साहिबगंज: जिले में लॉकडाउन का सबसे अधिक असर बिजली विभाग पर पड़ा है. जहां प्रति महीना करोड़ों रुपये के राजस्व प्राप्ति होती थी. वहां अब लॉकडाउन की वजह से भुगतान ना के बराबर हो गया है. ऐसी परिस्थिति में बिजली विभाग को काफी राजस्व की क्षति हो रही है और अब बिजली विभाग जिले वासियों को सेवा देने में असमर्थता जाहिर कर रहा है.
बंद पड़ा है सारा कामकाज
उपभोक्ता का कहना है कि मार्च से बिजली बिल नहीं मिल रही है और ना ही कोई मीटर रीडिंग लेने आ रहा है. वे लाकडॉउन की वजह से बिल जमा करने भी नहीं जा रहे हैं. सारा काम काज ठप पड़ा हुआ है. उन्हें डर सता रहा है कि अगर एक मुश्त में बिजली बिल आयी तो कैसे भुगतान करेंगे. हालांकि विभाग की ओर से ऑनलाइन सुविधा दी गई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में लोग टक्नोलॉजी से अधिक फ्रैंडली नहीं हैं जो बिजली बिल ऑनलाइन पे कर सकें.
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50 लाख हुई है राजस्व की प्राप्ति
एक्सक्यूटिव इंजीनियर ने कहा कि मार्च में लॉकडाउन लगने से उपभोक्ताओं का आना जाना बंद हो गया. उन्होंने बताया कि जिले में कुल एक लाख पैतीस हजार उपभोक्ता है. पिछले साल मार्च क्लोजिंग के समय 10 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी लेकिन इस साल 5 करोड़ की प्राप्ति नहीं हो पाई है. औसतन प्रति महीना 25 से 30 हजार उपभोक्ता बिजली बिल जमा करते थे. जिससे प्रति महीना 5 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होती थी लेकिन मार्च से अभी तक मात्र 50 लाख ही राजस्व की प्राप्ति हुई है. लॉकडाउन के कारण जिले में बिजली की खपत बढ़ चुकी है लेकिन भुगतान नहीं होने से बिजली विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन के कारण उपभोक्ताओं के सारे काम-काज ठप पड़े हुए हैं. जिसके कारण वे बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में बिजली विभाग को लगातार काफी राजस्व की क्षति हो रही है और अब बिजली विभाग जिलेवासियों को सेवा देने में असमर्थता जाहिर कर रहा है. बातचीत के दौरान एक्सक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि आने वाले समय में जिलेवासियों को इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो सकते हैं.