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कोरोना ने ऑटो का किया चक्का जाम, चालकों की रोजी-रोटी पर आफत

लॉकडाउन के कारण सरायकेला-खरसावां जिला में ऑटो चालकों को अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरायकेला जिले में लॉकडाउन में प्रभावित ज्यादातर ऑटो चालकों को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है, वे परेशान हैं. उनका कहना है कि अब खाना-पीने की भी दिक्कतें आ रही हैं.

Trouble due to lockdown, effect of lockdown on auto driver, lockdown in Jharkhand, Seraikela Auto Driver Association, लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी, ऑटो चालक पर लॉकडाउन का असर, झारखंड में लॉकडाउन, सरायकेला ऑटो चालक संघ
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Published : May 10, 2020, 3:38 PM IST

Updated : May 11, 2020, 8:51 PM IST

सरायकेला: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश भर में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन में हर एक आम और खास सभी काफी प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित रोज कमाकर घर चलाने वाले लोग हुए हैं. ऐसे में सड़कों पर दिनभर ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले ऑटो चालक भी इस लॉकडाउन में बड़ी मुसीबत में पड़े हुए हैं. सरकार के पब्लिक ट्रांसपोर्ट समेत ऑटो के परिचालन को लॉकडाउन में पूरी तरह बंद रखा गया है. ऐसे में ऑटो चालक अब सरकार के तरफ मदद की गुहार के साथ टकटकी लगाए बैठे हैं.

देखें पूरी खबर
चेहरे पर दिख रही चिंता
लॉकडाउन के कारण सरायकेला-खरसावां जिला में ऑटो चालकों को अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इन ऑटो चालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. लंबे इंतजार के बाद लॉकडाउन 3.0 में भी सरकार ने सड़कों पर ऑटो चलने की छूट नहीं दी है. ऐसे में ऑटो चालक इस आस में दिन काट रहे हैं कि कब लॉकडाउन खत्म हो और यह कमाने खाने सड़कों पर अपने ऑटो लेकर उतरे.
Trouble due to lockdown, effect of lockdown on auto driver, lockdown in Jharkhand, Seraikela Auto Driver Association, लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी, ऑटो चालक पर लॉकडाउन का असर, झारखंड में लॉकडाउन, सरायकेला ऑटो चालक संघ
परेशान ऑटो चालक

ये भी पढ़ें- पत्थर व्यवसाय पर कोरोना की चोट, मजदूरों के सामने करो या मरो की स्थिति



डेढ़ हजार ऑटो चालक लॉकडाउन में हैं प्रभावित
सरायकेला जिले में लॉकडाउन में प्रभावित ज्यादातर ऑटो चालकों को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल रही है. वहीं जनधन खाता, राशन कार्ड नहीं होने के कारण भी ऑटो चालकों को घर चलाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. आंकड़ों के मुताबिक जिले में सवारी ऑटो चालकों की संख्या तकरीबन डेढ़ हजार है, जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रोजाना पैसेंजर को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का काम करते हैं. इस बीच लॉकडाउन में ऑटो के पहिए पूरी तरह थम गए हैं और आमदनी भी शून्य है.

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सरकार से उम्मीद पर ऑटो चालक
मुसीबत में 500 स्कूली वाहनों के संचालक
सवारी गाड़ी को छोड़ अगर बात करें स्कूली वाहनों की तो जिले में तकरीबन 500 से भी अधिक स्कूली वाहन चलते हैं, जिनमें ऑटो के अलावा स्कूली वैन भी शामिल हैं. लॉकडाउन में 17 मार्च से पूर्व ही जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल बंद हैं. नतीजतन स्कूली ऑटो और वाहन चालकों को भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने वेतन नहीं दिया है. ऐसे में इन स्कूली वाहन चालकों के समक्ष भी खाने और कमाने की बड़ी समस्या है. स्कूली वाहन चालक बताते हैं कि लॉकडाउन में कंपनियां भी प्रभावित हैं, ऐसे में बच्चों के अभिभावकों के पास भी पैसों की किल्लत है. मार्च महीने का बकाया भुगतान भी स्कूली बच्चों के अभिभावक नहीं कर पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना की मार, चौपट हुआ पर्यटन कारोबार, गाइड-फोटोग्राफर बेरोजगार



कई ऑटो चालकों ने बदला व्यवसाय
लगातार जारी लॉकडॉन के कारण कई ऑटो चालकों ने हाल के दिनों में अपना व्यवसाय बदल दिया है. इनमें से कुछ बाजारों में सब्जी बेच रहे हैं या फिर कुछ और काम कर लॉकडाउन में किसी तरह पेट पालने की जुगत लगा रहे हैं.

