साहिबगंज: जिला में दो दिन से लगातार हो रही बारिश से खेत में पड़े धान के सड़ने की संभावना बढ़ गई है. वैसे अधिकांश किसान धान को काटकर खलियान में रख दिया है. खलियान वाला धान से पानी निकल आसानी से निकल जाएगा लेकिन खेत में रखे धान खराब हो सकती है.
पिछले दो दिन से चक्रवाती तूफान का असर साहिबगंज में देखा गया. हर प्रखंड में बारिश लगातार होती रही, इससे जनजीवन भी प्रभावित रहा. इस बीच बारिश से किसान को क्षति हो सकती है और उनकी खेती पर असर पड़ सकता है. बेमौसम बारिश से धान का दाना काला पड़ सकता है. शुक्रवार को बारिश तो रुक गया लेकिन आकाश में बादल छाया है और धूप नहीं निकलने से धान की बाली भींग रहने से उसके सड़ने की संभावना काफी है. दो दिन के बारिश से मौसम पूरी बदल गया है. दिन के तापमान में 2.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है, जिससे ठंड का एहसास काफी होने लगा है.
बेमौसम बारिश से खेती पर पड़े प्रतिकूल असर को लेकर जिला प्रशासन ने किसानों से फसल राहत योजना का लाभ उठाने की अपील कर रही है. इसके लिए किसान अपने नजदीकी प्रज्ञा केन्द्र पर पहुंचकर निबंधन करा लें. अधिकतम पांच एकड़ तक किसान को अधिकतम 20 हजार रुपये तक की क्षतिपूर्ति का लाभ मिल सकता है. 50 प्रतिशत क्षति होने पर प्रति एकड़ 4000 रुपया और 30 से 50 प्रतिशत तक प्रति एकड़ 3 हजार रुपया मिल सकेगा. प्रज्ञा केन्द्र पर किसान की भीड़ उमड़ने लगी है. किसान को कम जमीन होने पर निबंधन नहीं का शिकायत आ रही है.
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारीः इस बाबत जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने कहा कि लगातार दो दिन के बारिश से किसान के धान को क्षति पहुंचने की संभावना है. किसान से अपील है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना फसल राहत योजना का लाभ उठाएं. किसान की फसल नष्ट होने पर लाभ मिल सकता है.
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