साहिबगंजः केंद्र और राज्य सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना और नई-नई तकनीक का प्रशिक्षण दे रही है ताकि 2021 में आय दोगुनी हो जाय. वहीं, किसान की मिट्टी कितनी उपजाऊ है, इसके लिए जिला स्तर पर मिट्टी जांच प्रयोगशाला की व्यवस्था है, ताकि किसान अपने खेत से मिट्टी लेकर जांच कराकर यह जान पाएं कि मिट्टी कितनी उपजाऊ और उर्वरक है.
ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल ग्राउंड जीरो से की तो पाया कि 2015 से जिला मिट्टी जांच लैब में सहायक अनुसंधान पदाधिकारी का पद रिक्त है. राजमहल से एक चपरासी को प्रतिनियुक्त कर काम चलाया जा रहा है. इस कर्मचारी का काम है रोजाना समय पर लैब को खोलना और शाम को बंद कर घर चले जाना.
![Soil Testing Laboratory in Sahibganj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10023201_sdsd.jpg)
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ऐसी स्थिति में किसान को सुविधा नहीं मिल रहा है और यह लैब आज के दिन धूल फांक रही है. यह मिट्टी जांच प्रयोगशाला पुराना कृषि भवन के दूसरे तल्ले पर स्थित है. इस लैब में मोटी मोटी धूल की परत चढ़ी हुई है. कीमती मशीन, केमिकल रखे समान पर भी धूल जमी है. कहा जा सकता है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार के सुस्त रवैये की वजह से इस लैब का लाभ किसान नहीं उठा पा रहे हैं. यही वजह है कि फसलों के पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
![Soil Testing Laboratory in Sahibganj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10023201_thum.jpg)