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ऑटो के थमे पहिए
घर की रसोई भी पड़ी सुनी ऑटो चालकों को अपना और अपने परिवार के पेट पालने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऑटो चालकों की कमाई बंद होने से उनके घरों की रसोई भी अब सुनी पड़ गई हैं. घर की महिलाएं बताती हैं कि कहीं सामाजिक संगठन तो कहीं स्वयंसेवी संस्थाओं से जो राशन मिल रहा है उसी से किसी तरह गुजारा हो रहा है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में बदला माही का लुक, छोटे बाल और सफेद दाढ़ी में आए नजर


ऑटो चालक कर रहे सरकारी राहत राशि की मांग
सरायकेला जिले के ऑटो चालकों ने अब झारखंड सरकार से राहत पैकेज घोषणा की मांग की है. दिल्ली सरकार के तर्ज पर ऑटो चालकों ने झारखंड सरकार से भी सभी ऑटो चालकों को राहत के पैकेज के तौर पर 10-10 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. कई ऑटो चालकों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समक्ष भी इससे पूर्व गुहार लगाई थी.

झारखंड वाहन संघ निबंधित ऑटो चालकों को पैकेज दिलवाने की कवायद में जुटा
लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे आटो चालकों और स्कूली वाहन चालकों को झारखंड वाहन संघ सरकार से आर्थिक सहायता दिए जाने की कवायद शुरू की गई है. संघ के अध्यक्ष संतोष मंडल ने सूबे के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन से मुलाकात कर सभी ऑटो और स्कूली वाहन चालकों के खाते में 10-10 रुपए उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. इस बीच संघ की ओर से ऑटो और स्कूली वाहन चालकों का निबंधन भी जोरों से किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- DSE के निलंबन के बाद FIR की तैयारी, चापानल घोटाला में शामिल सभी पर लटकी तलवार

सरकार से मदद की आस
ऑटो चालक कहते हैं चक्का चलेगा तो हमारा घर चलेगा और चक्का रुका तो हमारा जीवन ही रुका, ऐसे में सरकार से मदद की आस लिए बैठे हैं. इन ऑटो चालकों पर सरकार की क्या मेहरबानियां होती हैं, यह देखने वाली बात है.

सरायकेला: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे देश भर में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन में हर एक आम और खास सभी काफी प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित रोज कमाकर घर चलाने वाले लोग हुए हैं. ऐसे में सड़कों पर दिनभर ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले ऑटो चालक भी इस लॉकडाउन में बड़ी मुसीबत में पड़े हुए हैं. सरकार के पब्लिक ट्रांसपोर्ट समेत ऑटो के परिचालन को लॉकडाउन में पूरी तरह बंद रखा गया है. ऐसे में ऑटो चालक अब सरकार के तरफ मदद की गुहार के साथ टकटकी लगाए बैठे हैं.

देखें पूरी खबर
चेहरे पर दिख रही चिंता
लॉकडाउन के कारण सरायकेला-खरसावां जिला में ऑटो चालकों को अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इन ऑटो चालकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं. लंबे इंतजार के बाद लॉकडाउन 3.0 में भी सरकार ने सड़कों पर ऑटो चलने की छूट नहीं दी है. ऐसे में ऑटो चालक इस आस में दिन काट रहे हैं कि कब लॉकडाउन खत्म हो और यह कमाने खाने सड़कों पर अपने ऑटो लेकर उतरे.
Trouble due to lockdown, effect of lockdown on auto driver, lockdown in Jharkhand, Seraikela Auto Driver Association, लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी, ऑटो चालक पर लॉकडाउन का असर, झारखंड में लॉकडाउन, सरायकेला ऑटो चालक संघ
परेशान ऑटो चालक

ये भी पढ़ें- पत्थर व्यवसाय पर कोरोना की चोट, मजदूरों के सामने करो या मरो की स्थिति



डेढ़ हजार ऑटो चालक लॉकडाउन में हैं प्रभावित
सरायकेला जिले में लॉकडाउन में प्रभावित ज्यादातर ऑटो चालकों को किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल रही है. वहीं जनधन खाता, राशन कार्ड नहीं होने के कारण भी ऑटो चालकों को घर चलाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. आंकड़ों के मुताबिक जिले में सवारी ऑटो चालकों की संख्या तकरीबन डेढ़ हजार है, जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रोजाना पैसेंजर को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने का काम करते हैं. इस बीच लॉकडाउन में ऑटो के पहिए पूरी तरह थम गए हैं और आमदनी भी शून्य है.

