थोड़ा बहुत स्टॉक है दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं और दोगुना दाम वसूल रहे हैं. किसानों को यूरिया के लिए जमशेदपुर तक की दौड़ लगानी पड़ रही है.

farmers demand for providing urea in seraikela
यूरिया उपलब्ध कराने की मांग
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Published : Sep 2, 2020, 7:36 AM IST

सरायकेला: जिले में इन दिनों यूरिया का टोटा है. यहां किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है और जहां मिल रही है वहां दोगुना दाम वसूला जा रहा है. हाल यह है कि खाद के लिए किसानों को जमशेदपुर तक की दौड़ लगानी पड़ रही है. वहां भी खाद की दोगुनी कीमत वसूली जा रही है.

देखें पूरी खबर.


जिले के राजनगर प्रखंड में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने की वजह से किसान अब दूसरे जिले से दोगने दाम में यूरिया लाने को मजबूर हैं. एक किसान ने बताया कि राजनगर में यूरिया नहीं मिलने की वजह से हमें पूर्वी सिंहभूम जिले के हल्दीपोखर से यूरिया लानी पड़ रही है, जोकि हमारे गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर है. वहीं राजनगर के किसानों ने यूरिया की किल्लत पर सरकार और जिले की व्यवस्था पर सवाल उठाया और राजनगर प्रखंड में भी सरकारी मूल्य पर यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है.


यूरिया के लिए परेशान किसान
किसानों ने कहा कि जहां थोड़ी बहुत स्टॉक है वहां किसान कालाबाजारी में जुटे हैं और किसानों से खाद का दोगुना दाम वसूल रहे हैं. जिस यूरिया का सरकारी मूल्य लगभग 266 रुपये प्रति बोरा है उसे प्रखंड क्षेत्र के बीज दुकानों में लगभग 400 से 450 रुपये प्रति बोरा बेचा जा रहा है. किसानों ने यह भी बताया कि पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर में अभी भी 266 रुपये प्रति बोरा यूरिया मिल रहा है और राजनगर में ऊंचे दाम में बिकने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. लोग सुबह से ही बीज दुकान खुलने का इंतजार करते हैं और दुकान खुलते ही यूरिया बिकने लगता है. उसमें भी कुछ किसानों को मायूस वापस लौट जाना पड़ता है, क्योंकि यूरिया समाप्त हो जाती है. मजबूरन किसानों को यूरिया के लिए दूसरे जिले पूर्वी सिंहभूम जाना पड़ता है. जहां उन्हें दोगुना दाम देना पड़ता है.

यूरिया खाद के कालाबाजारी पर आक्रोश
इधर इस समस्या पर भाजपा सरायकेला खरसवां के जिला अध्यक्ष बिजय महतो ने जिले में हो रही यूरिया खाद के कालाबाजारी पर आक्रोश जताया है. उन्होंने कहा इस वक़्त कोरोना महामारी की वजह से किसानों की आर्थिक हालत बेहद खराब है. खेती बाड़ी के इस सीजन में किसानों को अपने कृषि कार्य से बेहतर परिणाम के लिए खाद की आवश्यकता रहती है. ऐसे में खेती के लिए अति आवश्यक यूरिया खाद की कालाबाजारी होना निंदनीय है. खाद की कालाबाजारी के कारण किसान ऊंचे दाम चुकाने में असमर्थ होते हैं. खाद खरीदने के लिए अतिरिक्त पैसे की जुगाड़ में किसान उधारी और कर्ज में भी फंस जाते हैं. इस वक्त 266 रुपये का यूरिया खाद का बैग 400 से 500 रुपये तक में बेचा जा रहा है. खाद विक्रेता आपस में सांठ गांठ कर किसानों से अधिक पैसे वसूल रहे है.

इसे भी पढ़ें-फर्जी जमीन के कागजात पर बैंक को लगाया था एक करोड़ से अधिक का चूना, आरोपी गिरफ्तारी


यूरिया के साथ मिनरल और विटामिन मिलने से बढ़े दाम
जिले में यूरिया की किल्लत और अधिक मूल्य पर बिक्री होने के मुद्दे पर जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने ईटीवी भारत को जानकारी दी है कि यह समस्या राज्य स्तरीय है. इन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर यूरिया के साथ विटामिन और अन्य जरूरी मिनरल्स आदि को मिलाकर पैक किया जा रहा है. ऐसे में यूरिया के कीमतों में अचानक इजाफा हुआ है, हालांकि ये बताते हैं कि यूरिया के साथ इन अन्य तत्वों का मिला होना आवश्यक नहीं है बावजूद इसके यूरिया के साथ अन्य तत्वों को मिलाकर मुझे कीमतों पर बेचा जा रहा है. इधर कालाबाजारी के मुद्दे पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध सघन अभियान चला रही है, इसके तहत अब तक 3 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. कृषि जिला पदाधिकारी ने बताया कि यूरिया की किल्लत को राज्यस्तरीय समस्या के तहत सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है.

