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रबी फसल की बुवाई शुरू, साहिबगंज में DAP खाद की किल्लत से किसान परेशान

साहिबगंज में किसान रबी फसल की तैयारी में जुट गए हैं. खेतों में बुवाई शुरू हो गई है. लेकिन जिले में डीएपी खाद की किल्लत से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. बुवाई के समय डीएपी खाद खेतों में छिड़कना जरूरी होता है, नहीं तो पौधों का ग्रोथ नहीं हो सकता है. वहीं कुछ जगहों पर खाद विक्रेता कालाबाजारी कर अधिक पैसे लेकर किसानों को खाद दे रहे हैं. जिसका असर किसानों की जेब पर पड़ रहा है.

Rabi crop sowing begins
रबी फसल की बुवाई शुरू
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Published : Nov 25, 2021, 3:45 PM IST

साहिबगंज: गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही किसान अपने खेतों में बुवाई और जुताई में जुट गए हैं. गंगा किनारे सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर रबी फसल की बुवाई शुरू हो गई है. किसान किसी तरह खेती के लिए बीज, यूरिया, डीएपी और खेतों की जुताई के लिए पैसे की व्यवस्था कर खेती की तैयारी में हैं. लेम्स में किसानों के लिए फिलहाल गेहूं और यूरिया उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण किसानों को दुकानों से बीज और खाद खरीदना पड़ रहा है. खुदरा खाद विक्रेता किसानों से अवसर का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं. जिससे किसान परेशान हैं.

इसे भी पढ़ें: रंग लाई दंपती किसान की मेहनत, गेंदा फूल से आने लगी मुनाफे की खुशबू

किसानों को बाजारों में डीएपी खाद भी नहीं मिल रहा है. बाताया जा रहा है कि भारत में ही डीएपी की किल्लत है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. यदि बुवाई के समय डीएपी खाद खेत में नहीं दिया गया तो पौधे का ग्रोथ रुक जाएगा. पौधा कमजोर होकर समय से पहले सूख सकता है.

देखें पूरी खबर

खादों के दामों में इजाफा


किसानों का कहना है कि देश में महंगाई से किसान परेशान हैं. लेकिन हमारा दर्द कोई समझने वाला नहीं है. पिछले साल की अपेझा इस साल खेती करने में अधिक पैसे लग रहे हैं. गेहूं के दाम में भी उछाल. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले साल यूरिया 350 रुपया में मिलता था. लेकिन इस बार 450 रुपये में बीक रहा है. ईफको यूरिया 294 की बढकर 350 रुपये में मिल रहा है. डीएपी 1300 से बढकर 1450 रुपये (50 किलो) हो गया है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. किसानों ने बताया कि अभी खेतों में नमी है. इस वजह से जल्द बुवाई करने में फायदा है, नहीं तो सिंचाई कर खेती करना किसानों को भारी महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दुकानदार कालाबाजारी कर खाद के दाम बढाकर किसानों से ले रहे हैं. इसपर लगाम लगान बेहद जरूरी है.


डीएपी खाद का स्टॉक खत्म


वहीं खाद विक्रेता ने कहा कि डीएपी खाद को छोड़ सभी चीज किसान के लिए प्रयाप्त मात्रा में है. स्टॉक में कमी नहीं आएगी. झारखंड में डीएपी का आयात नहीं हो रहा है. जिससे परेशानी बढ़ गई है. लेकिन दो दिन के बाद देवघर में ईफको डीएपी का रैक आने की उम्मीद है. उसके बाद ही खाद की किल्लत खत्म हो जाएगी. जब खाद विक्रेता से पूछा गया कि पारस डीएपी के दाम किसानों से बढ़ाकर ले रहे हैं, तो उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि यह आरोप गलत है.

इसे भी पढ़ें: दियारा में कलाई की जंग का खौफ, किसानों को डर फिर कोई न लूट ले फसल


क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी पारस नाथ उरांव ने कहा कि खादों के दाम अधिक लेने का मामला संज्ञान में आया है. इस पर जल्द कर्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. किसान बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाकर खेती करते हैं.

साहिबगंज: गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही किसान अपने खेतों में बुवाई और जुताई में जुट गए हैं. गंगा किनारे सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर रबी फसल की बुवाई शुरू हो गई है. किसान किसी तरह खेती के लिए बीज, यूरिया, डीएपी और खेतों की जुताई के लिए पैसे की व्यवस्था कर खेती की तैयारी में हैं. लेम्स में किसानों के लिए फिलहाल गेहूं और यूरिया उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण किसानों को दुकानों से बीज और खाद खरीदना पड़ रहा है. खुदरा खाद विक्रेता किसानों से अवसर का फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड रहे हैं. जिससे किसान परेशान हैं.

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किसानों को बाजारों में डीएपी खाद भी नहीं मिल रहा है. बाताया जा रहा है कि भारत में ही डीएपी की किल्लत है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. यदि बुवाई के समय डीएपी खाद खेत में नहीं दिया गया तो पौधे का ग्रोथ रुक जाएगा. पौधा कमजोर होकर समय से पहले सूख सकता है.

देखें पूरी खबर

खादों के दामों में इजाफा


किसानों का कहना है कि देश में महंगाई से किसान परेशान हैं. लेकिन हमारा दर्द कोई समझने वाला नहीं है. पिछले साल की अपेझा इस साल खेती करने में अधिक पैसे लग रहे हैं. गेहूं के दाम में भी उछाल. वहीं उन्होंने बताया कि पिछले साल यूरिया 350 रुपया में मिलता था. लेकिन इस बार 450 रुपये में बीक रहा है. ईफको यूरिया 294 की बढकर 350 रुपये में मिल रहा है. डीएपी 1300 से बढकर 1450 रुपये (50 किलो) हो गया है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. किसानों ने बताया कि अभी खेतों में नमी है. इस वजह से जल्द बुवाई करने में फायदा है, नहीं तो सिंचाई कर खेती करना किसानों को भारी महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दुकानदार कालाबाजारी कर खाद के दाम बढाकर किसानों से ले रहे हैं. इसपर लगाम लगान बेहद जरूरी है.


डीएपी खाद का स्टॉक खत्म


वहीं खाद विक्रेता ने कहा कि डीएपी खाद को छोड़ सभी चीज किसान के लिए प्रयाप्त मात्रा में है. स्टॉक में कमी नहीं आएगी. झारखंड में डीएपी का आयात नहीं हो रहा है. जिससे परेशानी बढ़ गई है. लेकिन दो दिन के बाद देवघर में ईफको डीएपी का रैक आने की उम्मीद है. उसके बाद ही खाद की किल्लत खत्म हो जाएगी. जब खाद विक्रेता से पूछा गया कि पारस डीएपी के दाम किसानों से बढ़ाकर ले रहे हैं, तो उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि यह आरोप गलत है.

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क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी पारस नाथ उरांव ने कहा कि खादों के दाम अधिक लेने का मामला संज्ञान में आया है. इस पर जल्द कर्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. किसान बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाकर खेती करते हैं.

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