साहिबगंजः केंद्र सरकार ने एक बार फिर एनआरसी का मामला उठाकर गर्म कर दिया है. इस मामाले को बीजेपी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के शुरुआती दौर में उठाया था. एनआरसी मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. किसी ने मामले को चुनावी स्टंट बताया तो किसी ने बहुमत पाने के लिए जातियों के बीच भेदभाव कर चुनाव जीतने का फार्मूला बताया.
विपक्ष का कहना है कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार एनआरसी लागू कर देती है तो इसका सीधा असर संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ में देखने को मिलेगा. आकंड़ों को देखा जाए तो, राजमहल विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग 2,96,450 हैं. वहीं, घुसपैठियों की बात की जाए तो, इन मतदाताओं में लगभग 50 हजार से अधिक घुसपैठी होंगे. ये बांग्लादेशी घुसपैठी किसी तरह जिले में नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं. इनकी भाषा साहिबगंज के मुसलमानों से बिल्कुल हटकर है.
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा नहीं लागू होने देंगे एनआरसी
वहीं, साहिबगंज दौरे पर आए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजमहल में एनआरसी की पाठशाला नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार आएगी तो, मदरसा और अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पाठशाला उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आजसू की सरकार किसी भी हालत में जिले में एनआरसी लागू नहीं होने देगी.
वोट बैंक की राजनीति करती है बीजेपी
जेएमएम के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा ने कहा कि समझ में नहीं आता है बीजेपी सरकार चुनाव के समय ही एनआरसी के मामला क्यों उठाती है. अपने 5 साल में या उसके पहले भी इसको क्यों नहीं सख्ती से पालन होता है. चुनाव के समय एनआरसी का मामला उठाने का साफ मतलब है कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति कर रही है. बीजेपी शुरू से हिंदू मुस्लिम धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट लेने का काम कर रही है. इस बार जनता समझ चुकी है और आने वाले 20 दिसंबर के मतदान के दिन इनको सबक सीखाएगी.
चुनाव में बीजेपी को मिलेगा सबक
माकपा और शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के बयान में कहा गया है कि एनआरसी सभी जाति पर लागू होगी. यह अच्छी बात है, लेकिन एनआरसी का मामला सिर्फ चुनाव के समय ही गरमाया जाता है ताकि यह लगे कि हिंदू अलग और मुस्लिम अलग. सरकार मुस्लिम को यहां से भगाने का प्लान कर रही है. यह सत्य है कि साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, लेकिन किसी को वेशभूषा और भाषा के आधार पर चिन्हित कर भगा नहीं सकते हैं. केंद्र सरकार ने चुनाव के समय एनआरसी के मामला को उठाना गलत है. इस जिले के मुस्लिम समुदाय डरे हुए हैं और बीजेपी पूरे रूप से इस मामले पर राजनीति कर रही है. इस बार विधानसभा चुनाव में यहां की जनता सबक जरूर सिखाएगी.
भारत नहीं रहे घर्मशाला
राजमहल विधायक सह बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि एनआरसी हमारा कोई मुद्दा नहीं है. हम एनआरसी लागू कर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करना चाहते हैं. क्योंकि साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठी से जिले का विकास रुक गया है. गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस मामले पर गंभीरता से सोचा है. यदि एनआरसी लागू होता है तो साहिबगंज जिले से बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर खदेड़ने का काम किया जाएगा. विपक्षी पार्टी कभी नहीं चाहती है कि इस जिला से बरसों से बस रहे मुसलमानों की तरक्की हो. इन बांग्लादेशी घुसपैठिए से यहां के स्थानीय मुस्लिम भाई का भी विकास रुक गया है.