सरायकेला: जिले में इन दिनों यूरिया का टोटा है. यहां किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है और जहां मिल रही है वहां दोगुना दाम वसूला जा रहा है. हाल यह है कि खाद के लिए किसानों को जमशेदपुर तक की दौड़ लगानी पड़ रही है. वहां भी खाद की दोगुनी कीमत वसूली जा रही है.

देखें पूरी खबर.


जिले के राजनगर प्रखंड में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने की वजह से किसान अब दूसरे जिले से दोगने दाम में यूरिया लाने को मजबूर हैं. एक किसान ने बताया कि राजनगर में यूरिया नहीं मिलने की वजह से हमें पूर्वी सिंहभूम जिले के हल्दीपोखर से यूरिया लानी पड़ रही है, जोकि हमारे गांव से करीब 30 किलोमीटर दूर है. वहीं राजनगर के किसानों ने यूरिया की किल्लत पर सरकार और जिले की व्यवस्था पर सवाल उठाया और राजनगर प्रखंड में भी सरकारी मूल्य पर यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की है.


यूरिया के लिए परेशान किसान
किसानों ने कहा कि जहां थोड़ी बहुत स्टॉक है वहां किसान कालाबाजारी में जुटे हैं और किसानों से खाद का दोगुना दाम वसूल रहे हैं. जिस यूरिया का सरकारी मूल्य लगभग 266 रुपये प्रति बोरा है उसे प्रखंड क्षेत्र के बीज दुकानों में लगभग 400 से 450 रुपये प्रति बोरा बेचा जा रहा है. किसानों ने यह भी बताया कि पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर में अभी भी 266 रुपये प्रति बोरा यूरिया मिल रहा है और राजनगर में ऊंचे दाम में बिकने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. लोग सुबह से ही बीज दुकान खुलने का इंतजार करते हैं और दुकान खुलते ही यूरिया बिकने लगता है. उसमें भी कुछ किसानों को मायूस वापस लौट जाना पड़ता है, क्योंकि यूरिया समाप्त हो जाती है. मजबूरन किसानों को यूरिया के लिए दूसरे जिले पूर्वी सिंहभूम जाना पड़ता है. जहां उन्हें दोगुना दाम देना पड़ता है.

यूरिया खाद के कालाबाजारी पर आक्रोश
इधर इस समस्या पर भाजपा सरायकेला खरसवां के जिला अध्यक्ष बिजय महतो ने जिले में हो रही यूरिया खाद के कालाबाजारी पर आक्रोश जताया है. उन्होंने कहा इस वक़्त कोरोना महामारी की वजह से किसानों की आर्थिक हालत बेहद खराब है. खेती बाड़ी के इस सीजन में किसानों को अपने कृषि कार्य से बेहतर परिणाम के लिए खाद की आवश्यकता रहती है. ऐसे में खेती के लिए अति आवश्यक यूरिया खाद की कालाबाजारी होना निंदनीय है. खाद की कालाबाजारी के कारण किसान ऊंचे दाम चुकाने में असमर्थ होते हैं. खाद खरीदने के लिए अतिरिक्त पैसे की जुगाड़ में किसान उधारी और कर्ज में भी फंस जाते हैं. इस वक्त 266 रुपये का यूरिया खाद का बैग 400 से 500 रुपये तक में बेचा जा रहा है. खाद विक्रेता आपस में सांठ गांठ कर किसानों से अधिक पैसे वसूल रहे है.

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यूरिया के साथ मिनरल और विटामिन मिलने से बढ़े दाम
जिले में यूरिया की किल्लत और अधिक मूल्य पर बिक्री होने के मुद्दे पर जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर ने ईटीवी भारत को जानकारी दी है कि यह समस्या राज्य स्तरीय है. इन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर यूरिया के साथ विटामिन और अन्य जरूरी मिनरल्स आदि को मिलाकर पैक किया जा रहा है. ऐसे में यूरिया के कीमतों में अचानक इजाफा हुआ है, हालांकि ये बताते हैं कि यूरिया के साथ इन अन्य तत्वों का मिला होना आवश्यक नहीं है बावजूद इसके यूरिया के साथ अन्य तत्वों को मिलाकर मुझे कीमतों पर बेचा जा रहा है. इधर कालाबाजारी के मुद्दे पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग यूरिया की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध सघन अभियान चला रही है, इसके तहत अब तक 3 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. कृषि जिला पदाधिकारी ने बताया कि यूरिया की किल्लत को राज्यस्तरीय समस्या के तहत सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है.

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