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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: NRC के मुद्दे ने पकड़ी आग, विपक्षियों का बीजेपी पर वार

राजमहल, उधवा, राधानगर क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठिए अधिक संख्या में बस चुके हैं. जिसके चलते बीजेपी ने इस एनआरसी मामले को चुनावी मुद्दा बना दिया है. इसी चुनावी मुद्दे को लेकर विपक्षी बीजेपी को घेरने में तुल गए हैं. विपक्षियों का कहना है कि बीजेपी सिर्फ चुनाव के दौरान ही यह मुद्दा क्यों उठाती है, इससे साफ समझ में आता है कि बीजेपी हिंदुवाद और वोट बैंक की राजनीति कर रही है.

Jharkhand assembly election 2019
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019
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Published : Dec 3, 2019, 1:33 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 1:45 PM IST

साहिबगंजः केंद्र सरकार ने एक बार फिर एनआरसी का मामला उठाकर गर्म कर दिया है. इस मामाले को बीजेपी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के शुरुआती दौर में उठाया था. एनआरसी मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. किसी ने मामले को चुनावी स्टंट बताया तो किसी ने बहुमत पाने के लिए जातियों के बीच भेदभाव कर चुनाव जीतने का फार्मूला बताया.

देखें पूरी खबर


विपक्ष का कहना है कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार एनआरसी लागू कर देती है तो इसका सीधा असर संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ में देखने को मिलेगा. आकंड़ों को देखा जाए तो, राजमहल विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग 2,96,450 हैं. वहीं, घुसपैठियों की बात की जाए तो, इन मतदाताओं में लगभग 50 हजार से अधिक घुसपैठी होंगे. ये बांग्लादेशी घुसपैठी किसी तरह जिले में नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं. इनकी भाषा साहिबगंज के मुसलमानों से बिल्कुल हटकर है.


आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा नहीं लागू होने देंगे एनआरसी
वहीं, साहिबगंज दौरे पर आए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजमहल में एनआरसी की पाठशाला नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार आएगी तो, मदरसा और अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पाठशाला उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आजसू की सरकार किसी भी हालत में जिले में एनआरसी लागू नहीं होने देगी.


वोट बैंक की राजनीति करती है बीजेपी
जेएमएम के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा ने कहा कि समझ में नहीं आता है बीजेपी सरकार चुनाव के समय ही एनआरसी के मामला क्यों उठाती है. अपने 5 साल में या उसके पहले भी इसको क्यों नहीं सख्ती से पालन होता है. चुनाव के समय एनआरसी का मामला उठाने का साफ मतलब है कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति कर रही है. बीजेपी शुरू से हिंदू मुस्लिम धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट लेने का काम कर रही है. इस बार जनता समझ चुकी है और आने वाले 20 दिसंबर के मतदान के दिन इनको सबक सीखाएगी.

चुनाव में बीजेपी को मिलेगा सबक
माकपा और शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के बयान में कहा गया है कि एनआरसी सभी जाति पर लागू होगी. यह अच्छी बात है, लेकिन एनआरसी का मामला सिर्फ चुनाव के समय ही गरमाया जाता है ताकि यह लगे कि हिंदू अलग और मुस्लिम अलग. सरकार मुस्लिम को यहां से भगाने का प्लान कर रही है. यह सत्य है कि साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, लेकिन किसी को वेशभूषा और भाषा के आधार पर चिन्हित कर भगा नहीं सकते हैं. केंद्र सरकार ने चुनाव के समय एनआरसी के मामला को उठाना गलत है. इस जिले के मुस्लिम समुदाय डरे हुए हैं और बीजेपी पूरे रूप से इस मामले पर राजनीति कर रही है. इस बार विधानसभा चुनाव में यहां की जनता सबक जरूर सिखाएगी.

भारत नहीं रहे घर्मशाला
राजमहल विधायक सह बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि एनआरसी हमारा कोई मुद्दा नहीं है. हम एनआरसी लागू कर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करना चाहते हैं. क्योंकि साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठी से जिले का विकास रुक गया है. गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस मामले पर गंभीरता से सोचा है. यदि एनआरसी लागू होता है तो साहिबगंज जिले से बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर खदेड़ने का काम किया जाएगा. विपक्षी पार्टी कभी नहीं चाहती है कि इस जिला से बरसों से बस रहे मुसलमानों की तरक्की हो. इन बांग्लादेशी घुसपैठिए से यहां के स्थानीय मुस्लिम भाई का भी विकास रुक गया है.

साहिबगंजः केंद्र सरकार ने एक बार फिर एनआरसी का मामला उठाकर गर्म कर दिया है. इस मामाले को बीजेपी ने झारखंड विधानसभा चुनाव के शुरुआती दौर में उठाया था. एनआरसी मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. किसी ने मामले को चुनावी स्टंट बताया तो किसी ने बहुमत पाने के लिए जातियों के बीच भेदभाव कर चुनाव जीतने का फार्मूला बताया.