Trouble due to lockdown in seraikela,  effect of lockdown on auto driver in seraikela,  lockdown effect in Jharkhand,  लॉकडाउन से बढ़ी परेशानी,  सरायकेला ऑटो चालक संघ,  झारखंड में लॉकडाउन का असर
सरकार से उम्मीद पर ऑटो चालक
मुसीबत में 500 स्कूली वाहनों के संचालक
सवारी गाड़ी को छोड़ अगर बात करें स्कूली वाहनों की तो जिले में तकरीबन 500 से भी अधिक स्कूली वाहन चलते हैं, जिनमें ऑटो के अलावा स्कूली वैन भी शामिल हैं. लॉकडाउन में 17 मार्च से पूर्व ही जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल बंद हैं. नतीजतन स्कूली ऑटो और वाहन चालकों को भी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने वेतन नहीं दिया है. ऐसे में इन स्कूली वाहन चालकों के समक्ष भी खाने और कमाने की बड़ी समस्या है. स्कूली वाहन चालक बताते हैं कि लॉकडाउन में कंपनियां भी प्रभावित हैं, ऐसे में बच्चों के अभिभावकों के पास भी पैसों की किल्लत है. मार्च महीने का बकाया भुगतान भी स्कूली बच्चों के अभिभावक नहीं कर पा रहे हैं.

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कई ऑटो चालकों ने बदला व्यवसाय
लगातार जारी लॉकडॉन के कारण कई ऑटो चालकों ने हाल के दिनों में अपना व्यवसाय बदल दिया है. इनमें से कुछ बाजारों में सब्जी बेच रहे हैं या फिर कुछ और काम कर लॉकडाउन में किसी तरह पेट पालने की जुगत लगा रहे हैं.

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ऑटो के थमे पहिए
घर की रसोई भी पड़ी सुनी ऑटो चालकों को अपना और अपने परिवार के पेट पालने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऑटो चालकों की कमाई बंद होने से उनके घरों की रसोई भी अब सुनी पड़ गई हैं. घर की महिलाएं बताती हैं कि कहीं सामाजिक संगठन तो कहीं स्वयंसेवी संस्थाओं से जो राशन मिल रहा है उसी से किसी तरह गुजारा हो रहा है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में बदला माही का लुक, छोटे बाल और सफेद दाढ़ी में आए नजर


ऑटो चालक कर रहे सरकारी राहत राशि की मांग
सरायकेला जिले के ऑटो चालकों ने अब झारखंड सरकार से राहत पैकेज घोषणा की मांग की है. दिल्ली सरकार के तर्ज पर ऑटो चालकों ने झारखंड सरकार से भी सभी ऑटो चालकों को राहत के पैकेज के तौर पर 10-10 हजार रुपए उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. कई ऑटो चालकों ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समक्ष भी इससे पूर्व गुहार लगाई थी.

झारखंड वाहन संघ निबंधित ऑटो चालकों को पैकेज दिलवाने की कवायद में जुटा
लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे आटो चालकों और स्कूली वाहन चालकों को झारखंड वाहन संघ सरकार से आर्थिक सहायता दिए जाने की कवायद शुरू की गई है. संघ के अध्यक्ष संतोष मंडल ने सूबे के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन से मुलाकात कर सभी ऑटो और स्कूली वाहन चालकों के खाते में 10-10 रुपए उपलब्ध कराए जाने की मांग की है. इस बीच संघ की ओर से ऑटो और स्कूली वाहन चालकों का निबंधन भी जोरों से किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- DSE के निलंबन के बाद FIR की तैयारी, चापानल घोटाला में शामिल सभी पर लटकी तलवार

सरकार से मदद की आस
ऑटो चालक कहते हैं चक्का चलेगा तो हमारा घर चलेगा और चक्का रुका तो हमारा जीवन ही रुका, ऐसे में सरकार से मदद की आस लिए बैठे हैं. इन ऑटो चालकों पर सरकार की क्या मेहरबानियां होती हैं, यह देखने वाली बात है.

Last Updated : May 11, 2020, 8:51 PM IST
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