साहिबगंजः वर्ष 2019 का बाढ़ के समय साहिबगंज के रामपुर दियरा का लगभग 50 घर गंगा के तेज धार में बह गया. इनकी जमीन पूरी तरह से गंगा की गोद में समा गया है. जब कोई रास्ता नहीं मिला तो अपने परिवार और मवेशी को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे. यह गंगा कटाव पीड़ित परिवार वृद्धा आश्रम के पास पहाड़ की तलहटी में खुले आसमान नीचे अपने परिवार के साथ दिन गुजार रहे हैं. जब तक सब सामान्य था तो मजदूरी करके दिन कट जाते थे. लेकिन लॉकडाउन के दौरान इन्होंने राशन के लिए अपने मनेशी बेच दिए. शासन-प्रशासन की अनदेखी की वजह से आज ये कटाव प्रभावित परिवार आर्थिक तंगी के साथ बदहाली के दौर से गुजर रहा है. प्रशासन से कई बार मदद की गुहार लगाई गई लेकिन उनकी मदद के लिए कोई नुमाइंदा या प्रतिनिधि नहीं आया.
मामला संज्ञान में आने के बाद जिला अपर समाहर्ता अनुज कुमार प्रसाद ने प्रभावितों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए नाव की व्यवस्था कराई गई है. उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. राहत शिविर के लिए कई स्थानों चिह्नित किया गया है ताकि उन. लोगों के ठहरने की समुचित व्यवस्था की जा सके.
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कटाव प्रभावितों ने शासन-प्रशासन से उम्मीद करते-करते एक साल गुजार दिए. अब बारिश फिर से सिर पर है और साहिबगंज में गंगा अभी-भी उफान पर है और लगातार बारिश से गंगा धीरे-धीरे खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही है. 50 गंगा कटाव प्रभावितों को अब तक राहत नहीं मिली है और अब बाढ़ और कटाव से पूरा रामपुर दियारा दहशत में है. ऐसे में शासन-प्रशासन कब तक अपनी आंखें मूंद कर रखेंगे.