देखें पूरी खबर


विपक्ष का कहना है कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार एनआरसी लागू कर देती है तो इसका सीधा असर संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ में देखने को मिलेगा. आकंड़ों को देखा जाए तो, राजमहल विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग 2,96,450 हैं. वहीं, घुसपैठियों की बात की जाए तो, इन मतदाताओं में लगभग 50 हजार से अधिक घुसपैठी होंगे. ये बांग्लादेशी घुसपैठी किसी तरह जिले में नागरिकता प्राप्त कर चुके हैं. इनकी भाषा साहिबगंज के मुसलमानों से बिल्कुल हटकर है.


आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा नहीं लागू होने देंगे एनआरसी
वहीं, साहिबगंज दौरे पर आए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजमहल में एनआरसी की पाठशाला नहीं चलने देंगे. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार आएगी तो, मदरसा और अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पाठशाला उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आजसू की सरकार किसी भी हालत में जिले में एनआरसी लागू नहीं होने देगी.


वोट बैंक की राजनीति करती है बीजेपी
जेएमएम के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा ने कहा कि समझ में नहीं आता है बीजेपी सरकार चुनाव के समय ही एनआरसी के मामला क्यों उठाती है. अपने 5 साल में या उसके पहले भी इसको क्यों नहीं सख्ती से पालन होता है. चुनाव के समय एनआरसी का मामला उठाने का साफ मतलब है कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति कर रही है. बीजेपी शुरू से हिंदू मुस्लिम धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट लेने का काम कर रही है. इस बार जनता समझ चुकी है और आने वाले 20 दिसंबर के मतदान के दिन इनको सबक सीखाएगी.

चुनाव में बीजेपी को मिलेगा सबक
माकपा और शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के बयान में कहा गया है कि एनआरसी सभी जाति पर लागू होगी. यह अच्छी बात है, लेकिन एनआरसी का मामला सिर्फ चुनाव के समय ही गरमाया जाता है ताकि यह लगे कि हिंदू अलग और मुस्लिम अलग. सरकार मुस्लिम को यहां से भगाने का प्लान कर रही है. यह सत्य है कि साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, लेकिन किसी को वेशभूषा और भाषा के आधार पर चिन्हित कर भगा नहीं सकते हैं. केंद्र सरकार ने चुनाव के समय एनआरसी के मामला को उठाना गलत है. इस जिले के मुस्लिम समुदाय डरे हुए हैं और बीजेपी पूरे रूप से इस मामले पर राजनीति कर रही है. इस बार विधानसभा चुनाव में यहां की जनता सबक जरूर सिखाएगी.

भारत नहीं रहे घर्मशाला
राजमहल विधायक सह बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि एनआरसी हमारा कोई मुद्दा नहीं है. हम एनआरसी लागू कर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करना चाहते हैं. क्योंकि साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठी से जिले का विकास रुक गया है. गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस मामले पर गंभीरता से सोचा है. यदि एनआरसी लागू होता है तो साहिबगंज जिले से बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर खदेड़ने का काम किया जाएगा. विपक्षी पार्टी कभी नहीं चाहती है कि इस जिला से बरसों से बस रहे मुसलमानों की तरक्की हो. इन बांग्लादेशी घुसपैठिए से यहां के स्थानीय मुस्लिम भाई का भी विकास रुक गया है.

Intro:भाजपा के एनआरसी मामले में चुनावी सरगर्मी को किया तेज। सभी राजनीतिक पार्टियां ने भाजपा का चुनावी स्टंट करार दिया।
भाजपा चुनाव में मंदिर,मस्जिद और धर्म के नाम पर चुनाव लड़ना चाहती है।
साहिबगंज जिला में बांग्लादेशी घुसपैठी गंगा पार कर और रेलवे ट्रेन के माध्यम से जिला में घुसकर अपने सगे संबंधी के पास आ जाते हैं और धीरे-धीरे बसना चालू कर देते हैं।।
गंगा के माध्यम नाव और फेरी सेवा के माध्यम से साहिबगंज में प्रवेश कर जाते है। राजमहल, उधवा, राधानगर क्षेत्रों में बांग्लादेशी घुसपैठिए अधिक संख्या में बस चुका है इनकी भाषा रहन-सहन वेशभूषा बिल्कुल अलग दिखता है।


