साहिबगंज: जिला में जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र के प्रेम नगर गांव में दिलीप मंडल के घर में सुबह-सुबह आग लग गई. आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि पूरे घर का सामान जल कर खाक हो गया. सूचना पर मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया. इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ है.
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पुआल से लगी आगः इस अगलगी की घटना को लेकर बताया जा रहा है कि दिलीप मंडल के घर की छत पर रखी पुआल में आग पकड़ ली. आग की चिंगारी दूसरे के घरों तक भी फैलने लगी. इसी चिंगारी से पड़ोसी के घर में आग भी पकड़ ली और देखते ही देखते दोनों घर की आग की जद में आ गए. इस भीषण आग में दोनों घर जल कर खाक हो गया. इस घटना के बाद दोनों के घरों के लोगों में चीख-पुकार मच गयी.
इसके बाद आनन-फानन में घर के लोग अपने मकान से कीमती सामान निकालने लगे. जिसमें उनके द्वारा रखे गए अनाज, पहनने के कपड़े, बक्से, कैश पैसा और जेवर को आग से बचाने की कोशिश की गयी. लेकिन इस आग में कई सामान जल कर खाक हो गए. गनीमत रही कि आग देखकर लोग तुरंत अपने घरों से बाहर आ गए और शोर मचाने लगे, इस वजह से अगलगी की इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ.
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंकाः लोगों द्वारा इस घटना की सूचना अग्निशमन विभाग को दी गयी. जिसके बाद घटनास्थल पर पहुंची दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग बुझाने में ग्रामीणों ने भी फायर फाइटर्स के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम किया. दमकर्मी ने बताया कि आग की सूचना पर वो तत्काल मौके पर पहुंच गए पर यहां अंदर आने के लिए संकरा रास्ता होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी हुई. उन्होंने बताया कि आग कैसे लगी है अभी तक इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पायी है. लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि घर में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी. वहीं जिरवाबाड़ी थाना की पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गयी है.
पहले भी हो चुकी है कई घटनाएंः साहिबगंज में आग लगने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. कृषि प्रधान क्षेत्र राजमहल के उधवा और प्राणपुर दियारा में अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. घरों में जमा पुआल और फसल के साथ साथ सर्दियों में अलाव से भी आग लगने की मुख्य वजह है. वहीं पिछले साल जिला के निजी नर्सिंग होम और बैंक में भी आग लगी थी. जिला में कई ऐसे अस्पताल और क्लीनिक हैं जो बिना फायर सेफ्टी एनओसी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. धनबाद की घटना से सबक लेते हुए जिला प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में कारगर कदम उठाते हुए पहल करें ताकि ऐसे किसी बड़े हादसे से निपटा सके.