ETV Bharat / state

जिस जेल का सुपरिटेंडेंट होने पर लेते थे सलामी, अब कैदी बनकर मुश्किल से गुजर रही रात - आईएएस अधिकारी अनिल कुमार

साहिबगंज जेल में बंद आईएएस अधिकारी अनिल कुमार की रात बड़ी बेचैनी से कटी. जेल में उन्हें ठीक से नींद नहीं आ रही है. बता दें कि इसी जेल के सुपरिटेंडेट रह चुके हैं अनिल कुमार

IAS officer Anil Kumar imprisoned in Sahibganj jail
IAS officer Anil Kumar imprisoned in Sahibganj jail
author img

By

Published : May 18, 2023, 11:36 AM IST

साहिबगंज: मंडल कारा में बंद आईएएस अनिल कुमार वर्ष नवंबर 2009 से अक्टूबर 2010 तक जेल सुपरिटेंडेंट हुआ करते थे. इनका शासन कैदियों पर चला करता था. आज समय का रुख ऐसा हुआ कि जिसे जेल के लोग कैदी या अन्य कर्मी सलामी देते थे आज वो जेल में कैदी बनकर पहुंचे हैं. अनिल कुमार तीन साल तक साहिबगंज कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. इस पद पर रहते कई पद पर प्रभार पर थे. जिसमें जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पंचायती पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सहित अन्य पदों पर प्रभार में रहकर काम कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः Sahibganj News: झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी अनिल कुमार गए जेल, जानें क्या है मामला

जेल में बंद आईएएस अनिल कुमार की रात बड़ी मुश्किल से कट रही है. रात को देर रात होने पर सोने की कोशिश करते है. जेल प्रबंधक के द्वारा खाना दिया जाता है तो खाना आधा अधूरा खाकर छोड़ देते हैं. अनिल कुमार ने डायबिटीज और इंसुलिन बढ़ने की शिकायत की है. भोजन में चावल और आलू नहीं देने की जेल अधीक्षक से गुजारिश की है. संभवत: आज डॉक्टर से हेल्थ चेकअप कराया जाएगा. परहेज के तौर पर भोजन में क्या क्या चाहिए. जेल प्रशासन को डॉक्टर के द्वारा रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

गौरतलब है कि पिछले साल अनिल कुमार का प्रमोशन आईएएस के रुप में हुआ था. पलामू में बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षक नियुक्ति मामले में पंजी गायब करने का मामला प्रकाश में आया था. तत्कालीन डीसी ने क्लर्क दिलीप पांडे की नियुक्ति संबंधी मामले में जांच तत्कालीन डीएसओ अनिल कुमार को दिया गया था. एक व्यक्ति ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी तो फाइल डीईओ कार्यालय तक नहीं पहुंचा था. मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंचा.

तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने तत्कालीन डीईओ सुशील कुमार राय और दिलीप पांडे समेत पांच लोगों पर केस दर्ज कराया. पुलिस के अनुसंधान में डीएसओ अनिल कुमार का केस में नाम जोड़ा गाय. इसके बाद साहिबगंज न्यायालय ने गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया था. दो बार साहिबगंज जिरवाबाड़ी पुलिस पलामू गई लेकिन आईएएस नहीं मिले. पिछले साल नवंबर माह से फरार चल रहे थे. गिरफ्तारी को रोकवाने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लिया गया. हाईकोर्ट ने अपील को खारिज कर दी. अंत में मंगलवार को साहिबगंज व्यवहार न्यायालय कोर्ट में हाजिर हुए जहां कोर्ट में हाजिर होने के बाद कोविड जांच कराने के बाद साहिबगंज मंडला कारा भेज दिया गया.

साहिबगंज: मंडल कारा में बंद आईएएस अनिल कुमार वर्ष नवंबर 2009 से अक्टूबर 2010 तक जेल सुपरिटेंडेंट हुआ करते थे. इनका शासन कैदियों पर चला करता था. आज समय का रुख ऐसा हुआ कि जिसे जेल के लोग कैदी या अन्य कर्मी सलामी देते थे आज वो जेल में कैदी बनकर पहुंचे हैं. अनिल कुमार तीन साल तक साहिबगंज कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. इस पद पर रहते कई पद पर प्रभार पर थे. जिसमें जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पंचायती पदाधिकारी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सहित अन्य पदों पर प्रभार में रहकर काम कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः Sahibganj News: झारखंड के एक और आईएएस अधिकारी अनिल कुमार गए जेल, जानें क्या है मामला

जेल में बंद आईएएस अनिल कुमार की रात बड़ी मुश्किल से कट रही है. रात को देर रात होने पर सोने की कोशिश करते है. जेल प्रबंधक के द्वारा खाना दिया जाता है तो खाना आधा अधूरा खाकर छोड़ देते हैं. अनिल कुमार ने डायबिटीज और इंसुलिन बढ़ने की शिकायत की है. भोजन में चावल और आलू नहीं देने की जेल अधीक्षक से गुजारिश की है. संभवत: आज डॉक्टर से हेल्थ चेकअप कराया जाएगा. परहेज के तौर पर भोजन में क्या क्या चाहिए. जेल प्रशासन को डॉक्टर के द्वारा रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

गौरतलब है कि पिछले साल अनिल कुमार का प्रमोशन आईएएस के रुप में हुआ था. पलामू में बंदोबस्त पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे. अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षक नियुक्ति मामले में पंजी गायब करने का मामला प्रकाश में आया था. तत्कालीन डीसी ने क्लर्क दिलीप पांडे की नियुक्ति संबंधी मामले में जांच तत्कालीन डीएसओ अनिल कुमार को दिया गया था. एक व्यक्ति ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी तो फाइल डीईओ कार्यालय तक नहीं पहुंचा था. मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंचा.

तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने तत्कालीन डीईओ सुशील कुमार राय और दिलीप पांडे समेत पांच लोगों पर केस दर्ज कराया. पुलिस के अनुसंधान में डीएसओ अनिल कुमार का केस में नाम जोड़ा गाय. इसके बाद साहिबगंज न्यायालय ने गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया था. दो बार साहिबगंज जिरवाबाड़ी पुलिस पलामू गई लेकिन आईएएस नहीं मिले. पिछले साल नवंबर माह से फरार चल रहे थे. गिरफ्तारी को रोकवाने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लिया गया. हाईकोर्ट ने अपील को खारिज कर दी. अंत में मंगलवार को साहिबगंज व्यवहार न्यायालय कोर्ट में हाजिर हुए जहां कोर्ट में हाजिर होने के बाद कोविड जांच कराने के बाद साहिबगंज मंडला कारा भेज दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.