Body:भाजपा के एनआरसी मामले में चुनावी सरगर्मी को किया तेज। सभी राजनीतिक पार्टियां ने भाजपा का चुनावी स्टंट करार दिया।
भाजपा चुनाव में मंदिर,मस्जिद और धर्म के नाम पर चुनाव लड़ना चाहती है।
स्टोरी-साहिबगंज-- केंद्र सरकार द्वारा एक बार फिर एनआरसी का मामला उठाकर मामला को गर्म कर दिया है भाजपा सरकार द्वारा उस समय एनआरसी का मामला उठाया जब झारखंड में अभी विधानसभा चुनाव होने जा रहा है ।इस एनआरसी से भाजपा सरकार पर विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में घेरने का काम किया है ।किसी ने चुनावी स्टंट करार दिया तो किसी ने विधानसभा चुनाव में फूल बहुमत पाने के लिए हिंदू मुस्लिम के बीच भेदभाव डालकर चुनाव जीतने का फार्मूला बताया।
यदि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा एनआरसी लागू होता है तो इसका जबरदस्त असर संथाल परगना के साहिबगंज और पाकुड़ जिला में देखने को मिल सकता है क्योंकि साहिबगंज के राजमहल,उधवा प्रखंड और राधा नगर सहित क्षेत्रों में लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुसलमान और चाय जाति के मुस्लिम घुसपैठी पर असर दिख सकता है।
आंकड़े की बात करें तो राजमहल विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता लगभग 2,96,450 है यदि घुसपैठ ई की बात की जाए तो इन मतदाता में लगभग 50 हजार से अधिक घुसपैठी होंगे। किसी तरह जिला का नागरिकता प्राप्त कर चुका है राजस्व कर्मचारी या मुखिया के सहयोग से या किसी लालच का प्रलोभन देकर राशन कार्ड ,आधार कार्ड, पैन कार्ड ,साथी ही जमीन का पेपर तैयार कर चुका है इनकी भाषा साहिबगंज के मुसलमानों से बिल्कुल हटकर है। इनकी भाषा बांग्लादेश के भाषा से हूबहू मिलता है।
साहिबगंज दौरे पर आए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजमहल में एनआरसी का पाठशाला नहीं चलने देंगे यहां पर चलेगा मदरसा और अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का पाठशाला हमारी सरकार बनी तो एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे।
बाइट-- सुदेश महतो-- आजसू सुप्रीमो
झामुमो के केंद्रीय सचिव ने कहा कि समझ में नहीं आता है भाजपा सरकार चुनाव के समय ही एनआरसी के मामला क्यों उठाती है अपने 5 साल में या उसके पहले भी इसको क्यों नहीं सख्ती से पालन करता है। चुनाव के समय एनआरसी का मामला उठाने का साफ मतलब है कि भाजपा वोट बैंक की राजनीति कर रही है भाजपा शुरू से हिंदू मुस्लिम धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट लेने का काम कर रही है। इस बार जनता समझ चुकी है आने वाले 20 दिसंबर के मतदान के दिन इनको सबक सीखायेगी।
बाइट-- पंकज मिश्रा,जेएमएम केंद्रीय सचिव
माकपा और शिवसेना नेता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया ब्यान की एनआरसी सभी जाति पर लागू होगा यह अच्छी बात है लेकिन एनआरसी सिर्फ चुनाव के समय ही मामला को गरमाया जाता है ताकि यह लगे कि हिंदू अलग और मुस्लिम अलग। सरकार मुस्लिम को यहां से भगाने का प्लान कर रही है। यह सत्य है कि साहिबगंज में बांग्लादेशी घुसपैठिए है लेकिन किसी को वेशभूषा और भाषा के आधार पर चिन्हित कर भगा नहीं सकते हैं ।केंद्र सरकार के द्वारा चुनाव का समय एनआरसी के मामला उठाना इस जिला का मुस्लिम समुदाय डरे हुए है और भाजपा शुद्ध रूप से इस मामले पर राजनीति कर रही है इस बार विधानसभा चुनाव में यहां की जनता सबक जरूर सिखाएगी।
बाइट-- श्याम सुंदर पोदार,माकपा नेता-1
बाइट-- मुरली तिवारी,शिवसेना नेता,--2
राजमहल विधायक सह भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि एनआरसी हमारा कोई मुद्दा नहीं है हम एनआरसी लागू कर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करना चाहते हैं क्योंकि साहिबगंज जिले में बांग्लादेशी घुसपैठी से जिला का विकास रुक गया है गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस मामले पर गंभीरता से सोचा है यदि एनआरसी लागू होता है तो साहिबगंज जिला से बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर खदेड़ने का काम किया जाएगा।
विपक्षी पार्टी के सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी वोट बैंक की राजनीति शुद्ध रूप से कर रही है क्योंकि इन्हीं लोगों के वोट से अपने राजनीति सीखने का काम कर रहे हैं विपक्षी पार्टी कभी नहीं चाहती है कि इस जिला से बरसो बरसो से बस रहे मुसलमानों भाई को तरक्की हो इन बांग्लादेशी घुसपैठिए से यहां के स्थानीय मुस्लिम भाई का भी विकास रुक गया है।
बाइट-- अनंत ओझा, राजमहल विधायक सह भाजपा प्रत्याशी


Conclusion:
Last Updated : Dec 3, 2019, 1:45 PM IST
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