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खून का रिश्ता तार-तार! बेटे ने पिता को घर से निकाला, बुजुर्ग ने प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार - ईटीवी भारत न्यूज

सरायकेला में प्रताड़ना का मामला सामने आया है. आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र में पुत्र की प्रताड़ना से परेशान बुजुर्ग पिता ने सरायकेला जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. Father appealed for justice in Seraikela.

elderly father appealed for justice after troubled by son in Seraikela
सरायकेला में बुजुर्ग पिता ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 30, 2023, 5:22 PM IST

सरायकेला में बुजुर्ग पिता ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई

सरायकेला: जिला में 84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह ने अपने तीन पुत्र और पोतों पर प्रताड़ित कर घर से निकाले जाने का आरोप लगाया है. इसको लेकर उन्होंने सरायकेला जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.

आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र अंतर्गत ट्रांसपोर्ट कॉलोनी रोड नंबर 25 निवासी 84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह परिवहन विभाग में बतौर टिकट चेकर के तौर पर कार्य करते थे. सेवानिवृत होने के बाद अपने तीनों बेटों को घर बनाकर दिया, अब उम्र के इस पड़ाव में उन्हें बेटों और पोतों के कोप का भजन बनना पड़ रहा है. बेटों से प्रताड़ित होकर 84 वर्षीय वृद्ध ने प्रशासन के समक्ष गुहार लगाई है.

सीताराम सिंह ने बताया कि उनके 3 पुत्र हैं, बड़ा बेटा अशोक सिंह दिव्यांग है, जो पैतृक गांव बलिया (उत्तर प्रदेश) में रहता है. मंझला पुत्र विनोद सिंह और छोटा पुत्र संतोष कुमार सिंह सरायकेला के ट्रांसपोर्ट कॉलोनी में ही रहते हैं. दोनों पुत्र अपने पिता को रखना नहीं चाहते हैं. वे छोटे पुत्र के यहां रह रहे थे, जो अब पिता को रखना नहीं चाहते हैं. पिता ने अपने छोटे पुत्र संतोष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो उनकी पत्नी का गहना और रिटायरमेंट का सारा पैसा रख लिया है. पिता के नाम पर आवास बोर्ड के घर के कागजात को भी संतोष सिंह ने रख लिया और पिता को घर से निकाल दिया. इतना ही नहीं संतोष सिंह ने अपने पिता सीताराम सिंह के पेंशन का पेपर और आधार कार्ड अपने पास रखे हुए हैं. ऐसे में बुजुर्ग पिता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

तीन माह बाद भी जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाईः सीताराम सिंह ने पूरे मामले के लिखित शिकायत सरायकेला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत एसडीओ से की है. लेकिन 3 महीने बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इनके समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वृद्ध ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी हस्तक्षेप कर इन्हें घर समेत पेंशन संबंधित कागजात वापस दिलाया जाए, जिससे उनका भरण-पोषण हो सके. इस मामले को लेकर छोटे पुत्र संतोष कुमार ने पिता द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया है. संतोष सिंह ने कहा कि पिता ने मंझले भाई को संपत्ति में अधिक हिस्सा दिया, वे मंझले भाई से संपत्ति की मांग न करके मुझ पर आरोप लगा रहे हैं.

सरायकेला में बुजुर्ग पिता ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई

सरायकेला: जिला में 84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह ने अपने तीन पुत्र और पोतों पर प्रताड़ित कर घर से निकाले जाने का आरोप लगाया है. इसको लेकर उन्होंने सरायकेला जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.

आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र अंतर्गत ट्रांसपोर्ट कॉलोनी रोड नंबर 25 निवासी 84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह परिवहन विभाग में बतौर टिकट चेकर के तौर पर कार्य करते थे. सेवानिवृत होने के बाद अपने तीनों बेटों को घर बनाकर दिया, अब उम्र के इस पड़ाव में उन्हें बेटों और पोतों के कोप का भजन बनना पड़ रहा है. बेटों से प्रताड़ित होकर 84 वर्षीय वृद्ध ने प्रशासन के समक्ष गुहार लगाई है.

सीताराम सिंह ने बताया कि उनके 3 पुत्र हैं, बड़ा बेटा अशोक सिंह दिव्यांग है, जो पैतृक गांव बलिया (उत्तर प्रदेश) में रहता है. मंझला पुत्र विनोद सिंह और छोटा पुत्र संतोष कुमार सिंह सरायकेला के ट्रांसपोर्ट कॉलोनी में ही रहते हैं. दोनों पुत्र अपने पिता को रखना नहीं चाहते हैं. वे छोटे पुत्र के यहां रह रहे थे, जो अब पिता को रखना नहीं चाहते हैं. पिता ने अपने छोटे पुत्र संतोष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो उनकी पत्नी का गहना और रिटायरमेंट का सारा पैसा रख लिया है. पिता के नाम पर आवास बोर्ड के घर के कागजात को भी संतोष सिंह ने रख लिया और पिता को घर से निकाल दिया. इतना ही नहीं संतोष सिंह ने अपने पिता सीताराम सिंह के पेंशन का पेपर और आधार कार्ड अपने पास रखे हुए हैं. ऐसे में बुजुर्ग पिता दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

तीन माह बाद भी जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाईः सीताराम सिंह ने पूरे मामले के लिखित शिकायत सरायकेला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत एसडीओ से की है. लेकिन 3 महीने बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इनके समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वृद्ध ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी हस्तक्षेप कर इन्हें घर समेत पेंशन संबंधित कागजात वापस दिलाया जाए, जिससे उनका भरण-पोषण हो सके. इस मामले को लेकर छोटे पुत्र संतोष कुमार ने पिता द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया है. संतोष सिंह ने कहा कि पिता ने मंझले भाई को संपत्ति में अधिक हिस्सा दिया, वे मंझले भाई से संपत्ति की मांग न करके मुझ पर आरोप लगा रहे हैं.

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