साहिबगंजः बरहेट विधानसभा क्षेत्र जेएमएम का गढ़ रहा है. इस सीट पर लगातार चार दशक से जेएमएम का कब्जा रहा है. इस पर बीजेपी आज नहीं जीत सकी है. इसबार झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी का दावा है कि बरहेट विधानसभा सीट पर कमल जरुर खिलेगा. जेएमएम प्रत्याशी हेमंत सोरेन भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं.
साहिबगंज के बरहेट विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा रहा है. आज तक इस विधानसभा सीट पर बीजेपी का कमल नहीं खिल पाया पाया है. बरहेट विधानसभा आदिवासी बहुल क्षेत्र है. इस विधानसभा सीट पर प्रत्याशी को देखकर नहीं, बल्कि चुनाव चिन्ह तीर धनुष को देखकर जनता वोट देती है. क्योंकि आदिवासियों की परंपरागत हथियार तीर-धनुष को यहां के लोग देवता के स्वरूप में पूजते हैं. यही वजह है कि 1990 से लगातार 2014 तक इस बरहेट विधानसभा सीट पर जेएमएम का कब्जा रहा है.
जेएमएम का रहा है दबदबा
बरहेट विधानसभा सीट की बात करें तो 1957 में यह अस्तित्व में आया था. 1990 से पहले विभिन्न क्षेत्रीय पार्टियों का इस सीट पर कब्जा रहा है, लेकिन 1990 के बाद 2014 तक जेएमएम लगातार इस सीट पर जीत हासिल करता आ रहा है. बीजेपी इस सीट पर लगातार प्रयास करती आ रही है, बावजूद यहां अपना खाता नहीं खोल सकी है. इस बार फिर हेमंत सोरेन इस सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, तो वहीं बीजेपी के प्रत्याशी साइमन माल्टो भी जीत को लेकर आश्वस्त हैं.
2 दिसंबर हेमंत करेंगे नामांकन
जेएमएम के केंद्रीय सचिव का कहना है कि बरहेट विधानसभा सिद्धू-कान्हू की पवित्र धरती रही है और शुरू से लेकर आज तक जेएमएम का कब्जा रहा है. लगातार इस सीट से जेएमएम की जीत हो रही है और इस बार रिकॉर्ड मत से हेमंत सोरेन की फिर से जीत होगी. इनका कहना है कि इस सीट से बीजेपी की कभी जीत नहीं हुई है, और न कभी जीत होगी. जबकि बीजेपी की इस बार जमानत जब्त हो जाएगी. बताया कि हेमंत सोरेन 2 दिसंबर को बरहेट विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करेंगे.
हेमंत ने 5 साल में नहीं किया कोई विकास- बीजेपी
वहीं, बीजेपी जिला अध्यक्ष का दावा है कि इस बार बरहेट विधानसभा बीजेपी मय हो चुकी है. इस बार इस विधानसभा की जनता बदलाव देखना चाह रही हैं, क्योंकि हेमंत सोरेन से जनता नाखुश है. हेमंत सोरेन ने बरहेट में अपने 5 साल के कार्यकाल में कुछ भी काम नहीं किया है. इसलिए जनता इस बार बीजेपी को जीत हासिल कराएगी और बीजेपी प्रत्याशी साइमन मालटो बरहेट विधानसभा से रिकॉर्ड मत से जीतेंगे.
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तीर-धनुष आदिवासियों का भगवान
बहरहाल, बरहेट विधानसभा सीट बीजेपी के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि बीजेपी का आज तक इस सीट से खाता नहीं खुल पाया है, वजह यह भी है कि आदिवासी कमल को नहीं बल्कि तीर-धनुष को देवता स्वरूप मान कर वोट देती है. आदिवासियों का मानना है कि तीर धनुष हमारा भगवान है, हम इससे गद्दारी नहीं कर सकते हैं.